मधेपुरा/बिहार: बीएन मंडल विवि में सीनेट बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने भ्रस्टाचार पर जम कर प्रहार किया। सीनेट के खुले मंच से राज्यपाल आर्लेकर ने कहा कि विश्वविद्यालयों में यूएमआईएस के निजी एजेंसियों द्वारा कुलपति को ब्लैकमेल किया जाता है।
विवि के छात्रों का सभी डाटा बाहर की एजेंसियों के पास होता है। जिस काम को विश्वविद्यालय अपना सॉप्टवेयर डेवलप कर एक करोड़ रुपये में कर सकता है, उसके लिए यूएमआईएस की निजी एजेंसियों द्वारा साढ़े 15 करोड़ रुपये विश्वविद्यालय से लिया जाता है। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को अपना सॉप्टवेयर डेवलप करने का निर्देश दिया गया है, ताकि सभी डाटा विश्वविद्यालय के पास सुरक्षित रहे। राज्यपाल यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि एजेंसी जान बूझ कर एडमिट कार्ड और मार्क्स सीट गलती प्रिंट कर गरीब छात्रों का आर्थिक दोहन करती है। वहीं राज्यपाल ने विश्वविद्यालयो में पेंशन आदि की भुगतान के लिए चढ़ावे की प्रथा पर चोट किया। उन्होंने साफ साफ शब्दों में कहा ऐसे पदाधिकारी अपनी आदतों में सुधार करें। वे वयोवृद्ध पेंशनभोगी की पीड़ा को समझे और रिटायर होने के दिन उनके हाथों में सारा कागजात दे। इससे पहले बीएन मंडल विवि परिसर स्थित प्रेक्षा गृह में सीनेट की वार्षिक बैठक मंगलवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में संपन्न हो गई। इस दौरान विश्वविद्यालय के लिए बजट भी पारित कर दिया गया। इसके साथ ही राज्यपाल ने कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपने विचार भी रखे।
सीनेट की बैठक में कुलाधिपति के सामने कुलपति प्रो. विमलेंदु शेखर झा ने विवि में व्याप्त गड़बड़ी की पोल पट्टी खोल कर रख दी।
बैठक में मुख्य रूप से कुलाधिपति के प्रधान सचिव आरएल चोंग्थू, बीएनएमयू के कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर, एमएलसी डॉ. संजीव कुमार सिंह, डॉ. अजय सिंह, सिंहेश्वर विधायक चंद्रहास चौपाल, विधायक निरंजन मेहता, सहरसा विधायक आलोक झा,
डा संजीव कुमार सिंह, आलोक रंजन झा, डा अजय सिंह, प्रो नरेश कुमार, डा प्रमोद कुमार चंद्रवंशी, मनीषा रंजन, प्रमोद कुमार, ले गौतम कुमार, रंजन यादव अन्य सीनेटर मौजूद थे।
● विश्वविद्यालय के कार्यों में सुस्ती नही चुस्ती आनी चाहिए:
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में सत्र विलंब है। छात्रों की पढ़ाई समय पर पूरी नहीं हो रही है। इसमें सुधार के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। जून से पहले सभी परीक्षाओं को नियमित करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में अनुकंपा का मामला लंबित है। आठ दिनों के अंदर अनुकंपा की बैठकें होनी चाहिए और मामलों का निबटारा किया जाए। राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के कार्यों में सुस्ती नही चुस्ती आनी चाहिए, अभी सुस्त हो चुके हैं। जब हम व्यवस्था में सुधार करेंगे, तब जाकर आने वाली पीढ़ी हमको दुआएं देगी।
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