मधेपुरा/बिहार: बीएनएमयू के यूएमआईएस में व्याप्त भ्रष्टाचार एवं अराजकता का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। यूएमआईएस के खिलाफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् एवं एसएफआई के साथ
भारतीय विधार्थी मोर्चा ने भी आवेदन दिया है। मोर्चा के विश्वविधालय अध्यक्ष राजहंस राज उर्फ मुन्ना कुमार ने कुलसचिव एवं कुलपति को आवेदन देकर यूएमआईएस में मौजूद भ्रष्टाचार एवं अराजकता को दूर करने की माँग की है।
मोर्चा ने कहा है कि बीएनएमयू बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में है। यह गरीब, दलित- महादलित, शोषित- पीड़ित, पिछड़ों का क्षेत्र है। यहाँ की बड़ी आबादी आर्थिक रूप से विपन्न है। ऐसे में मौजूदा यूएमआईएस में छात्रों से बार-बार पंजीयन के नाम पर मनमाने फ़ी की वसूली सामाजिक न्याय के खिलाफ है।
मोर्चा ने कहा है कि विश्वविद्यालय में लागू किये गए यूएमआईएस में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार एवं अराजकता व्याप्त है। इसे अबिलम्ब दूर किया जाय,अन्यथा हम चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
मोर्चा ने माँग की है कि वर्तमान में यूएमआईएस में जो कंपनी काम कर रही है, वह पेटी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करा रही है। अतः इस कंपनी का कांट्रेक्ट रद्द किया जाए। यूएमआईएस की वर्तमान कंपनी से गुप-चुप तरीके से किए कांट्रेक्ट को सार्वजनिक किया जाए। यूएमआईएस की वर्तमान कंपनी ने जिन कामों को नहीं किया है, उसे गलत तरीके से उसका भी भुगतना कर दिया गया है। गलत तरीके से भुगतान की गई राशि वापस ली जाए। यूएमआईएस में कार्यरत कर्मियों का पूरा डिटेल्स जारी करने का कष्ट करें। यूएमआईएस के नोडल पदाधिकारी को अविलंब पद मुक्त कर उन्हें पैतृक महाविद्यालय भेजने का कष्ट करें।
यूएमआईएस का डेटा विश्वविद्यालय में सुरक्षित रखा जाए।
यूएमआईएस का डेटा विश्वविद्यालय में सुरक्षित रखा जाए।
मोर्चा ने माँग की है कि यूएमआईएस के लिए विश्वविद्यालय में सॉफ्टवेयर एवं सर्वर जोड़ा जाए। किसी भी कंपनी को कांट्रेक्ट नहीं दिया जाए। विद्यार्थियों के लिए पंजीयन शुल्क 100 रुपए से अधिक नहीं हो। विद्यार्थियों से एक ही बार सभी कॉलेज एवं सभी विषय का ऑप्शन (विकल्प ) लिया जाए, ऐसी व्यवस्था हो कि विद्यार्थियों को बार-बार फॉर्म नहीं भरना पड़े। विद्यार्थियों के द्वारा जमा कराया गया पैसा विश्वविद्यालय के अकाउंट में जमा कराया जाए।
ज्ञापन देने वालों में ई. साहबाज आलम, सोनू, अबुजार, प्रिंस आदि के नाम शामिल हैं।।


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