सिंघेश्वर के व्यवसायी लाल झा मंदिर की बदहाल व्यवस्था पर सुनिए दर्द भरी आवाज-
नाली के गंदा पानी से डूबा हुआ है ...
बाबा सिंघेश्वरनाथ मंदिर की पवित्र प्रांगण __
जैसा कि आप साफ - साफ फ़ोटो में देख सकते है ये कही और का नही बाबा मंदिर के नाग गेट के सामने का फोटो है , और पूरा का पूरा मंदिर प्रांगण इसी तरह #कचड़े और गंदा पानी से डूबा हुआ है ।
श्रद्धालुओं पूजा करने तो आते है लेकिन पहले उन्हें इन्ही नाली के गंदे पानी से गुजरना पड़ता है फिर वो जा के अंदर प्रवेश करते हैं । आपको बता दे ऐसी स्थिति मंदिर व्यवस्थापक के लिए सामान्य है ।
ये तो नालियाँ वाली बात हो गयी आपको बता दे मंदिर प्रांगण में भी पानी की निकासी की उचित व्यवस्था ना होने से पानी का जलजमाव इतना हो जाता है कि थोड़ी सी बारिश पे भी भक्तो की परेशानी बढ़ जाती है ।
क्यों होता है इस तरह की परेशानी , क्या निकासी के लिए कोई द्वारा नही है , तो फिर कैसे आ जाता है नाली का पानी सड़क पर और प्रवेश कर जाता है मंदिर प्रांगण में ।
मंदिर के व्यवस्थापक , कमिटी क्या बस आने वाले पैसे की ही देख रेख करते रहेंगे या फिर कभी भक्तो को हो रही परेशानियां पर भी ध्यान देंगे ....
जैसे कि आप चित्र में कचड़े के अंबार की भी दृश्य देख सकते है , ये बस आज की ही नही है ये कचड़े रोज आपको मन्दिर प्रांगण में देखने को मिलेंगे ___
मैंने बीते दिनों कुड़ेदान की व्यवस्था हो मन्दिर प्रांगण में इसके लिए हमने आवाज उठाई , लेकिन दुख हुआ जब कमिटी के द्वारा हमारे इस मामले को दबाने की कोशिश किया गया ।
दुख होता कि बाबा जैसे पवित्र मंदिर में भी कुछ भ्रष्ट लोग बैठे हुए हैं , जो मामले की सही निष्पादन न कर लेन देन की प्रक्रिया से सलाह मसूड़ा कर समाप्त करना चाहते हैं ।
लेकिन आपलोगों को बता दूं कि मैं उनलोगों में से नही हूँ जो पैसा खा कर मुद्दे को शांत कर दूँ । ।
जब तक हमारे उचित मुद्दे , भक्तो के हित मे मुद्दे पूरी तरह निष्पादित नही हो जाते तब तक हम इसी तरह अपनी आवाज को बुलंद करते रहेंगे ।
लाल झा
दवा व्यवसायी, सिंघेश्वर
नाली के गंदा पानी से डूबा हुआ है ...
बाबा सिंघेश्वरनाथ मंदिर की पवित्र प्रांगण __
जैसा कि आप साफ - साफ फ़ोटो में देख सकते है ये कही और का नही बाबा मंदिर के नाग गेट के सामने का फोटो है , और पूरा का पूरा मंदिर प्रांगण इसी तरह #कचड़े और गंदा पानी से डूबा हुआ है ।
श्रद्धालुओं पूजा करने तो आते है लेकिन पहले उन्हें इन्ही नाली के गंदे पानी से गुजरना पड़ता है फिर वो जा के अंदर प्रवेश करते हैं । आपको बता दे ऐसी स्थिति मंदिर व्यवस्थापक के लिए सामान्य है ।
ये तो नालियाँ वाली बात हो गयी आपको बता दे मंदिर प्रांगण में भी पानी की निकासी की उचित व्यवस्था ना होने से पानी का जलजमाव इतना हो जाता है कि थोड़ी सी बारिश पे भी भक्तो की परेशानी बढ़ जाती है ।
क्यों होता है इस तरह की परेशानी , क्या निकासी के लिए कोई द्वारा नही है , तो फिर कैसे आ जाता है नाली का पानी सड़क पर और प्रवेश कर जाता है मंदिर प्रांगण में ।
मंदिर के व्यवस्थापक , कमिटी क्या बस आने वाले पैसे की ही देख रेख करते रहेंगे या फिर कभी भक्तो को हो रही परेशानियां पर भी ध्यान देंगे ....
जैसे कि आप चित्र में कचड़े के अंबार की भी दृश्य देख सकते है , ये बस आज की ही नही है ये कचड़े रोज आपको मन्दिर प्रांगण में देखने को मिलेंगे ___
मैंने बीते दिनों कुड़ेदान की व्यवस्था हो मन्दिर प्रांगण में इसके लिए हमने आवाज उठाई , लेकिन दुख हुआ जब कमिटी के द्वारा हमारे इस मामले को दबाने की कोशिश किया गया ।
दुख होता कि बाबा जैसे पवित्र मंदिर में भी कुछ भ्रष्ट लोग बैठे हुए हैं , जो मामले की सही निष्पादन न कर लेन देन की प्रक्रिया से सलाह मसूड़ा कर समाप्त करना चाहते हैं ।
लेकिन आपलोगों को बता दूं कि मैं उनलोगों में से नही हूँ जो पैसा खा कर मुद्दे को शांत कर दूँ । ।
जब तक हमारे उचित मुद्दे , भक्तो के हित मे मुद्दे पूरी तरह निष्पादित नही हो जाते तब तक हम इसी तरह अपनी आवाज को बुलंद करते रहेंगे ।
लाल झा
दवा व्यवसायी, सिंघेश्वर