मधेपुरा/बिहार: दो दिवसीय(27-28 जनवरी) राष्ट्रीय सेमिनार के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में सामाजिक सांस्कृतिक और साहित्यक 'सृजन दर्पण' संस्था के रंगकर्मीयों ने मधेपुरा महाविद्यालय मधेपुरा में रंगकर्मी बिकास कुमार के द्वारा निर्देशित 'सद्भावना' नाटक का संदेशप्रद प्रस्तुति की गयी। कलाकारों ने नाटक के माध्यम से जीवन में मानवतावादी मूल्यों की महत्ता को अपने जीवंत अभिनय से मंच पर दिखाने का प्रयास किया। धैर्य, नम्रता, इमानदारी जैसी सद्भावना से ही लोगों को सुख-शांति मिल सकती है इसके अभाव में समस्त साधन अंत में दु:खदायी हो जाता है।
इस जीवन सत्य को नाटक के माध्यम से दर्शकों ने सहजता से अनुभव किया।नाटक के नायक सक्सेना शांतिबाई कंसट्रेक्सन के मालिक धन को सर्वोपरि मानता है। उसका मानना है पैसा से सबकुछ हासिल हो सकता है। इस कारण उसमें क्रोध, अहंकार, लोभ भर गया। हृदय की नम्रता, इमानदारी, धैर्यता जैसे भावनाएँ धीरे- धीरे गायब हो गयी। अंत में कम्पनी के डूबने और बेटे के दुर्घटनाग्रस्त होने से बैचेन हो गये। डाँक्टर ने र्धर्य रखने और आराम करने की सलाह दी। तब उन्हें अपने किये का पश्चाताप होने लगा, और फिर धीरे धीरे उसके सामने सद्भावनाएँ उपस्थित होने लगी। पश्चाताप की आग में जलकर हृदय शुद्ध होने लगा। इसी भाव की अभिव्यक्ति रंगकर्मीयों ने अपने सशक्त अभिनय से दिखाया। नाटक में मूखरूप से पुष्पा कुमारी, रितिका कुमारी, अंजली कुमारी, राखी कुमारी, कृतिका रंजन, सुशील कुमार, सुमन कुमार और ओमेद्र कुमार ने बहेतरीन अभिनय किया । नाटक को सफल बनाने में सृजन दर्पण के अध्यक्ष डा.ओम प्रकाश ओम, वरीय सदस्य शंभुशरण सिंह आदि ने अहम भूमिका निभाये। मौके पर महाविद्यालय प्रधानाचार्य डा.अशोक कुमार, डॉ.अमोल राय , जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ.सुधांशु शेखर, डॉ.एम आई रहमान, डॉ. आलोक कुमार, डॉ विजय कुमार, डॉ.राकेश कुमार आदि मौजूद रहे।।
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