संपादक: आर.के.झा-
मधेपुरा, 14 अक्टूबर । भारतीय पोषण संघ भागलपुर चैप्टर और विश्वविद्यालय गृह विज्ञान विभाग बीएनएमयू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शनिवार को समापन हुआ।
कार्यशाला का विषय स्थानीय उपलब्ध फलों से विभिन्न पेय पदार्थों का निर्माण रखा गया था।
कार्यशाला के दूसरे दिन भागलपुर से आए विशेषज्ञ डॉ इरशाद आलम ने पपीता, अमरुद, केला, अनार, मौसमी आदि उपलब्ध स्थानीय फलों से जैम, जैली, स्वैक्स, शर्बत सहित अन्य खाद्य पदार्थों के निर्माण के गुर सिखाए।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि बी एन मंडल विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति सह प्रभारी कुलपति प्रो डॉ फारूक अली थे।
कार्यक्रम का संचालन कार्यशाला के आयोजन सचिव सह एनएसआई भागलपुर चैप्टर के संयुक्त सचिव डॉ दीपक कुमार दिनकर ने किया।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि बीएनएमयू के प्रभारी कुलपति डॉ फारूक अली ने कहा की इस तरह के आयोजन से छात्राओं में आत्मविश्वास बढ़ता है। पढ़ाई के साथ- साथ प्रायोगिक जानकारी का होना भी जरुरी है। डॉ अली ने कहा की स्थानीय फलों से विभिन्न तरह के पेय पदार्थों का निर्माण कर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बना जा सकता है। इस तरह के आयोजन विश्वविद्यालय के अन्य कॉलेजों में भी कराने की पहल की जाएगी।
मौके पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी दिया गया। इस अवसर पर गृह विज्ञान विभाग की हेड डॉ सुरेखा रानी, डॉ बिमला कुमारी, डॉ रीता सिंह, डॉ रीना सिन्हा सहित दर्जनों प्रतिभागी उपस्थित थे। वर्कशॉप में मधेपुरा, सुपौल, सहरसा, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार सहित अन्य जिलों के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ दीपक कुमार दिनकर ने बताया की कार्यक्रम पूरी तरह से सफल रहा। छात्राओं ने फलों के विभिन्न उत्पादों के निर्माण की जानकारी प्राप्त की।
मधेपुरा, 14 अक्टूबर । भारतीय पोषण संघ भागलपुर चैप्टर और विश्वविद्यालय गृह विज्ञान विभाग बीएनएमयू के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शनिवार को समापन हुआ।
कार्यशाला का विषय स्थानीय उपलब्ध फलों से विभिन्न पेय पदार्थों का निर्माण रखा गया था।
कार्यशाला के दूसरे दिन भागलपुर से आए विशेषज्ञ डॉ इरशाद आलम ने पपीता, अमरुद, केला, अनार, मौसमी आदि उपलब्ध स्थानीय फलों से जैम, जैली, स्वैक्स, शर्बत सहित अन्य खाद्य पदार्थों के निर्माण के गुर सिखाए।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि बी एन मंडल विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति सह प्रभारी कुलपति प्रो डॉ फारूक अली थे।
कार्यक्रम का संचालन कार्यशाला के आयोजन सचिव सह एनएसआई भागलपुर चैप्टर के संयुक्त सचिव डॉ दीपक कुमार दिनकर ने किया।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि बीएनएमयू के प्रभारी कुलपति डॉ फारूक अली ने कहा की इस तरह के आयोजन से छात्राओं में आत्मविश्वास बढ़ता है। पढ़ाई के साथ- साथ प्रायोगिक जानकारी का होना भी जरुरी है। डॉ अली ने कहा की स्थानीय फलों से विभिन्न तरह के पेय पदार्थों का निर्माण कर आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बना जा सकता है। इस तरह के आयोजन विश्वविद्यालय के अन्य कॉलेजों में भी कराने की पहल की जाएगी।
मौके पर सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र भी दिया गया। इस अवसर पर गृह विज्ञान विभाग की हेड डॉ सुरेखा रानी, डॉ बिमला कुमारी, डॉ रीता सिंह, डॉ रीना सिन्हा सहित दर्जनों प्रतिभागी उपस्थित थे। वर्कशॉप में मधेपुरा, सुपौल, सहरसा, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार सहित अन्य जिलों के प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ दीपक कुमार दिनकर ने बताया की कार्यक्रम पूरी तरह से सफल रहा। छात्राओं ने फलों के विभिन्न उत्पादों के निर्माण की जानकारी प्राप्त की।