सहरसा। कोसी क्षेत्र के रेलखंडों में इलेक्ट्रिक इंजन चलेगा। इलेक्ट्रिक इंजन चलाने के लिए रेल प्रशासन ने अभी से ही सहरसा डीजल लॉबी के लोको पायलट को ट्रे¨नग पर भेजना शुरू कर दिया है। रेल मुख्यालय से मिले दिशा-निर्देश के बाद सहरसा रेल प्रशासन ने कार्यरत ट्रेन ड्राइवरों को इलेक्ट्रिक इंजन की ट्रे¨नग की प्रक्रिया पूरी करनी शुरू कर दी है। फिलहाल कोसी क्षेत्र सहरसा एवं मधेपुरा रेल खंडों में डीजल इंजन ही चलाया जा रहा है। रेल अधिकारियों की मानें तो आने वाले पांच वर्षों के अंदर ही पूर्व मध्य रेल समस्तीपुर रेल मंडल में इलेक्ट्रिक इंजन ही चलेगी। पांच वर्षों के अंदर हर जगह रेल विद्युतीकरण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। जिसके बाद इलेक्ट्रॉनिकल इंजन का ही बोलबाला रहेगा। जिससे डीजल की समस्या भी खत्म होगी और डीजल लूट पर भी विराम लगेगा।
बता दें कि सहरसा रेल में 49 ट्रेन ड्राइवर पदस्थापित हैं। जिसमें मालगाड़ी सहित पैसेंजर ट्रेन भी शामिल है। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर इलेक्ट्रिक इंजन चलाने के लिए डीजल इंजन के ड्राइवरों को विधिवत ट्रे¨नग मुगलसराय में दी जा रही है। तीन महीने की इस ट्रे¨नग में सहरसा से अब तक 20 सहायक लोको पायलट की ट्रे¨नग पूरी हो चुकी है। शेष लोको पायलट की भी ट्रे¨नग धीरे-धीरे करवायी जाएगी। इसी ड्राइवरों से सहरसा से चलने वाली अन्य ट्रेनें चलाई जा रही है। इसीलिए उसी हिसाब से ड्राइवरों को ट्रे¨नग के लिए भेजा जा रहा है। जिससे रेल परिचालन पर कोई प्रभाव न पड़े।
रेल विद्युतीकरण कार्य 30 मार्च को हो चुका है पूरा मानसी-सहरसा-मधेपुरा के बीच रेल विद्युतीकरण कार्य 30 मार्च 18 को ही पूरा कर दिया गया है। इतना ही नहीं 10 अप्रैल 18 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोतिहारी में एक कार्यक्रम आयोजित कर हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन का शुभारंभ एवं इंजन फैक्ट्री का उद्घाटन वीडियो कांन्फ्रें¨सग के जरिये किया। इस उद्घाटन में फैक्ट्री में निर्मित इलेक्ट्रिक इंजन भी राष्ट्र को समर्पित किया। 65 किमी लंबी लाइन रेल विद्युतीकरण कार्य पर करीब 75 करोड़ रुपये खर्च किए गए।
इलेक्ट्रिक इंजन चलाने के लिए सहरसा में पदस्थापित लोको पायलट को ट्रे¨नग के लिए भेजा जा रहा है। ट्रे¨नग पूरी होने के बाद निकट भविष्य में इस रेल खंड में इलेक्ट्रिक इंजन चलाई जाएगी। -वीरेंद्र कुमार, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, पूर्व मध्य