मधेपुरा/बिहार: बी.एन.मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा की अंगीभूत ईकाई आर एम कॉलेज सहरसा में सत्र 2020-21 से बीएड पाठ्यक्रम की मान्यता को रद्द करने की घोषणा पहले ही एनसीटीई कर चुकी है। अब फिर इसी कड़ी में टीपी व पीएस कॉलेज का नाम शामिल होने का डर हो रहा है क्योंकि बीएड कॉलेज चॉइस लिस्ट में दोनों कॉलेज का नाम नहीं होने से एंट्रेंस टेस्ट क्वालीफाई स्टूडेंट्स अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं।मधेपुरा/ कोसी के गरीब छात्र बीएड करने से वंचित होगें। उक्त बातें एआईएसयू के विश्वविद्यालय अध्यक्ष सौरभ कुमार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही।
उन्होंने कहा कि NCTE भुवनेश्वर द्वारा बीएड पाठ्यक्रम की मान्यता रद्द की गई है, इसके लिए सबसे ज्यादे जिम्मेवार कॉलेज के प्राचार्य हैं, साथ ही विश्वविद्यालय के कुछ तथाकथित पदाधिकारी भी।
जब आर एम कॉलेज से बीएड पाठ्यक्रम को रद्द किया गया तो टीपी व पीएस के प्रिंसिपल ने इनसे सीख क्यों नहीं लिया? बीएनएमयू प्रशासन ने इसमें गंभीरता से रुचि क्यों नहीं दिखाई..? ओर आज द्वारा बीएड पाठ्यक्रम को रद्द किया गया है, कितने शर्म की बात है।
आज कोसी के 300 स्टूडेंट्स बीएड करने से वंचित हो रहे हैं, कौन इसके जिम्मेदार हैं?
कॉलेज प्रशासन या बीएनएमयू प्रशासन, इस खेल में दोनों संयुक्त रूप से जिम्मेदार है,
इसकी जिम्मेदारी तो लेनी ही पड़ेगी,
किसी को भी स्टूडेंट्स के जिंदगी से खेलने का कोई हक नहीं है।
बीएनएमयू प्रशासन अविलंब दोषीयो पर करवाई,
एवं टीपी व पीएस कॉलेज में बीएड पाठ्यक्रम को पुनः बहाल करने में जल्द पहल करें।
बीएड पाठ्यक्रम रद्द हो जाने से 200 स्टूडेंट्स के साथ साथ टीचिंग- नॉन टीचिंग स्टाफ इस कोरोना काल व लॉक डाउन में बेरोजगार हो जाएंगे।
एक साल के ही अंदर तीनों कॉलेजों में बीएड पाठ्यक्रम की मान्यता रद्द होना विश्वविद्यालय तथा कॉलेज प्रशासन की कार्यशैली पर ही प्रश्नचिन्ह है?
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