मधेपुरा। भूपेंद्र बाबू समाजवाद के जीती-जागती मिशाल थे। उनके नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना इस क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। इस विश्वविद्यालय के साथ भूपेंद्र बाबू का नाम जुड़ा है, इससे इसकी महत्ता बढ़ जाती है। यह बातें भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. राम किशोर प्रसाद रमण ने कही।
वे बीएनएमयू के प्रेक्षागृह में सोमवार को भूपेंद्र नारायण मंडल जन्मोत्सव सह स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन एवं अध्यक्षता कर रहे थे। कुलपति डॉ. आरकेपी रमण ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि भूपेंद्र बाबू के विचारों को जन-जन तक पहुंचाना ही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
उन्होंने कहा कि बीएनएमयू के विकास में हम सबों को अपनी-अपनी भागीदारी निभानी होगी। हम सभी ईमानदारीपूर्वक अपने-अपने कर्तव्यों का समुचित निर्वहन करेंगे, तो निश्चित रूप से विश्वविद्यालय का विकास होगा।
कुलपति ने कहा कि उनका दो मुख्य उद्देश्य है,नैक मूल्याकंन एवं पठन-पाठन को पटरी पर लाना। उन्होंने कहा कि हम सबों का यह दायित्व है कि हम छात्र-छात्राओं को कक्षा तक लायें। जिस दिन यह हो जायेगा, उसी दिन हम सबों का सपना पूरा होगा।
स्थापना दिवस समारोह में मौजूद मुख्य अतिथि प्रति कुलपति प्रो डा आभा सिंह ने कहा कि भूपेंद्र बाबू आजीवन अपनी मातृभूमि को गौरवान्वित करने के लिए प्रयासरत रहे। वे स्कूली जीवन से ही राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत थे। राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें स्कूल से निष्कासित भी कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र बाबू ईमानदारी के प्रतीक थे। उन्होंने राजनीति में भी त्याग का प्रतिमान स्थापित किया। वे लोकसभा एवं राज्यसभा दोनों के सदस्य चुने गये थे। दोनों सदनों में वे अपनी बात को काफी मजबूती से रखते थे। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि स्नातक स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को भूपेंद्र नारायण मंडल स्काॅलरशिप प्रदान की जाय।
टीपी कॉलेज के राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डॉ. केएन ठाकुर ने कहा कि भूपेंद्र बाबू सादगी एवं ईमानदारी के प्रतिक थे। हमें इन दोनों गुणों को जीवन में अपनाना चाहिये। टीएमबीयू के पूर्व प्रति कुलपति प्रो. डॉ. केके मंडल ने कहा कि भूपेंद्र बाबू ने समाजवाद को जमीन पर उतारा। वे दूसरों के दर्द को पहचानते थे। पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला ने कहा कि भूपेंद्र बाबू के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है। इनका जन्मोत्सव बड़े पैमाने पर मनाया जाना चाहिये। पूर्व प्रधानाचार्य डा रामभजन मंडल ने कहा कि विवि को भूपेंद्र बाबू के विचारों के अनुरूप आगे बढ़ाने की जरूरत है। स्थापना दिवस समारोह में मौजूद बीएनएमयू के कुलसचिव डॉ. कपिलदेव प्रसाद ने कहा कि इस वर्ष से विवि स्थापना दिवस एवं भूपेंद्र नारायण मंडल जयंती को वार्षिक कैलेंडर में भी शामिल किया गया है। सभी अंगीभूत, संबद्ध एवं निजी महाविद्यालयों एवं स्नातकोत्तर विभागों को इस अवसर पर कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। डॉ. भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि भूपेंद्र बाबू राम मनोहर लोहिया के अत्यंत करीबी थे।
पूर्व प्रधानाचार्य सह पूर्व सिंडिकेट सदस्य डॉ. परमानंद यादव ने कहा कि विवि में शैक्षणिक माहौल बनाना ही भूपेंद्र बाबू के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
बीएनएमयू स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत प्रशासनिक भवन परिसर में स्थापित भूपेंद्र नारायण मंडल की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुई। समारोह में मौजूद अतिथियों के हाथों भूपेंद्र बाबू की संक्षिप्त जीवनी का भी लोकार्पण किया गया। पार्वती विज्ञान महाविद्यालय की डॉ. हेमा कुमारी कश्यप एवं उनके सहयोगियों ने स्वागत गान प्रस्तुत किया। सबों ने मिलकर बीएनएमयू कुलगीत का गायन किया। इस अवसर पर डीएसडब्लू डॉ. अशोक कुमार यादव, डॉ. नरेश कुमार, डॉ. जवाहर पासवान, डॉ अमोल राय, डॉ इम्तियाज अंजूम, डॉ अशोक कुमार, डॉ भावानंद झा, शैलेंद्र कुमार यादव, डॉ एमएस पाठक, डॉ ललन प्रसाद अद्री, प्रज्ञा प्रसाद, रंजन यादव आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के आयोजन में आयोजन समिति के संयोजक निदेशक अकादमिक डॉ एमआई रहमान, सह संयोजक जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ सुधांशु शेखर, महाविद्यालय निरीक्षक विज्ञान डॉ उदयकृष्ण, वित्त पदाधिकारी रामबाबू महतो, परिसंपदा पदाधिकारी डॉ गजेंद्र कुमार, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव, केंद्रीय पुस्तकालय के पृथ्वीराज यदुवंशी आदि ने सहयोग किया।
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