मधेपुरा/बिहार: बीएनएमयू के इतिहास में सीनेट की अध्यक्षता पहली बार कुलाधिपति सह राज्यपाल ने की। इस ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने की जगह विवि. ने इसे दागदार बना दिया। सीनेट की बैठक के दौरान चाय-पानी की व्यवस्था नहीं रहने पर बुजुर्ग सदस्यों को काफी परेशानी हुई। वे गर्मी में पानी के लिए तरसते रहे।
बैठक सम्पन्न होने के बाद खाना खाने खाने गए सदस्यों ने कुव्यवस्था पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। वहां मौजूद सदस्यों ने खाना में महक आने पर आक्रोश व्यक्त किया। साथ ही खाना फेंक कर कई सदस्य बिना खाना खाए वापस लौट गए। वहां खुले आसमान में पेड़ के नीचे खाने की व्यवस्था थी। इस दौरान कई सदस्यों ने विवि. पदाधिकारी के इस व्यवस्था पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सिंडिकेट की बैठक में इस खर्च को मंजूरी नहीं मिले।
नाराज आंगतुक अतिथि ने कहा कि सीनेट के बैठक में शामिल होने वाले सदस्यों को तीन घंटे तक चली बैठक में न तो चाय मिली और न ही एक गिलास पानी। बैठक मंच से कहा गया कि बैठक सम्पन्न होने के बाद सभी भोजन करके प्रस्थान करेंगे। लेकिन मीडिया कर्मियों के लिए न तो कोई पास की व्यवस्था की गयी थी।
जबकि कई विधान पार्षद(एमएलसी) और विधायक(एमएलए) तथा अन्य सीनेटर भोजन करने कुलसचिव आवास पहुंचे तो व्यवस्था देख सभी हतप्रभ रह गये। मंजर लदे आम के वृक्ष तले कुछ कुर्सी और टेबल लगाकर भोजन की व्यवस्था को देख सभी भड़क गये और नाराजगी व्यक्त करते वहां से निकल पड़े।
प्रतिक्रिया व्यक्त करते कहा कि बीएन मंडल विश्वविद्यालय में पहले कभी भी ऐसी कुब्यवस्था नहीं देखी गयी।सीनेट की बैठक के नाम पर तो लाखों का खर्च दिखाया ही जाएगा । लेकिन आमंत्रित लोगों के लिए सही तरीके से एक गिलास पानी,चाय-कॉपी की व्यवस्था भी नहीं की गयी।।
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