● सारंग तनय@मधेपुरा।
मधेपुरा/बिहार: बिहार में एक लाख प्रारंभिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पिछले वर्ष प्रारम्भ हुई थी। हज़ारों नियोजन इकाई में आवेदन के बाद मेधा सूची निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी थी। मेधा सूची प्रक्रिया के दौरान ही शिक्षक भर्ती का मुद्दा बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा रोक दी गई। ऐसे में कई महीने बीतने के पश्चात भी इस पर आज तक ठोस निर्णय नहीं आने के कारण बहाली को पुनः प्रारंभ करने के मुद्दे को लेकर 2 मई रोज शनिवार को सूबे के टीईटी/सीटेट पास शिक्षक अभ्यर्थी द्वारा ट्विटर कैंपेन चलाया गया । शिक्षक भर्ती के इस मुहिम को ट्विटर पर सवा लाख से अधिक लोगों का समर्थन हासिल हुआ । पूरे दिन यह मुद्दा बिहार में प्रथम स्थान पर ट्रेंडिंग करते रहा। भारत में यह मुद्दा टॉप -20 में सफर करता रहा।
बिहार टीईटी/सीटीईटी शिक्षक बहाली मोर्चा के जिलाध्यक्ष रणधीर कुमार ने सरकार पर जान बूझकर मामलें को अटकाने का आरोप लगाते हुए कहा की सरकार बहाली को लेकर एनसीटीई से जबाब के प्रति गंभीर नहीं दिख रही है। अभ्यर्थियों का यह कहना था कि सरकार को एनसीटीई से पुनः जबाब मांगना चाहिए।
बतातें चले कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के आलोक में राज्य में छात्र - शिक्षक अनुपात 30:1 होनी चाहिए, लेकिन बिहार में शिक्षकों के लाखों पद रिक्त हैं और सरकार इसके प्रति गम्भीर नहीं है। सरकार की उदासीनता से राज्य के बच्चों के शैक्षिक अधिकार का हनन हो रहा है। बिहार के छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने से वंचित होते जा रहे हैं। अभ्यर्थियों ने सरकार से अपील किया है कि अब शिक्षा विभाग के कार्यालय खुल रहें हैं तो राज्य सरकार को शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर शीघ्र विचार करनी चाहिए। सरकार की उदासीनता इसी तरह से जारी रही तो लॉक डाउन समाप्ति उपरांत शिक्षक अभ्यर्थी मजबूर होकर सड़क पर उतरने को बाध्य हो जाएंगे। रणधीर कुमार जिला अध्यक्ष शिक्षक बहाली मोर्चा ,आभाष कुमार जिला संयोजक ,अनिल कुमार जिला महासचिव, बबलू कुमार कोषाध्यक्ष, आनंद भूषण प्रमंडलीय अध्यक्ष, शब्बीर आलम उपाध्यक्ष ,बृजेश कुमार मीडिया प्रभारी , सारंग तनय , अनिल, आदिकुंदन कुमार कुदरत, रतन , आलोक , मनोज , मुन्ना ,कार्तिक , तेज नारायण ,अभिनंदन , पूजा प्रिया, सोनी राज, ललन , सौरभ , विनोद , नीलू कुमारी, प्रिती सागर ,निक्की , सोनी ,शबनम ,रंम्भा , काजल , सविता ,सुमन आदि शामिल हैं।।
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