मधेपुरा। बीएनएमयू के अधीन एचएस कॉलेज उदाकिशुनगंज में वर्षों से बंद पड़े पुस्तकालय को विषधर सांपों ने अपना डेरा बना लिया है। कॉलेज में शिक्षण कार्य नहीं होने और पुस्तकालय को करीब दो दशकों से नहीं खोले जाने से विवि और कॉलेज प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है। एचएस कॉलेज में जहरीले सर्प का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि प्राध्यापक, कर्मचारी और छात्रों को कॉलेज कैंपस में जाने से डरने लगें हैं।
छात्रों का कहना है कि जब ठंड के मौसम में कॉलेज परिसर में दिन में जहरीले सर्प को देखा जा रहा है तो गर्मी और बरसात तो अभी बाकी ही है। कर्मचारी और छात्रों के बीच सिर्फ जहरीले सर्प की ही चर्चा हो रही है। बीते गुरुवार को कॉलेज में अचानक उस समय अफरा-तफरी मच गयी। जब कॉलेज के नव मनोनीत प्रधानाचार्य डॉ. रामनरेश सिंह कर्मचारियों से बंद पड़े लाइब्रेरी को शिक्षक व छात्रों के लिए खोलने का निर्देश दिया। प्रधानाचार्य के निर्देश के बाद कर्मचारी लाइब्रेरी खोलने का प्रयास कर ही रहे थे कि अंदर से सांप के फूंफकार की आवाज सुनाई दी। जैसे ही लाइब्रेरी के कमरे का दरबाजा खोला गया, कर्मी सांप को देख कांपने लगे। कुछ ही समय बाद कई सांप लाइब्रेरी के कमरे में नजर आने लगे। सांप को देखकर प्राचार्य भी हतप्रद हो गये।
इस दौरान कर्मचारियों और छात्रों के बीच अफरातफरी मच गयी। इसके बाद पास के गांव से सांप पकड़ने वाले शंभू साहनी को बुलाया गया। उन्होंने पहले दिन तीन और दूसरे दिन तीन विषधर सांप को पकड़ा। सांप पकड़ने वाले शंभू का कहना है कि लाइब्रेरी के कमरे में करीब एक दर्जन से अधिक विषधर सांप मौजूद है।



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