मधेपुरा/बिहार: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय मधेपुरा शाखा के सुख शांति भवन में युवा सशक्तिकरण उठो जगत के वास्ते विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार का उदघाटन ब्रह्माकुमारीज संस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रीय प्रभारी राजयोगिनी रंजू दीदी, प्रिंसिपल डॉ. बंदना कुमारी, रागिनी रानी उर्फ डॉली, समाज सेविका प्रीति यादव, साहित्यकार डॉ. प्रमोद कुमार सूरज, श्रृंगी ऋषि सेवा फाउंडेशन के सागर यादव, पूर्व उपाध्यक्ष रामकृष्ण यादव, पप्पू यादव, पूर्व प्रमुख विनय वर्धन खोखा यादव, ब्रह्माकुमारी दुर्गा, संगीता, मौसम ने संयुक्त रूप में दीप प्रज्वलित कर किया।
मौके पर राजयोगिनी रंजू दीदी ने कहा कि आज का युवा कल का भावी समाज है। अगर भावी समाज को अच्छा बनाना है तो वर्तमान के युवा पीढ़ी को मूल्य निष्ठ और सशक्त बनाने की आवश्यकता है। वर्तमान के सशक्त युवा ही भावी समाज को सशक्त बना सकता है। उन्होंने कहा कि जो व्यसन, नशा, कुसंग, फैशन और बुराइयों को त्याग देता है वही सशक्त युवा बनता है। चरित्रवान और गुणवान युवाओं का समाज व देश के लिए बहुत ही आवश्यकता है।
आध्यात्मिक ज्ञान और नैतिक शिक्षा द्वारा युवा पीढ़ी को नई दिशा मिल सकती है। उन्होंने कहा कि सिनेमा, इंटरनेट व टीवी के युग में युवा पीढ़ी पर पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव पड़ रहा है। जिससे युवा पीढ़ी को बचाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी को मेडिटेशन भी सिखाया और कहा कि राजयोग से एकाग्रता बढ़ेगी।
सामाजिक कार्यकर्ता रागिनी रानी यादव ने कहा कि बच्चो के विकास के लिए भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा भी जरूरी है। हर मनुष्य को जीवन मूल्यों की रक्षा करना चाहिए। इन मूल्यों की रक्षा करने वाला अमर बन जाता है।
उन्होंने कहा कि समाज में व्यक्ति ज्ञान और नैतिक व्यवहार से पहचाना जाता है। व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए यह दोनों ही अति आवश्यक है। अगर ज्ञान सफलता की चाबी है तो नैतिकता सफलता की सीढ़ी। एक के अभाव में दूसरें का पतन निश्चित है। नैतिकता के कारण ही विश्वास में दृढ़ता और समझ में प्रखरता आती है। उन्होंने कहा की नैतिक शिक्षा गुणों का विकास करती है। बच्चों को संस्कारों से जोड़ती है । उन्हें उनके कर्तव्यों का ज्ञान कराती है। परिवार, समाज, समूह के नैतिक मूल्यों को स्वीकारना तथा सामाजिक रीति–रिवाजों, परम्पराओं व धर्मों का पालन करना सिखाती है । उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा वह शिक्षा है जो हमें बड़ों का आदर करना, सुबह जल्दी उठाना, सत्य बोलना, चोरी न करना, माता–पिता के चरणस्पर्श करना तथा अपराधिक प्रवृतियों से दूर रहना सिखाती है ।
ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित सेमिनार में सामाजिक कार्यकर्ता प्रीति यादव ने कहा कि युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने से समाज और देश सशक्त और मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि युवाओं में कौशल विकास बढ़ाने में ब्रह्मा कुमारिज अहम भूमिका निभा रही है। प्रीति ने कहा कि युवाओं में नशा और अपराध के प्रति बढ़ रहे प्रवृति को रोकना होगा। उसे समाज की मुख्य धारा में शामिल करने के लिए सरकार की योजनाओं की जानकारी देनी होगी। युवा को अच्छी शिक्षा देकर इसे सशक्त बनाया जा सकता है।
होली क्रॉस स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. वंदना कुमारी ने कहा कि बचपन से ही बच्चों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाने से उन्हें भले–बुरे, उचित–अनुचित का ज्ञान हो जाता है। वह समझने लगता है कि कौन सा व्यवहार सामाजिक है और कौन सा व्यवहार असामाजिक। किन व्यवहारों को करने से समाज में प्रतिष्ठा, प्रंशसा एवं लोकप्रियता मिलती है और किससे नहीं। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज के द्वारा की जा रही प्रयासों के लिए सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया।
पूर्व प्रमुख घैलाढ़ विनय बर्धन खोखा यादव ने कहा कि वर्तमान समाज में बदलाव लाने के लिए युवा पीढ़ी में नैतिक शिक्षाओं का अलख जगाना जरूरी है।
मौके पर समाजसेवी रामकृष्ण यादव, प्रांगण रंगमंच के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार परमार, पप्पू यादव, संगीता यादव, प्रो. सतीश कुमार सिंह, विजय वर्धन, संजय वर्धन, प्रीति कुमारी, सागर यादव, ब्रम्हाकुमारी दुर्गा बहन, मौसम बहन सहित अन्य मौजूद थे।।
ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से युवाओं को नयी दिशा मिलती है तथा समाज में अमन-चैन का माहौल बनता है।
जवाब देंहटाएंडॉ.प्रमोद कुमार सूरज
हटाएं(शिक्षक सह साहित्यकार)
कार्यकारी अध्यक्ष
जन लेखक संघ, मधेपुरा