संपादक: आर.के.झा- पैसे के बिना ज्ञान बेकार, बीएनएमयू के मेघावी छात्रों के लिए यह कहना निरर्थक नहीं होगा. यहां पैसे देकर आसानी से अधिक नंबर मिलते है. पैसे के हिसाब से नंबर बढ़ता व घटता भी है. इसके लिए रेट तय है. सात अक्टूबर से चल रहे पार्ट थर्ड के प्रायोगिक परीक्षा में यह गोरखधंधा खूब फला-फूला.पचास नंबर के लिए पांच सौ रूपया तो मनमाफिक नंबर के लिए दो हजार रूपये तक वसूली की बात कही जा रही है. खासकर सौ नंबर के मतबंध पेपर में छात्रों का आर्थिक दोहन किया गया. ऐसा नहीं है कि विवि प्रशासन इस बात से अनभिज्ञ है.
विगत दिनों हुयी परीक्षा समिति की बैठक में कुलपति प्रो डा अवध किशोर ने इसे
गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिया कि यह कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी. लेकिन इसका असर नहीं हुआ. पहले तो इस तरह का खेल चोरी छिपे होता था. परंतू विवि अंतर्गत आरएल कॉलेज, माधवनगर, पूर्णिया कॉलेज में खुलेआम परीक्षा में अधिक नंबर देने के लिए छात्रों से पैसा लेने का चौकानें वाला खुलासा हुआ है. इस खुलासे से सब कोई हतप्रभ है. इस संबंध में प्रतिकुलपति सह प्रभारी कुलपति प्रो डा फारूक अली ने कहा कि नामांकन परीक्षा या मूल्यांकन में विधिसम्मत व नीतिसंगत कार्य नहीं करने वाले के विरूद्ध विवि कार्रवाई करेगी.
गौरतलब है कि परीक्षा में अधिक से अधिक नंबर देने के नाम पर छात्रों से अवैध उगाही करने के मामले में कुलपति ने संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी बनायी है. मिली जानकारी के अनुसार सिंगियान दुर्गापुर जिला पूर्णिया निवासी बैजनाथ शर्मा पुत्र छोटे लाल शर्मा ने शपथ पत्र के साथ प्रोयोगिक परीक्षा में अच्छा अंक देने के नाम पर अवैध रूप से राशि वसूली का आरोप लगाया था. इस संबंध में कुलपति के निर्देश पर कमेटी द्वारा कॉलेज की जांच की गयी. विवि सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जांच के क्रम में इस बात का खुलासा हुआ कि अधिक नंबर देने पर कॉलेज में अवैध राशि की वसूली छात्रों से की गयी. इसमें प्रधानाचार्य के साथ-साथ शिक्षक व कर्मचारी भी शामिल है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जांच समिति ने छोटेलाल शर्मा द्वारा लगाये गये आरोप से संबंधित सभी तथ्यों अवलोकन एवं जांच के आलोक में पाया है कि प्रधानाचार्या डा दीपाली मंडल महाविद्यालय में प्रधानाचार्या के दायित्व का निर्वहन करने में सक्षम नहीं है. इनकी जानकारी और मौखिक आदेश पर अवैध रूप में राशि वसूली की गयी है. उक्त राशि को नियम विरूद्ध दो शिक्षकों के संयुक्त खाता नंबर 35795617869 में जमा की गयी. यही नहीं राशि दोनों प्राध्यापक द्वारा निकाल कर प्राचार्या को दिया गया.
मिली जानकारी के अनुसार आरएल कॉलेज माधवनगर के आदेशपाल मुकेश कुमार यादव, दशरथ मंडल आदेशपाल, आरएल कॉलेज , सीताराम मंडल, आदेशपाल, सियाराम मंडल, आदेशपाल ने प्रधानाचार्या के मौखिक आदेश पर छात्रों से अवैध राशि की तथा छात्रों को रसीद काटकर दिया. यह भी बताया जा रहा है कि आदेशपालों के द्वारा जब से वसूली गयी राशि महाविद्यालय के हिंदी विभाग के प्राध्यापक, प्रो घनश्याम यादव को प्रतिदिन राशि दे दिया जाता था. उनके नहीं रहने पर प्रो कंचन को राशि जमा कर दिया जाता था. हैरत करने वाली बात यह है कि प्रो घनश्याम यादव एवं प्रो कंचन महतो ने अवैध रूप में वसूली गयी राशि अपने पास प्राचार्या के मौखिक आदेश से जमा करने के बात को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि प्राचार्या के मौखिक आदेश पर अवैध रूप से वसूली गयी राशि प्राप्त करते थे तथा राशि को भारतीय स्टेट बैंक, भवानीपुर दोनों व्यक्ति प्रो घनश्याम यादव एवं प्रो कंचन महतो के संयुक्त खाता में जमा करते थे. पुन: प्राचार्या के मौखिक आदेश पर राशि निकालकर प्राचार्या को दे दी जाती थी.
विवि सूत्रों की माने तो आरएल कॉलेज माधवनगर के कैशियर सुभाष कुमार सिंह ने खुलासा किया है कि प्राचार्या के आदेश पर अवैध रूप में राशि ली जाती थी और राशि को मैं एफसीआरडीसीआर में यह कहकर अंकित नहीं किया कि यह अवैध राशि है. वहीं महाविद्यालय के एक अन्य प्राध्यापक प्रो एमभी फारूकी ने भी बताया है कि कॉलेज की परिस्थिति को देखते हुये प्राचार्या के आदेशानुसार आपसी सहमति से सब कुछ हुआ है. उक्त महाविद्यालय के वर्सर अर्थपाल प्रो गजेंद्र नारायण यादव ने स्पष्ट कहा कि प्रधानाचार्या को अवैध वसूली के संबंध में सतर्क किया गया परंतु वे नहीं मानी यह राशि महाविद्यालय के विकास कोष में जमा नहीं किया गया है, बल्कि प्रो घनश्याम यादव एवं प्रो कंचन महतो के संयुक्त खाता में जमा कराया गया है, राशि किस मद में खर्च की गयी इसकी जानकारी प्रधानाचार्या प्रो घनश्याम यादव एवं प्रो कंचन महतो को होगा. जबकि सभी कर्मचारियों और शिक्षकों ने प्राचार्या के सम्मूख ही अवैध रूप में वसूली गयी राशि की प्रक्रिया को स्वीकार कर लिया.
सूत्रों की माने तो कमेटी ने रिपोर्ट में अनुशंसा करते हुए कहा है कि प्राचार्या के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है. जांच कमेटी ने प्राचार्य को निलंबित करने की अनुशंसा भी कर दी है. वहीं अवैध राशि वसूली में दो शिक्षक क्रमश: घनश्याम यादव एवं कंचन महतो तथा चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी क्रमश: मुकेश कुमार यादव एवं दशरथ मंडल, सियाराम मंडल एवं सीताराम मंडल पर अनुशाससजात्मक कार्रवाई करने की बात जांच टीम नहीं कही है. रिपोर्ट के अनुसार उक्त महाविद्यालय को प्रायोगिक परीक्षा केंद्र नहीं बनाने एवं अवैध रूप में वसूली गयी राशि को संबंधित परीक्षार्थियों को प्राचार्या शिक्षकों एवं संलग्न कर्मचारियों द्वारा लौटाने के लिये विवि द्वारा आदेश दिया जा सकता है. आवेदक छोटेलाल शर्मा जिन्होंने इस अवैध वसूली को साहसकर प्रकाश में लाया है ऐसे अभिभावक को विवि द्वारा विशेष अवसर पर सम्मानित करने हेतु जांच समिति ने अनुशंसा की है.
इस संबंध में प्रो डा फारूक अली, प्रतिकुलपति सह प्रभारी कुलपति, बीएन मंडल विवि, मधेपुरा ने कहा कि विधिसम्मत एवं नीति संगत कार्य अगर नहीं किया गया है तो वह बिल्कुल ही गलत है. नामांकन, परीक्षा या मूल्यांकन कार्य में नियमानुसार कार्य नहीं करने वालों के खिलाफ विवि विधिसम्मत र्कारवाई करेगी. पूर्व में परीक्षा में अधिक नंबर देने के नाम पर छात्रों से रूपया लेने का मामला सामने आया था. मामले की जांच के लिए जांच कमेटी बनायी गयी है, जांच कमेटी की रिपोर्ट नहीं मिली है. रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होना तय है.
उधर, दीपाली मंडल, प्रधानाचार्य, आरएल कॉलेज, माधवनगर, पूर्णियाछात्रों से परीक्षा में अधिक नंबर देने के नाम पर अवैध वसूली करने एवं महाविद्यालय में अवैध राशि के बदले रसीद कैसे किस रूप में किनके द्वारा दिया गया मुझे नहीं मालूम.
गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिया कि यह कतई बर्दाश्त नहीं की जायेगी. लेकिन इसका असर नहीं हुआ. पहले तो इस तरह का खेल चोरी छिपे होता था. परंतू विवि अंतर्गत आरएल कॉलेज, माधवनगर, पूर्णिया कॉलेज में खुलेआम परीक्षा में अधिक नंबर देने के लिए छात्रों से पैसा लेने का चौकानें वाला खुलासा हुआ है. इस खुलासे से सब कोई हतप्रभ है. इस संबंध में प्रतिकुलपति सह प्रभारी कुलपति प्रो डा फारूक अली ने कहा कि नामांकन परीक्षा या मूल्यांकन में विधिसम्मत व नीतिसंगत कार्य नहीं करने वाले के विरूद्ध विवि कार्रवाई करेगी.
गौरतलब है कि परीक्षा में अधिक से अधिक नंबर देने के नाम पर छात्रों से अवैध उगाही करने के मामले में कुलपति ने संज्ञान लेते हुए जांच कमेटी बनायी है. मिली जानकारी के अनुसार सिंगियान दुर्गापुर जिला पूर्णिया निवासी बैजनाथ शर्मा पुत्र छोटे लाल शर्मा ने शपथ पत्र के साथ प्रोयोगिक परीक्षा में अच्छा अंक देने के नाम पर अवैध रूप से राशि वसूली का आरोप लगाया था. इस संबंध में कुलपति के निर्देश पर कमेटी द्वारा कॉलेज की जांच की गयी. विवि सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जांच के क्रम में इस बात का खुलासा हुआ कि अधिक नंबर देने पर कॉलेज में अवैध राशि की वसूली छात्रों से की गयी. इसमें प्रधानाचार्य के साथ-साथ शिक्षक व कर्मचारी भी शामिल है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार जांच समिति ने छोटेलाल शर्मा द्वारा लगाये गये आरोप से संबंधित सभी तथ्यों अवलोकन एवं जांच के आलोक में पाया है कि प्रधानाचार्या डा दीपाली मंडल महाविद्यालय में प्रधानाचार्या के दायित्व का निर्वहन करने में सक्षम नहीं है. इनकी जानकारी और मौखिक आदेश पर अवैध रूप में राशि वसूली की गयी है. उक्त राशि को नियम विरूद्ध दो शिक्षकों के संयुक्त खाता नंबर 35795617869 में जमा की गयी. यही नहीं राशि दोनों प्राध्यापक द्वारा निकाल कर प्राचार्या को दिया गया.
मिली जानकारी के अनुसार आरएल कॉलेज माधवनगर के आदेशपाल मुकेश कुमार यादव, दशरथ मंडल आदेशपाल, आरएल कॉलेज , सीताराम मंडल, आदेशपाल, सियाराम मंडल, आदेशपाल ने प्रधानाचार्या के मौखिक आदेश पर छात्रों से अवैध राशि की तथा छात्रों को रसीद काटकर दिया. यह भी बताया जा रहा है कि आदेशपालों के द्वारा जब से वसूली गयी राशि महाविद्यालय के हिंदी विभाग के प्राध्यापक, प्रो घनश्याम यादव को प्रतिदिन राशि दे दिया जाता था. उनके नहीं रहने पर प्रो कंचन को राशि जमा कर दिया जाता था. हैरत करने वाली बात यह है कि प्रो घनश्याम यादव एवं प्रो कंचन महतो ने अवैध रूप में वसूली गयी राशि अपने पास प्राचार्या के मौखिक आदेश से जमा करने के बात को स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि प्राचार्या के मौखिक आदेश पर अवैध रूप से वसूली गयी राशि प्राप्त करते थे तथा राशि को भारतीय स्टेट बैंक, भवानीपुर दोनों व्यक्ति प्रो घनश्याम यादव एवं प्रो कंचन महतो के संयुक्त खाता में जमा करते थे. पुन: प्राचार्या के मौखिक आदेश पर राशि निकालकर प्राचार्या को दे दी जाती थी.
विवि सूत्रों की माने तो आरएल कॉलेज माधवनगर के कैशियर सुभाष कुमार सिंह ने खुलासा किया है कि प्राचार्या के आदेश पर अवैध रूप में राशि ली जाती थी और राशि को मैं एफसीआरडीसीआर में यह कहकर अंकित नहीं किया कि यह अवैध राशि है. वहीं महाविद्यालय के एक अन्य प्राध्यापक प्रो एमभी फारूकी ने भी बताया है कि कॉलेज की परिस्थिति को देखते हुये प्राचार्या के आदेशानुसार आपसी सहमति से सब कुछ हुआ है. उक्त महाविद्यालय के वर्सर अर्थपाल प्रो गजेंद्र नारायण यादव ने स्पष्ट कहा कि प्रधानाचार्या को अवैध वसूली के संबंध में सतर्क किया गया परंतु वे नहीं मानी यह राशि महाविद्यालय के विकास कोष में जमा नहीं किया गया है, बल्कि प्रो घनश्याम यादव एवं प्रो कंचन महतो के संयुक्त खाता में जमा कराया गया है, राशि किस मद में खर्च की गयी इसकी जानकारी प्रधानाचार्या प्रो घनश्याम यादव एवं प्रो कंचन महतो को होगा. जबकि सभी कर्मचारियों और शिक्षकों ने प्राचार्या के सम्मूख ही अवैध रूप में वसूली गयी राशि की प्रक्रिया को स्वीकार कर लिया.
सूत्रों की माने तो कमेटी ने रिपोर्ट में अनुशंसा करते हुए कहा है कि प्राचार्या के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है. जांच कमेटी ने प्राचार्य को निलंबित करने की अनुशंसा भी कर दी है. वहीं अवैध राशि वसूली में दो शिक्षक क्रमश: घनश्याम यादव एवं कंचन महतो तथा चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी क्रमश: मुकेश कुमार यादव एवं दशरथ मंडल, सियाराम मंडल एवं सीताराम मंडल पर अनुशाससजात्मक कार्रवाई करने की बात जांच टीम नहीं कही है. रिपोर्ट के अनुसार उक्त महाविद्यालय को प्रायोगिक परीक्षा केंद्र नहीं बनाने एवं अवैध रूप में वसूली गयी राशि को संबंधित परीक्षार्थियों को प्राचार्या शिक्षकों एवं संलग्न कर्मचारियों द्वारा लौटाने के लिये विवि द्वारा आदेश दिया जा सकता है. आवेदक छोटेलाल शर्मा जिन्होंने इस अवैध वसूली को साहसकर प्रकाश में लाया है ऐसे अभिभावक को विवि द्वारा विशेष अवसर पर सम्मानित करने हेतु जांच समिति ने अनुशंसा की है.
इस संबंध में प्रो डा फारूक अली, प्रतिकुलपति सह प्रभारी कुलपति, बीएन मंडल विवि, मधेपुरा ने कहा कि विधिसम्मत एवं नीति संगत कार्य अगर नहीं किया गया है तो वह बिल्कुल ही गलत है. नामांकन, परीक्षा या मूल्यांकन कार्य में नियमानुसार कार्य नहीं करने वालों के खिलाफ विवि विधिसम्मत र्कारवाई करेगी. पूर्व में परीक्षा में अधिक नंबर देने के नाम पर छात्रों से रूपया लेने का मामला सामने आया था. मामले की जांच के लिए जांच कमेटी बनायी गयी है, जांच कमेटी की रिपोर्ट नहीं मिली है. रिपोर्ट के आधार पर दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई होना तय है.
उधर, दीपाली मंडल, प्रधानाचार्य, आरएल कॉलेज, माधवनगर, पूर्णियाछात्रों से परीक्षा में अधिक नंबर देने के नाम पर अवैध वसूली करने एवं महाविद्यालय में अवैध राशि के बदले रसीद कैसे किस रूप में किनके द्वारा दिया गया मुझे नहीं मालूम.