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बुधवार, 25 नवंबर 2020

विभिन्न धर्मों के लोग विभिन्न कालों में भारत आए और यहां की सभ्यता-संस्कृति में रच-बस गए...

मधेपुरा। भारत में शुरू से ही सर्वधर्म सद्भाव रही है। विभिन्न धर्मों के लोग विभिन्न कालों में भारत आए और यहां की सभ्यता-संस्कृति में रच-बस गए। भारत की मिट्टी ने सबों को प्रेम एवं सम्मान दिया और यहां सबों को फलने-फूलने का अवसर मिला। यह बातें टीपी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. केपी यादव राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कही। 


टीपी कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में बुधवार को साम्प्रदायिक सद्भाव अभियान सप्ताह के अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव प्रतिष्ठान, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के आह्वान पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मौजूद सिंडिकेट सदस्य डॉ. जवाहर पासवान ने कहा कि भारतीय संविधान देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। बीएनएमयू के जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि भारतीय दर्शन सर्वधर्म समन्वय एवं समरसता की भावना से ओतप्रोत है। यहां न केवल सभी मनुष्यों, बल्कि चराचर जगत के एकत्व में विश्वास करता है। इस अवसर पर परिसंपदा पदाधिकारी डॉ. गजेन्द्र प्रसाद, डॉ. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन, एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. स्वर्ण मणि, डॉ. विजया कुमारी, डॉ. रोहिणी, डॉ. यासमीन रसीदी, डॉ. प्रकृति, डॉ. कुंदन कुमार सिंह आदि मौजूद थे।

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