मधेपुरा: बाबा साहेब के तीन मूल मंत्रों को है आत्मसात करने की जरूरत: डॉ.जवाहर पासवान... - News Express Now :: Hindi News, Latest News in Hindi, Breaking News, | हिन्दी न्यूज़ लाइव

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

शुक्रवार, 16 अप्रैल 2021

मधेपुरा: बाबा साहेब के तीन मूल मंत्रों को है आत्मसात करने की जरूरत: डॉ.जवाहर पासवान...

मधेपुरा/बिहार: शहर के भिरखी में बोधिसत्व ज्ञान के प्रतीक भारतीय संविधान के शिल्पकार विश्व विभूति बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर की 130 वी जयंती समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाई गई जयंती। समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के सिनेट- सिंडिकेट सदस्य डॉ. जवाहर पासवान ने किया उन्होंने उद्घाटन भाषण के दौरान कार्यक्रम में शिरकत कर रहे श्रद्धालुओं से कहा कि 14 अप्रैल को बाबा साहब की जयंती हर्षोल्लास से मनाया जाना और 6 दिसंबर को उनकी परिनिर्वाण दिवस पर घड़ियाली आंसू बहाने से हमारे बहुजन समाज का कल्याण नहीं हो सकता है। उसके लिए हमें बाबा साहब का अनुयाई बनकर उनके पद चिन्हों पर चल कर ही राष्ट्र और समाज को विकास की ओर ले जाया जा सकता है। 1956 में आगरा के रामलीला मैदान में बाबा साहब ने रोते हुए कहा था हमारे समाज के पढ़े-लिखे लोगों ने ही हमें धोखा दिया है आज बाबा साहब की वाणी बिल्कुल सत्य प्रतीत हो रहा है।
 डॉ. पासवान ने कहा कि शिक्षा ही एक ऐसी कुंजी है जिससे दुनिया की हर क्षेत्र में बंद पड़े तालों को खोला जा सकता है। आज जरूरत है बाबा साहब के तीन मूल मंत्रों को आत्मसात करने के साथ साथ संविधान की रक्षा करने का। बाबा साहब का 22 प्रतिज्ञा भी हमारे समाज को कभी भी नहीं भूलना चाहिए आज हमारे समाज के हर व्यक्ति के घरों में धार्मिक ग्रंथ मिल सकता है, परंतु बाबा साहब का लिखित संविधान नहीं मिलता है। जबकि यह देश संविधान से चलता है जरूरत है देश में संविधान पर अमल करने की।
 मुख्य अतिथि के रूप में युवा समाजसेवी चंद्र शेखर कुमार ने कहा कि ऐसी शुभ अवसर पर मान्यवर कांशी राम साहब को धन्यवाद देना नहीं भूल सकता हूं जिन्होंने महामानव बोधिसत्व बाबा साहब डॉ अंबेडकर ऐसे महान युगपुरुष के विचारों को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम किया ।इलाहाबाद विश्वविद्यालय ऐसे जगह पर जहां किताबों की अंबार लगा रहती है वहां बाबा साहब का एक ही किताब नहीं मिलता था आज देश के कोने कोने में बाबा साहब का लिटरेचर लोगों को प्राप्त है। जरूरत है हमें भी चुप होकर अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने का नहीं तो मुट्ठी भर लोग इस देश का हुक्मरान बना ही रहेगा । विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर  परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रामकृष्ण यादव ने कहा कि आज संपूर्ण विश्व बाबा साहब के जन्मदिन को समता दिवस के रूप में मना रहा है और आज भी देश में जाति पति के नाम पर खेल खेला जा रहा है ऐसे मौके पर हमें भाईचारा कायम करने का संकल्प लेना चाहिए।
  युवा राजद नेता राजेश रजनीश, संतोष कुमार संतोषी  एवं अमरेश कुमार ने कहा कि जब तक हमारा समाज शिक्षित नहीं होगा देश आगे नहीं बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षित राष्ट्र के बिना श्रेष्ठ राष्ट्र की कल्पना नही की जा सकती है।
अनुसूचित जाति/जनजाति सेल राजद जिलाध्यक्ष योगेन्द्र राम ने कहा कि हमारे समाज के अत्यधिक लोग आज भी मनुस्मृति के महाजाल से नही निकल सके है जिस कारण अपने बच्चे को शिक्षालय के बजाय देवालय की ओर भेजते है।
   भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के बिहार राज्य प्रभारी डॉक्टर सुभाष पासवान ने कहा बाबा साहब अंबेडकर ने भारत में मानवता को स्थापित करने के लिए अपने चार चार बच्चे, पत्नी रमाबाई सहित अपने भी राष्ट्र और समाज के लिए कुर्बान हो गए। आज हमारा समाज इन बातों को समझ ही नहीं पा रहा है उनको लगता है कि यह आजादी हमें खैरात में मिली है। बाबा साहब कहा करते थे जिस समाज में 10 डॉक्टर 20 इंजीनियर 30 वकील होगा उस समाज के ऊपर कोई आंख उठा कर भी नहीं देख सकता आज हजारों की संख्या में पढ़े लिखे लोग हैं फिर भी लोकतंत्र का चीरहरण हो रहा है। बाबा साहब के बच्चे मुखक दर्शक बन बैठे हैं। आज व्यवस्था पर काबिज लोग संविधान की  धज्जियां उड़ा रहा है। अब जरूरत है जन जागृति द्वारा जन आंदोलन का निर्माण कर व्यवस्था परिवर्तन करने का, तभी बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर के सपनों का भारत बनेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी सेवानिवृत्त शिक्षक कमल दास ने किया।
 मौके पर विजय राम ,श्याम राम,भूषण राम, सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Bottom Ad

Pages