● सेंट्रल डेस्क,
मधेपुरा/बिहार: बीएनएमयू के रिसर्च स्कॉलर सह एसएफआई के विश्वविद्यालय प्रभारी सारंग तनय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना द्वारा आयोजित माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन हेतु एसटीईटी परीक्षा का रिजल्ट अभी तक जारी नहीं करना बोर्ड की लचर व्यवस्था को दर्शाता है। बिहार बोर्ड को अविलंब रिजल्ट जारी करना चाहिए, ताकि कई लाख की संख्या में जो छात्र/छात्रा आस लगाए बैठे हैं वह अपना रिजल्ट देख सके ।
ज्यादा विलंब होने से छात्रों में एक संदेह की स्थिति भी बनी हुई है, आखिर क्या कारण है कि बिहार बोर्ड जो 10 लाख मैट्रिक और इंटर के परीक्षार्थियों के रिजल्ट महीना -दिन में जारी कर देता है वह एसटीइटी का परीक्षाफल अभी तक जारी करने में विफल रहा है, जबकि परीक्षा भी ऑनलाइन मोड में 12 शहरों में आयोजित किया गया है। पहले ही परीक्षा में काफी विलंब हो चुका है, 28 जनवरी 2020 में ही परीक्षा आयोजित हुआ था उसको कैंसिल करके 26 फरवरी 2020 में लिया गया..., फिर उसे कैंसिल करके 9-21 सितंबर 2020 में लिया गया..., तीन बार एक ही एग्जाम को देने के बाद भी रिजल्ट का अता- पता नहीं है...?
अभ्यर्थी कितने मानसिक तनाव में हैं...?
आज नवंबर 2020 भी निकलने वाला है ऐसी स्थिति में बिहार बोर्ड के द्वारा यथाशीघ्र रिजल्ट प्रकाशित ना करना उसके लचर क्रियाकलाप व कार्यशैली को दर्शाता है। नीतीश सरकार को इस पर तुरंत अविलंब संज्ञान लेना चाहिए, ज्यादा विलंब होने से पारदर्शी रिजल्ट पर भी संदेह होता है, इसीलिए रिजल्ट को यथाशीघ्र प्रकाशित करें बिहार बोर्ड प्रशासन ताकि छात्रों के साथ न्याय हो सके।
जिस तरह से फर्जी कॉल आ रहे हैं, मार्क्स बढाने या क्वालीफाई कराने के नाम पर पैसे का मांग किया जा रहा है इससे पूरा परीक्षा समिति(बीएसईबी) का क्रियाकलाप संदिग्ध स्थिति में है, इसीलिए यथाशीघ्र रिजल्ट प्रकाशित करना चाहिये।
शिक्षा मंत्री का कार्यभार लिए अशोक चौधरी जी कृपया इस मामले पर संज्ञान लें और अविलंब रिजल्ट प्रकाशित करना सुनिश्चित करें ताकि अभ्यर्थियों के साथ न्याय हो सके।।
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