सम्पादक: आर.के.झा- भूपेंद्र नारायण मंडल विवि अंतर्गत पार्वती साइंस कालेज मधेपुरा में लगातार दूसरे दिन भी नेक की पीयर टीम का निरीक्षण जारी रहा. निरीक्षण के क्रम में नेक टीम ने कालेज में साफ-सफाई, भवन-निर्माण, पेयजल, खेलकूद आदि की व्यवस्था के साथ-साथ पुस्तकालय की अद्यतन स्थिति पर संतुष्टि जाहिर की. वहीं टीम ने निरीक्षण के उपरांत अपनी रिपोर्ट सीलबंद कर प्रधानाचार्य प्रो डा राजीव सिन्हा को सौंपा. इससे पहले टीम के सदस्यों ने शनिवार को सबसे पहले एकाउंट सेक्शन में जाकर वहां पंजियो के रख रखाव और संधारन का गहन निरीक्षण किया. उन्होने संधारन
के आधुनिक तरीकों का अनुशरण करने का भी परामर्श दिया. इसके बाद टीम ने शिक्षकेतर कर्मचारियों की बैठक कर उनसे विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की. गौरतलब है कि नेक की टीम ने शुक्रवार को भी कालेज का पुस्तकालय ,केन्टीन ,विभिन्न विषयों के प्राध्यापकों से उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों आदि की विस्तृत जानकारी ली थी. शनिवार को टीम के सदस्यों ने कालेज का विस्तॄत निरीक्षण रिपोर्ट भी तैयार किया और अंतत: उसे एक सादे समारोह में कालेज कर्मियों के समक्ष प्रधानाचार्य को सील बंद कर सौंपा. इस अवसर पर नेक टीम के अध्यक्ष डॉ एस के सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पिछड़े क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थाओ को और भी बेहतर बनाने की ज़रूरत है. मुझे उम्मीद है कि अब यह कालेज भी हमारी रिपोर्ट में व्यक्त कमियों कॊ दूर कर भविष्य में और भी बेहतर ढंग से शैक्षणिक प्रगति हासिल कर सकेगा. इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ राजीव सिन्हा ने टीम के सदस्यों का स्वागत किया और भविष्य में सबके सहयोग से और भी बेहतर स्वरूप देने का आश्वासन दिया. टीम के जाने से पूर्व धन्यवाद ज्ञापन नेक समन्वयक डॉ रमेश ठाकुर ने किया. इसके साथ ही नेक की पीयर टीम नैक मूल्यांकन कर प्रस्थान कर गयी. मालूम हो कि नैक मूल्यांकन में हजार पाइन्ट होते हैं. इसमें अंगिभूत कालेजों के लिए करिकूलम में 150, शिक्षण- अभिगम एवं मूल्यांकन में 300, शोध में 150, आधारभूत संरचना एवं शिक्षण प्रविधि में 100, स्टूडेंट स्पोर्ट्स में 100, लीडरशिप एवं मैनेजमेंट में 100 और इनोवेशन में 100 प्वाइंट निर्धारित है. नैक से ए++, ए+,ए,बी++,बी+,बी एवं सी ग्रेड दिया जाता है. यदि कालेज को कम से कम बी ग्रेड मिल जाए, तो उसे राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) से 5 करोड़ रू. मिलता है. हालांकि नेक विशेषज्ञ की माने तो पार्वती साइंस कालेज, मधेपुरा को बी ग्रेड मिलने की उम्मीद की जा सकती है. उधर, प्रधानाचार्य डॉ राजीव सिन्हा ने कहा कि वे अपनी ओर से मूकम्मल तैयारी हेतु शुरू से मुस्तैद रहे. साथ ही बेहतर तैयारी के लिए विशेषज्ञों की सेवा भी ली गयी थी. उन्हें विश्वविद्यालय से भी हर स्तर पर सहयोग मिला. कुलपति प्रोफेसर डॉ अवध किशोर राय एवं प्रतिकुलपति प्रोफेसर डॉ फारूक अली ने इसमें व्यक्तिगत रूचि ली. दोनों इस सिलसिले में कई बार कालेज भी आए. साथ ही दूसरे विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की भी मदद ली गयी.
के आधुनिक तरीकों का अनुशरण करने का भी परामर्श दिया. इसके बाद टीम ने शिक्षकेतर कर्मचारियों की बैठक कर उनसे विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की. गौरतलब है कि नेक की टीम ने शुक्रवार को भी कालेज का पुस्तकालय ,केन्टीन ,विभिन्न विषयों के प्राध्यापकों से उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों आदि की विस्तृत जानकारी ली थी. शनिवार को टीम के सदस्यों ने कालेज का विस्तॄत निरीक्षण रिपोर्ट भी तैयार किया और अंतत: उसे एक सादे समारोह में कालेज कर्मियों के समक्ष प्रधानाचार्य को सील बंद कर सौंपा. इस अवसर पर नेक टीम के अध्यक्ष डॉ एस के सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पिछड़े क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थाओ को और भी बेहतर बनाने की ज़रूरत है. मुझे उम्मीद है कि अब यह कालेज भी हमारी रिपोर्ट में व्यक्त कमियों कॊ दूर कर भविष्य में और भी बेहतर ढंग से शैक्षणिक प्रगति हासिल कर सकेगा. इस अवसर पर प्रधानाचार्य डॉ राजीव सिन्हा ने टीम के सदस्यों का स्वागत किया और भविष्य में सबके सहयोग से और भी बेहतर स्वरूप देने का आश्वासन दिया. टीम के जाने से पूर्व धन्यवाद ज्ञापन नेक समन्वयक डॉ रमेश ठाकुर ने किया. इसके साथ ही नेक की पीयर टीम नैक मूल्यांकन कर प्रस्थान कर गयी. मालूम हो कि नैक मूल्यांकन में हजार पाइन्ट होते हैं. इसमें अंगिभूत कालेजों के लिए करिकूलम में 150, शिक्षण- अभिगम एवं मूल्यांकन में 300, शोध में 150, आधारभूत संरचना एवं शिक्षण प्रविधि में 100, स्टूडेंट स्पोर्ट्स में 100, लीडरशिप एवं मैनेजमेंट में 100 और इनोवेशन में 100 प्वाइंट निर्धारित है. नैक से ए++, ए+,ए,बी++,बी+,बी एवं सी ग्रेड दिया जाता है. यदि कालेज को कम से कम बी ग्रेड मिल जाए, तो उसे राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) से 5 करोड़ रू. मिलता है. हालांकि नेक विशेषज्ञ की माने तो पार्वती साइंस कालेज, मधेपुरा को बी ग्रेड मिलने की उम्मीद की जा सकती है. उधर, प्रधानाचार्य डॉ राजीव सिन्हा ने कहा कि वे अपनी ओर से मूकम्मल तैयारी हेतु शुरू से मुस्तैद रहे. साथ ही बेहतर तैयारी के लिए विशेषज्ञों की सेवा भी ली गयी थी. उन्हें विश्वविद्यालय से भी हर स्तर पर सहयोग मिला. कुलपति प्रोफेसर डॉ अवध किशोर राय एवं प्रतिकुलपति प्रोफेसर डॉ फारूक अली ने इसमें व्यक्तिगत रूचि ली. दोनों इस सिलसिले में कई बार कालेज भी आए. साथ ही दूसरे विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की भी मदद ली गयी.