संपादक : आर.के.झा-
जिले में खुदा हुआ मेहरबान तो गधा हुआ पहलवान वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. इन अवैध नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलाजी का जांच स्वास्थ्य विभाग को करना है कि यह नियमानुसार संचालित हो रहा कि नहीं. परंतु इस मामले में स्वास्थ्य विभाग उदासीन बनी हुयी है. मुख्यालय सहित पूरे जिले में संचालित पांच सौ से अधिक नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी में फर्जी डॉक्टरों को तो छोड़िये की वहां कार्यरत कंपाउंडर व नर्स भी फर्जी बताये जा रहे है.
जबकि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी में कार्यरत नर्स को नर्सिंग कोर्स करना अनिवार्य है. बिना प्रशिक्षित नर्स व कंपाउंडर के भरोसे चल रहे नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई के बदले मेहरबान बनी हुयी है.
उधर, बताया जाता है कि एमसीआई के मानक अनुसार नर्सिंग होम व क्लिनिक में डॉक्टर को एमबीबीएस की डिग्री तो पैथोलॉजी खोलने के लिए एमडी डॉक्टर का होना अनिवार्य है. इसके अलावे एमसीआई के मापदंड के अनुसार नर्सिंग होम व क्लिनिक में मरीजों के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए. परंतु इन नियमों की अनदेखी कर नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी का संचालन हो रहा है.
जिले में खुदा हुआ मेहरबान तो गधा हुआ पहलवान वाली कहावत चरितार्थ हो रही है. इन अवैध नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलाजी का जांच स्वास्थ्य विभाग को करना है कि यह नियमानुसार संचालित हो रहा कि नहीं. परंतु इस मामले में स्वास्थ्य विभाग उदासीन बनी हुयी है. मुख्यालय सहित पूरे जिले में संचालित पांच सौ से अधिक नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी में फर्जी डॉक्टरों को तो छोड़िये की वहां कार्यरत कंपाउंडर व नर्स भी फर्जी बताये जा रहे है.
जबकि स्वास्थ्य विभाग के अनुसार नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी में कार्यरत नर्स को नर्सिंग कोर्स करना अनिवार्य है. बिना प्रशिक्षित नर्स व कंपाउंडर के भरोसे चल रहे नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई के बदले मेहरबान बनी हुयी है.
उधर, बताया जाता है कि एमसीआई के मानक अनुसार नर्सिंग होम व क्लिनिक में डॉक्टर को एमबीबीएस की डिग्री तो पैथोलॉजी खोलने के लिए एमडी डॉक्टर का होना अनिवार्य है. इसके अलावे एमसीआई के मापदंड के अनुसार नर्सिंग होम व क्लिनिक में मरीजों के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए. परंतु इन नियमों की अनदेखी कर नर्सिंग होम, क्लिनिक व पैथोलॉजी का संचालन हो रहा है.