सामाजिक,सास्कृतिक एवं साहित्यक संस्था सृजन दर्पण के रंग कर्मियों के द्वारा गांधी जी की जन्म जयंती पर टीपी कॉलेज मधेपुरा के सांस्कृतिक कार्यक्रम में नई पीढ़ी पर सोशल साइट्स का दुष्प्रभाव नाटक का मंचन किया गया| इसमें सोशल साइट्स के विविन ऐप का मानवीकरण किया गया| फेसबुक व्हाट्सएप गूगल टि्वटर इंस्टाग्राम आदि के जाल में नयी पीढ़ी कैसे फसते है, इससे उनकी कितनी शारीरिक और मानसिक क्षति होती है, इसका जीवित रूप दर्शको ने देखा| सोसल साइट्स अपने समस्त सदस्यों के साथ लोगों पर हावी होकर उसके समय और उर्जा को नष्ट कर देता है| कार्यक्रम की शुरुआत के साथ जैसे ही सृजन दर्पण के रंगकर्मी सोसल साइट्स के सदस्यों के
रूप में भयावह ड्रेस के साथ मंच पर प्रकट हुए| दर्शकों को सोसल साइट्स के दुष्परिणाम का सहज अंदाज हो गया| नाटक में यह दिखाने का सफल प्रयास किया गया कि बच्चों पर माँ-बाप के उचित निगरानी की जरूरत होती है| जब ये लोग नजरअंदाज करते है तो समस्या काफी बढ़ जाती है| सोसल साइट्स का प्रयोग करने वाली नयी पीढ़ी की प्रभावी भूमिका में थी कृतिका रंजन, माँ के जागरूक छवि को अभिनय के जरिए मंचित किया पुष्पा कुमारी ने, फेसबुक की सशक्त भूमिका में थी कुमारी मनीषा, इंस्टाग्राम,ट्यूटर , गूगल, हवाट्सएप एवं डाक्टर की बेहतरीन भूमिका को निभाया क्रमश रीतिका कुमारी, राखी कुमारी, रुपा कुमारी, अंजली कुमारी, सुशील कुमार एवं लापरवाह पिता का किरदार निभाया नाटक के निर्देशक युवा रंगकर्मी बिकास कुमार ने| प्रस्तुति के बाद संदेशप्रद प्रस्तुति के लिए महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं अतिथियो ने सभी रंगकर्मीयो को प्रमाणपत्र देकर पुरस्कृत किया| मौके पर टी.पी. काँलेज के प्रधानाचार्य प्रो. डॉ. के. पी. यादव, डॉ विनय कुमार चौधरी, डॉ. वीर किशोर सिंह, डाँ. आलोक कुमार, डॉ. अरुण कुमार, डॉ.एन के अरिमर्दन, प्रो. रीता कुमारी, डॉ. रणधीर कुमार राणा, सृजन दर्पण के अध्यक्ष डॉ ओम प्रकाश ओम उपस्थित थे| प्रस्तुति को सफल बनाने में कुमारी कंचन माला, सुनील कुमार, एवं मनीष कुमार ने अहम भूमिका निभाई|
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