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बुधवार, 6 दिसंबर 2017

दलितों के मसीहा या भारत के राष्ट्र नायक नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के उन्नायक थे आंबेदकर

संपादक-आर.के.झा
डा भीमराव अंबेडकर ने मात्र दलित समाज या भारत राष्ट्र के विकास के लिए कार्य नहीं किया, बल्कि संपूर्ण विश्व के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया.  वे सिर्फ दलितों के मसीहा या भारत के राष्ट्र नायक नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के उन्नायक थे. यह बात मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कही.  वे बुधवार को डा अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस पर बोल रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन राजकीय अंबेडकर कल्याण छात्रावास में किया गया था. सांसद ने कहा कि डा अंबेडकर सर्वधर्म समभाव एवं वसुधैव कुटुंबकम् के समर्थक थे. उनके द्वारा निर्मित संविधान बिना किसी भेदभाव के सभी व्यक्ति को स्वतंत्रता, समानता, बंधुता एवं न्याय का अधिकार देता है. इसमें सभी के लिए सामाजिक, राजनैतिक एवं आर्थिक न्याय की व्यवस्था की गयी है.



उन्होंने कहा कि अंबेडकर का जीवन-दर्शन मानवाधिकार का एक जीवंत दस्तावेज है. यह सभी मनुष्यों के हक-अधिकार एवं मान-सम्मान की गारंटी देता है. इसमें उत्कृष्ट नैतिकता एवं मानवीय मूल्यों का समावेश है.  सांसद ने युवाओं का आह्वान किया कि वे नकारात्मक बातों को मन से निकाल दें और आत्मविश्वास के साथ आगे बढें. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए छात्रावास  अधीक्षक डा जवाहर पासवान ने कहा कि डा अंबेडकर ने जीवन भर संघर्ष कर हम सबके लिए सामाजिक न्याय का फल दिया. हमें इस फल का बीज हर घर में लगाना है. डा अंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाना है.  इस अवसर पर मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा के प्रधानाचार्य डॉ अशोक कुमार यादव, पीआरओ डॉ. सुधांशु शेखर, मोहन मंडल, सियाराम यादव मयंक, डा  हरेराम भगत, ई. हरिशचंद्र मंडल, किशोर क्रांति, राजकुमार, राजहंस राज, अनिल कुमार, दिनेश कुमार, मोहन कुमार, नीतिश कुमार, चंदन कुमार, शिवशंकर कुमार, राजेश कुमार सादा, पिन्टू कुमार, विलास कुमार सादा, सुभाष कुमार सुमन, मंजू सोरेन आदि उपस्थित थे.

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