मधेपुरा/बिहार: भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक परिसर स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल साइंस ब्लॉक में बीएनएमयू सेवा शिक्षक संघ की एक पूर्व प्रस्तावित अतिआवश्यक बैठक प्रो पवन कुमार की अध्यक्षता में सोमवार को हुई।
बैठक का संचालन बीएनमुस्टा के महासचिव प्रो डॉ नरेश कुमार ने किया।
बैठक में मुख्य रूप से विचारणीय बिंदु विगत दिनों 16 अप्रैल को एमएड थर्ड सेमेस्टर की परीक्षा में एक सम्मानित सीनियर असिस्टेंट प्रोफेसर/वीक्षक डॉ मोहित कुमार गुप्ता पर एक परीक्षार्थि द्वारा हाथ उठाने, गाली गलौज एवं दुर्व्यवहार करने को लेकर था।
कार्यकारणी संघ की बैठक में सबों ने एक स्वर में इस घटना की जोरदार तरीक़े से निंदा एवं भर्त्सना की।
एमएड थर्ड सेमेस्टर-2024 की परीक्षा के वीक्षण कार्य के दौरान विश्वविद्यालय के एक सम्मानित शिक्षक के साथ एक परीक्षार्थी द्वारा की गई मारपीट एवं अपमानजनक व्यवहार की घटना के विषय पर विस्तार से सभी सदस्यों के साथ चर्चा की गई।
सभी सदस्यों ने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि यह एक अत्यंत ही दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय तथा विश्वविद्यालय की गरिमा के प्रतिकूल है। इस संबंध में केंद्राधीक्षक के द्वारा भी लिखित अभ्यावेदन समर्पित किया गया था, जिसपर अबतक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। इस प्रकार की अनुशासनहीन एवं हिसात्मक घटना समस्त शिक्षक समुदाय के आत्म-सम्मान एवं मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। यह न केवल व्यक्तिगत अपमान का विषय है, बल्कि पूरे शिक्षकीय समुदाय पर एक गहरा आघात है।
विश्वविद्यालय सेवा शिक्षक संघ के सभी सदस्यों ने इस संदेश को कुलपति तक एक ज्ञापन के रूप में पहुंचाने पर सहमति व्यक्त की तथा इस मामले पर पुनर्विचार करते हुए दोषी छात्र के विरुद्ध बिहार परीक्षा अधिनियम, 1981 के अंतर्गत उचित अनुशासनात्मक कार्रवाई करने पर विचार करने की मांग रखी गई, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो। सभी सदस्य इस बात पर सहमत थे कि इस मामले को तत्काल (एक सप्ताह के भीतर) विश्वविद्यालय की अनुशासन समिति के समक्ष रखा जाना चाहिए।
सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागों(पीजी डिपार्टमेंट) में कोई परीक्षा केंद्र नहीं होना चाहिए तथा परीक्षा के दौरान समुचित पुलिस बल व अन्य सुविधाओं के अभाव के कारण हम परीक्षा में किसी भी प्रकार के वीक्षण कार्य स्वीकार नहीं कर सकते।
यदि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मामले का उचित समाधान नहीं किया गया तो बीएनमुस्टा के सदस्य शिक्षकों की गरिमा बहाल करने के लिए अन्य लोकतांत्रिक विकल्प चुनने को बाध्य होंगे।
इस मौके पर प्रो डॉ एमआई रहमान, प्रो डॉ नरेंद्र श्रीवास्तव, प्रो. उमाशंकर चौधरी, प्रज्ञा प्रसाद, डॉ.अरविंद कुमार सिंह, डॉ. मो अबुल फजल, डॉ. बिनोद कुमार दयाल, डॉ. मो एहसान, डॉ. सज्जाद, डॉ. अमरेंद्रकुमार, डॉ. मोहित गुप्ता, डॉ. प्रफुल्ल कुमार, डॉ. आशिम, डॉ. पंचानंद मिश्रा सहित अन्य मौजूद रहे।।
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