● Sarang Tanay@Madhepura.
मधेपुरा/बिहार: विश्वविद्यालय हमारे पुरखों की एक साझी धरोहर है। इस धरोहर के संरक्षण एवं संवर्धन की जिम्मेदारी हम सबों की है। हम सभी विश्वविद्यालय के समग्र शैक्षणिक उन्नयन में सकारात्मक सहयोग दें और अपने-अपने हिस्से की जिम्मेदारी निभाएं। हम सबसे साथ एवं सबके प्रयास से ही विश्वविद्यालय आगे बढ़ेगा और विकास की गति तेज होगी।
उक्त बातें कुलपति डॉ.आर.के.पी.रमण ने कही। वे शनिवार को अधिषद् के 22वें अधिवेशन में अध्यक्ष के रूप में बोल रहे थे।
इस अवसर पर कुलपति ने विश्वविद्यालय का वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन एवं कार्ययोजनाओं को प्रस्तुत किया।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय नियम-परिनियम के अनुरूप कार्य करने हेतु प्रतिबद्ध हैं। कोरोनाकाल में विभिन्न समितियों/निकायों की बैठकें आयोजित करने में काफी कठिनाइयां हुईं। लेकिन विपरित परिस्थितियों के बावजूद हमने सफलतापूर्वक सभी बैठकों का आयोजन किया और आज हम अधिषद् की बैठक में उपस्थित हैं। विश्वविद्यालय अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप सामान्य स्थिति में सिंडिकेट की बैठक प्रत्येक माह आयोजित होंगी और प्रत्येक वर्ष सीनेट के दो अधिवेशन होंगे- एक बजट अधिवेशन और दूसरा एकेडमिक अधिवेशन।
● 2022-23 में नैक मूल्यांकन का है लक्ष्य:
नैक मूल्यांकन विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी कार्य इसी को ध्यान में रखकर किए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण एवं अन्य विविध कारणों से इस दिशा में अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है। लेकिन मुझे विश्वास है कि आप सबों के समवेत प्रयास से 2022-23 में नैक मूल्यांकन का लक्ष्य पूरा होगा। इसके लिए आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) को जल्द ही पुनर्गठित किया जाएगा।
कोरोनाकाल में विश्वविद्यालय में लगातार कई सेमिनार/वेबिनार आयोजित किए गए। दर्शनशास्त्र विभाग के तत्वावधान में 05-07 मार्च 2021 में दर्शन परिषद्, बिहार का 42वां वार्षिक अधिवेशन एवं नवंबर 2021 में "राष्ट्रवाद : कल आज और कल" विषयक राष्ट्रीय सेमिनार और 27-28 जनवरी 2022 में 'सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के विविध आयाम' विषयक एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया है। मधेपुरा काॅलेज, मधेपुरा में जनवरी, 2021 में "शिक्षा के बदलते परिदृश्य एवं चुनौतियां" और सितंबर में "मैथिली साहित्य" से संबंधित राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। आर.एम. कॉलेज, सहरसा में लक्ष्मीनाथ गोसाई के जीवन एवं दर्शन को केंद्र में रखकर सेमिनार का आयोजन किया गया। बी.एन.एम. भी. कॉलेज(कोमर्स कॉलेज), मधेपुरा में नवंबर 2021 में 'पर्यावरण संरक्षण' विषयक राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित हुआ। आगे 22 मार्च 2022 को विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर में एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन की तैयारियां चल रही हैं। आगे हम भूपेंद्र नारायण मंडल के जीवन एवं दर्शन को केंद्र में रखकर एक सेमिनार का आयोजन करने जा रहे हैं।
● होगा चौथा दीक्षांत समारोह:
कुलपति ने बताया कि
राजभवन सचिवालय, पटना से निर्देश प्राप्त कर वर्ष 2022 में चौथा दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाएगा। सीनेट की बैठक के बाद हम दीक्षांत समारोह की तैयारियों में लगेंगे, जिसमें हमें आप सभी माननीय सदस्यों के विशेष सहयोग की अपेक्षा है।
●सेहत केंद्र:
कुलपति ने बताया कि
बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित
बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, पटना के तत्वावधान में जुलाई 2021 में टी. पी. कॉलेज, मधेपुरा में सेहत केंद्र की स्थापना की गई थी। केंद्र के माध्यम से लगातार स्वास्थ्य जागरूकता हेतु सेहत संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है और एक सेहत पार्क भी विकसित किया जा रहा है। इस सेहत केंद्र के कार्यों से प्रभावित होकर समिति द्वारा आर.एम. कॉलेज, सहरसा एवं बी.एस.एस.कॉलेज, सुपौल में भी सेहत केंद्र की स्वीकृति प्रदान की गई है।
● जारी होगी मौलिक नियुक्ति की तिथि:
बिहार लोक सेवा आयोग, पटना की अनुशंसा में वर्ष 2016- 2020 तक नियुक्त शिक्षकों की सेवासंपुष्टि हो गई है। शीघ्र ही वर्ष 2003 एवं 2016- 2020 तक नियुक्त शिक्षकों की मौलिक नियुक्ति की तिथि जारी की जाएगी। इस कार्य के त्वरित निष्पादन हेतु उप कुलसचिव (अकादमिक) को जिम्मेदारी दी गई।
कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना एवं विकास में अहम योगदान देने वाले संस्थापक कुलपति सह पूर्व सांसद प्रोफेसर डॉ. रमेंद्र कुमार यादव 'रवि' की आदम कद प्रतिमा लगाने हेतु भूखंड चिह्नित करने का निर्णय लिया गया है। इसके पूर्व अतिथिशाला में जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा लगाने हेतु स्थल का शिलान्यास किया गया है।
● सीट वृद्धि हेतु प्रयास: स्नातकोत्तर(पीजी) स्तर पर विभिन्न विषयों में लगभग 714 सीटों की वृद्धि विश्वविद्यालय की एक बड़ी उपलब्धि है। स्नातक स्तर पर भी सीट वृद्धि हेतु बिहार सरकार को प्रस्ताव प्रेषित है और इसके लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। 17 संबद्ध महाविद्यालयों को संबंधन दिया गया है। इससे भी हमारे हजारों विद्यार्थियों का नामांकन हो सकेगा।
● पद सृजन का प्रयास:
अभी विश्वविद्यालय के सिर्फ 9 विषयों यथा- भौतिकी, रसायनशास्त्र, वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान, गृह विज्ञान, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, भूगोल एवं वाणिज्य के स्नातकोत्तर विभागों में शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के पद सृजित हैं। हम शेष विषयों यथा- इतिहास, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र, हिंदी एवं अंग्रेजी आदि के स्नातकोत्तर विभागों में भी शिक्षकों एवं कर्मचारियों के पद-सृजन हेतु प्रयासरत हैं। इसके लिए बिहार सरकार को प्रस्ताव भी प्रेषित है और आशा है कि वहां से शीघ्र ही सकारात्मक उत्तर मिलेगा।
● पीजी की पढ़ाई शुरू:
बीएसएस कॉलेज, सुपौल में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू होना हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे विद्यार्थियों को काफी सुविधा होगी। विश्वविद्यालय मुख्यालय एवं स्नातकोत्तर पश्चिमी परिसर, सहरसा में शेष कुछ विषयों तथा जिला मुख्यालयों अवस्थित अंगीभूत महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की कार्रवाई की जा रही हैं। अन्य महाविद्यालयों में भी विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने का प्रयास जारी है। जिस विषय में स्नातकोत्तर में नामांकन हेतु विद्यार्थियों का ज्यादा आवेदन आता है, उसे वैसे महाविद्यालयों में शुरू किया जाएगा, जहां उस विषय की स्नातक (प्रतिष्ठा) स्तर पर पढ़ाई होती है। अनुमंडल स्तर पर एच. पी. एस. कालेज, निर्मली और एल. एन. एम. एस. कालेज, वीरपुर में स्नातकोत्तर की पढ़ाई शुरू करने की योजना है।
व्यावसायिक एवं रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के संचालन की दिशा में प्रभावी कदम उठाया जा रहा है। रामचंद्र विद्यापीठ, सहरसा में फिजियोथेरेपी, एक्यूपेशनल थेरेपी, रेडियो इमेजिंग टेक्नोलॉजी एवं मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी कोर्स की शुरूआत की गई है। विश्वविद्यालय मुख्यालय में एमबीए एवं एमसीए और पीजी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन हेतु शीघ्र प्रस्ताव भेजा जाएगा। पी.जी. डिप्लोमा इन स्ट्रेस मैनेजमेंट का पाठ्यक्रम एवं परीक्षा विनियम तैयार हो गया है और पी.जी. डिप्लोमा इन योग पाठ्यक्रम के लिए समिति का गठन हो चुका है।
शोध(रिसर्च) की गुणवत्ता को बरकरार रखने हेतु 'प्लेगरिजम डिक्टेशन सेंटर' की स्थापना की गई है और प्लेगरिजम संबंधी प्रावधान पीएटी-2019 (PAT-2019) से लागू किया गया है।
● होगा छात्र-शिक्षक संवाद एवं अभिभावक-शिक्षक संवाद:
कोरोनाकाल में राजभवन के निदेशानुसार नियमित रूप से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया गया। लेकिन अब कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निर्धारित सभी दिशानिर्देशों (एसओपी) का पालन करते हुए ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने का भी आदेश प्राप्त हो गया है। सभी शिक्षकों से अपील है कि वे पूरी तैयारी के साथ कक्षा में जाएँ और विद्यार्थियों से भी अपील की है कि वे नियमित रूप से कक्षा में आएँ। इसमें अभिभावकों से भी सहयोग की अपेक्षा है। कक्षाओं के सुचारू संचालन के लिए समय-समय पर छात्र-शिक्षक संवाद एवं अभिभावक-शिक्षक संवाद का आयोजन किया जाएगा।
अंत में कुलपति ने सभी पदाधिकारियों, शिक्षकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों से भी अपील की कि वे सभी अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का सम्यक् निर्वहन करें और विश्वविद्यालय के विकास में अपना सर्वोत्तम योगदान दें।
हम सब मिलकर काम करेंगे, तो विश्वविद्यालय की यश, कीर्ति एवं ख्याति दूर-दूर तक जाएगी।
● सदस्यों ने उठाया प्रस्ताव:
अध्यक्षीय अभिभाषण पर कई सदस्यों ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया और अपनी-अपनी बात रखी। इनमें विधान पार्षद् डॉ. संजीव कुमार सिंह, विधायक त्रय अनिरुद्ध प्रसाद यादव, गूंजेश्वर साह एवं प्रो. चंद्रशेखर, पूर्व विधायक लखन ठाकुर, डॉ जवाहर पासवान, डॉ. अरुण कुमार, डॉ. कमलेश कुमार, डॉ. शैलेश्वर प्रसाद यादव, दिनेश यादव, डॉ. ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी, बुलबुल सिंह, अरुण यादव, डॉ. अमरदीप, बुलबुल सिंह, डॉ. नरेश कुमार, मनीषा रंजन, डॉ. प्रमोद कुमार चंद्रवंशी, रंजन कुमार, भवेश कुमार आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
● प्रतिकुलपति ने प्रस्तुत किया बजट:
बैठक में प्रति कुलपति डॉ. आभा सिंह द्वारा बजट अभिभाषण प्रस्तुत किया। तदुपरांत लगभग 8 अरब 53 करोड़ का संशोधित वार्षिक बजट सर्वसम्मति से पास किया गया। इसमें आंतरिक स्रोत से एक अरब 57 करोड़ आय दिखाया गया है, जबकि सरकार से 6 अरब 96 करोड़ रुपए की मांग की गई है।
● विभिन्न सदस्यों ने प्रस्तुत की अलग-अलग कार्यावली:
बैठक में विभिन्न सदस्यों ने अलग-अलग कार्यावली प्रस्तुत की। डॉ. जवाहर पासवान ने गत अधिषद् की बैठक की कार्रवाई का सम्पुष्टि प्रस्ताव और शोभाकांत कुमार ने गत अधिषद् की बैठक में लिए गए निर्णय का अनुपालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डॉ. कैलाश प्रसाद यादव ने वर्ष 2020-21 द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन और डॉ. पवन कुमार वास्तविक आय-व्यय का लेखा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
डॉ. अरुण कुमार खां ने विभिन्न प्राधिकारों/निकायों/ समितियों के कार्यवृत का अनुमोदन प्रस्ताव और डॉ. रामनरेश सिंह ने विभिन्न महाविद्यालयों में संबंधन, नवसंबंधन, पदसृजन एवं सीट वृद्धि संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत किया। कै. गौतम कुमार ने अधिषद् सदस्यों से प्राप्त प्रश्नों के उत्तर की प्रस्तुति की और डॉ. विश्वनाथ विवेका शोक प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इसमें विश्वविद्यालय परिवार के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर दिवंगत लोगों को भी श्रद्धांजलि दी गई। इनमें वाजिद खां, इरफान खां, ऋषि कपूर, योगेश गौर, मोहित बघेल, सिद्धार्थ शुक्ला, विपीन रावत, रोहित सरदाना, विनोद दुआ, दिलीप कुमार, पुनीत राजकुमार, सुंदर लाल बहुगुणा, मिल्खा सिंह, लता मंगेशकर, बप्पा लाहिरी, ओम प्रकाश आदि के नाम शामिल हैं।
बैठक के प्रारंभ में कुलसचिव ने इससे संबंधित राज्यपाल सचिवालय, पटना से प्राप्त अधिकृति पत्र प्रस्तुत किया और कोरम पूरा होने की घोषणा की।
मंच संचालन कुलसचिव डॉ मिहिर कुमार ठाकुर ने किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में राष्ट्र गीत 'वंदे मातरम्', कुलगीत एवं स्वागत गान की प्रस्तुति हुई। अंत में राष्ट्र गान 'जन-गण-मन' के सामूहिक गायन के साथ बैठक संपन्न हुई।
इस अवसर पर पूर्व कुलपति डॉ. जयकृष्ण प्रसाद यादव, विधान पार्षद् नूतन सिंह, डॉ. के. पी. यादव आदि उपस्थित थे।बैठक के आयोजन में निदेशक (शै.) डॉ. एम. आई. रहमान, उप कुलसचिव (शै.) डॉ. सुधांशु शेखर, क्रीड़ा सचिव डॉ. अबुल फजल, उप सचिव डॉ. शंकर कुमार मिश्र, सीसीडीसी डॉ. इम्तियाज अंजूम, कुलपति के निजी सहायक शंभु नारायण यादव आदि ने सहयोग किया।।
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