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रविवार, 6 मार्च 2022

सीएम नीतीश के साथ अनहोनी, सूतक काल (छुतका) में सिंहेश्वर के पुरोहित पांडा ने कराई सीएम को पूजा

राज्य ब्यूरो : मधेपुरा में समाज सुधार यात्रा पर पहुंचे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्तर बिहार के सुप्रसिद्ध सिंहेश्वर स्थान मंदिर में पूजा दर्शन किये। वहां सीएम के दस मिनट के कार्यक्रम को लेकर बाबा  मंदिर को छह घंटे के लिए नो मेंस लैंड बना दिया गया था।  बाबा सिंहेश्वर नाथ के मंदिर को चारों ओर से घेर दिया गया। सभी दुकानदारों को ताकीद कर दी गई थी कि वे अपनी दुकानें बंद रखेंगे। मुख्यमंत्री के जाने के बाद ही उनकी दुकानें खुल सकेंगी। 

सुबह से इंतजार करते-करते इन दुकानदारों की तो आंखें पथरा गई करीब 3:15 मुख्यमंत्री का काफिला बाबा सिंघेश्वर नाथ के दरबार पहुंचा और 15 से 20 मिनट में उन्होंने पूजा अर्चना की और वापस लौट गए। गरीब दुकानदारों का यह विवाद थमा नहीं था कि सिंहेश्वर मंदिर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पूजा कराने को लेकर एक बड़ा धार्मिक विवाद सामने आ गया। आरोप लगाया जा रहा है कि सीएम नीतीश कुमार को  पूजा कराने वाले में  एक पुरोहित व पांडा सूतक काल में रहते हुए मुख्यमंत्री के पूजा में शामिल थे। वे सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति के पूर्व सदस्य भी हैं। हिंदू धर्म के अनुसार अगर किसी परिवार में किसी का निधन हो जाता है तो  मृतक का पूरा क्रियाकर्म 13 दिनों तक किसी भी घर का कोई सदस्य पूजा पाठ और मंदिर में नहीं जाता सकता है। दरसल, मंदिर परिसर से सीएम का काफिला निकलने के साथ ही सिंहेश्वर में इस बात की चर्चा ने जोड़ पकड़ लिया कि सूतक काल में पूजा कराकर पुरोहित पांडा ने सनातन धर्म में अनिष्ट (अनहोनी) को आमंत्रण दिया है।


::: क्या है सूतक काल (छुतका) में पूजा कराने का पूरा मामला


इस संबंध में बताया गया कि मुख्यमंत्री के पूजा में शामिल एक पुरोहित पांडा के चचरे दादी का निधन शिवरात्रि के देर रात हो गई थी। बताया जाता है कि स्व दया ठाकुर की धर्मपत्नी धन्यमाया देवी का निधन एक मार्च को हो गया था। दो मार्च को उनका दाह संस्कार किया गया। छह मार्च तक  उनके यहां त्रयोदशा का कार्यक्रम भी नहीं हुआ था। पुरोहित के अनुसार किसी के घर में मृत्यु होने के बाद परिवार के सभी सदस्यों को सूतक लग जाता है। मृतक का पूरा क्रियाकर्म 13 दिनों तक किसी भी घर का कोई सदस्य पूजा पाठ और मंदिर में नहीं जाता है। फिर सबसे बड़ा सवाल उठता है कि सिंहेश्वर धाम मंदिर के पांडा कैसे इतने बड़े आयोजन की पूजा कराई।

::: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आयरन लेडी इंदिरा गांधी ने भी की थी ऐसी पूजा’:::

देश के प्रधानमंत्री भी ऐसी पूजा कर चुके है। काशी विश्वनाथ धाम के भव्य लोकार्पण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूजा कराने को लेकर यह विवाद सामने आया था। बताया गया कि पीएम मोदी की पूजा कराने वाले अर्चक श्रीकांत मिश्र ने सूतक काल में रहते हुए पूजा कराई थी। वहीं 1980 में देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी सत्ता में वापस आईं तो कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलापति त्रिपाठी ने सूतक ग्रस्त ब्राह्मणों से पूजा करवाई थी उसके बाद उसका क्या दुष्परिणाम सामने आया, यह बोला नहीं जा सकता है।


:: इधर, दुकानदारों को पड़ गए रोजी रोटी को लाले::::


मधेपुरा जिले की धार्मिक नगरी सिंहेश्वर स्थान में रविवार को दोपहर बाद राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाबा के दरबार में अपने उपस्थिति दर्ज कराई करीब बीस मिनट के कार्यक्रम के बाद वे वापस लौट गए। 

उनके इस 20 मिनट के कार्यक्रम ने करीब 500 से 1000 छोटे दुकानदारों की एक दिन की रोजी-रोटी छीन ली। हालांकि मुख्यमंत्री इससे पहले भी कई बार बाबा सिंहेश्वर नाथ के दरबार आ चुके हैं। इन दिनों शिवरात्रि का मेला लगा हुआ है। दो साल के लॉकडाउन के दरम्यान इन दुकानदारों पर आजीविका की आफत थी। अब जब वे संभलने की कोशिश कर रहे हैं, तब ऐसे हालात उन्हें अंदर से तोड़ रहे हैं। प्रशासन और सरकार को इस नजरिए से भी संवेदनशीलता के साथ देखने की जरूरत है।

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