बिहार कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है. सोमवार को पार्टी की अहम बैठक शुरु होने के पहले पार्टी के दो गुटों के समर्थक आपस में भिड़ गए. टकराव को देखते हुए कांग्रेस ऑफिस के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया.
कांग्रेस कार्यकर्ता इस बार को लेकर हंगामा कर रहे थे कि जब डेलिगेट्स के नाम घोषित नहीं किये गए तो फिर बैठक में कौन लोग शामिल हो रहे हैं.
बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बैठक का वॉक आउट कर आरोप लगाया कि असली कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है और इसके लिए बिहार कांग्रेस प्रभारी सीपी जोशी जिम्मेदार हैं. इधर, कांग्रेस के नेता वरिष्ठ नेता अखिलेश सिंह ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
सोमवार को पार्टी की अहम बैठक बुलाई गई थी जिसमें पार्टी के 27 विधायकों और 6 एमएलसी के साथ दूसरे डेलिगेट्स को बुलाया गया था.अशोक चौधरी गुट के समर्थकों ने आरोप लगाया कि पार्टी के असली कार्यकर्ताओं को को बैठक हिस्सा लेने नहीं दिया गया. इस दौरान कुछ समर्थकों के कपड़े भी फटे हुए थे.
पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि डेलिगेट्स की लिस्ट जानबूझकर बदली गई है और दूसरी पार्टियों से आए लोगों को पैसा लेकर डेलीगेट बनाया गया. पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है, मैं इसकी शिकायत राहुल गांधी से करुंगा.
गौरतलब है कि ब्लॉक लेवल के डेलिगेट्स ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करते हैं. चौधरी का आरोप है कि लिस्ट को फर्जी तरीके से बदला गया ताकि मनमुताबिक अध्यक्ष पद का चुनाव किया जा सके.
कांग्रेस कार्यकर्ता इस बार को लेकर हंगामा कर रहे थे कि जब डेलिगेट्स के नाम घोषित नहीं किये गए तो फिर बैठक में कौन लोग शामिल हो रहे हैं.
बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बैठक का वॉक आउट कर आरोप लगाया कि असली कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है और इसके लिए बिहार कांग्रेस प्रभारी सीपी जोशी जिम्मेदार हैं. इधर, कांग्रेस के नेता वरिष्ठ नेता अखिलेश सिंह ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
सोमवार को पार्टी की अहम बैठक बुलाई गई थी जिसमें पार्टी के 27 विधायकों और 6 एमएलसी के साथ दूसरे डेलिगेट्स को बुलाया गया था.अशोक चौधरी गुट के समर्थकों ने आरोप लगाया कि पार्टी के असली कार्यकर्ताओं को को बैठक हिस्सा लेने नहीं दिया गया. इस दौरान कुछ समर्थकों के कपड़े भी फटे हुए थे.
पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि डेलिगेट्स की लिस्ट जानबूझकर बदली गई है और दूसरी पार्टियों से आए लोगों को पैसा लेकर डेलीगेट बनाया गया. पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है, मैं इसकी शिकायत राहुल गांधी से करुंगा.
गौरतलब है कि ब्लॉक लेवल के डेलिगेट्स ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव करते हैं. चौधरी का आरोप है कि लिस्ट को फर्जी तरीके से बदला गया ताकि मनमुताबिक अध्यक्ष पद का चुनाव किया जा सके.