मधेपुरा। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर स्वामी विवेकानंद शिक्षा जागृति युवा मंच द्वारा आयोजित "बेटी एक वरदान" कार्यक्रम में बेटियों को सम्मानित किया गया। जिले में सांस्कृतिक एवं सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाली संस्था प्रांगण रंगमंच से जुड़े दो सदस्यों गरिमा उर्विशा और कविता पूनम को आइकॉन के रूप में सम्मानित किया गया। इसके अलावे समाज में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रांगण रंगमंच को भी मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। मालूम हो कि राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित बेटी एक वरदान कार्यक्रम का उद्घाटन सुपौल उत्पाद एवं मद्य निषेध की इंस्पेक्टर कुमारी पल्लवी झा सहित अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया।
बता दें कि प्रांगण रंगमंच की मीडिया प्रभारी गरिमा उर्विशा सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं। जब किसी बीमार को रक्त की जरूरत पड़ती है तो आगे आकर उसकी मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहती है। वहीं कविता पूनम आर्ट एंड क्राफ्ट की एक कुशल आर्टिस्ट हैं। वे प्रांगण रंगमंच से जुड़कर हर सामाजिक कार्य में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आगे रहती हैं। कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान उन्होंने अपने हाथों से लगभग एक हजार मास्क बनाकर जरूरतमंदो के बीच वितरण किया था। दोनों बेटियों के सम्मानित होने पर प्रांगण रंगमंच के मुख्य संरक्षक प्रो. प्रदीप कुमार झा ने उन्हें बधाई दी।
उन्होंने कहा कि प्रांगण रंगमंच संस्था की स्थापनाकाल से ही समाज के बीच एक अलग पहचान स्थापित की हुई है। जिस उद्देश्य से इस संस्था की स्थापना की गई थी, उसी उद्देश्य पर संस्था लगातार काम कर रही है और आगे भी जनसहयोग से सामाजिक कार्यों में प्रांगण रंगमंच कर्मी हमेशा तत्यपर रहेगी। प्रांगण रंगमंच के अध्यक्ष डॉ. संजय परमार ने सबों को धन्यवाद देते हुए कहा कि बालिका दिवस के अवसर पर संस्था से जुड़ी दो बालिकाओं को आइकॉन के रूप में सम्मानित किया जाना यह अपने आप में गौरव की बात है।
बता दें कि "बेटी एक वरदान" कार्यक्रम जो पूरी तरह समाज की प्रतिभावान बेटियों को समर्पित है, इसका उद्घाटन सहरसा जिले के सुदूर प्रांत पहलाम में रविवार को बालिका दिवस के अवसर पर विवेकानंद शिक्षा जागृति युवा मंच के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कोसी की प्रतिभावान बेटियों को सफलता के शिखर तक पहुँचाना है। इस कार्यक्रम के तहत इस संस्था ने कुछ जरूरतमंद बेटियों को गोद लिया है, जिनकी पढ़ाई से शादी तक की जिम्मेदारी का निर्वहन विवेकानंद शिक्षा जागृति युवा मंच करेगी।
बता दें कि "बेटी एक वरदान" कार्यक्रम जो पूरी तरह समाज की प्रतिभावान बेटियों को समर्पित है, इसका उद्घाटन सहरसा जिले के सुदूर प्रांत पहलाम में रविवार को बालिका दिवस के अवसर पर विवेकानंद शिक्षा जागृति युवा मंच के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कोसी की प्रतिभावान बेटियों को सफलता के शिखर तक पहुँचाना है। इस कार्यक्रम के तहत इस संस्था ने कुछ जरूरतमंद बेटियों को गोद लिया है, जिनकी पढ़ाई से शादी तक की जिम्मेदारी का निर्वहन विवेकानंद शिक्षा जागृति युवा मंच करेगी।
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