संपादक : आर.के.झा-
भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में स्नातक प्रथम खंड 2015-16 सत्र की परीक्षा को लगातार दो बार स्थगित किये जाने के विरोध में छात्र संगठन एनएसयूआई मधेपुरा द्वारा विवि मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि पहले इस परीक्षा की तिथि 16 सितंबर से निर्धारित की गयी थी. जिसे परीक्षा से कुछ घंटों पहले ही चंद शिक्षा माफिया और मुट्ठी भर दलालों के चलते स्थगित कर दिया गया.
कुछ कॉलेजों में सीट से अधिक नामांकन लेने की वजह से छात्रों की रजिस्ट्रेशन कर और प्रवेश पत्र नहीं मिल पाने के कारण परीक्षा को स्थगित किया गया. इस दौरान छात्र खून की घूट पीकर रह गये, लेकिन पुन: 30 अक्टूबर से होने वाली परीक्षा को भी कुछ घंटे पहले ही स्थगित कर दिया गया. इस बीच एनएसयूआइ मधेपुरा इकाई जिलाध्यक्ष निशांत यादव और जिला महासचिव गौरव गुप्ता के नेतृत्व में विवि पहुंची तो स्थिति को भांपते हुये सभी कर्मचारी व पदाधिकारी गायब हो गये. जिसके बाद एनएसयूआइ कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुये मुख्य द्वार को बंद कर प्रदर्शन जारी रखा. जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि प्रोवीसी आने वाले थे, लेकिन उनके अब तक विवि नहीं पहुंचने से ये साफ पता चलता है कि विवि प्रशासन को छात्र हित से कोई लेना देना नहीं है.
विवि आये छात्रों का सवाल मौन है. सभी जवाब के प्रतीक्षा में आये है. वहीं जिला महासचिव गौरव गुप्ता ने कहा कि विवि लंबे अरसे से छात्र विरोधी कार्य के लिए चर्चित रहा है. छात्रों के साथ इस तरह का अभ्रद मजाक इस बात को दर्शा रहा है. जैसे यह अनाथ आश्रम भी किसी ममता विहीन शरीर के हाथों संचालित की जा रही है. जिसके विरोध में एनससयूआइ हमेशा संघर्ष करते आई है और करती रहेगी. हमे छात्र विरोधी ताकत से लड़ना है न कि आम जनों को सुविधा में रोड़े डालना और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना नहीं है.
एनएसयूआइ की मांग है कि विवि के परीक्षा नियंत्रक को हटाया जाय एवं संलिप्त दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाई की जाय एवं फर्जीवाड़ा का अड्डा बने महाविद्यालयों की मान्यता अविलंब रद्द की जाय. अगर विवि एनएसयूआइ के उक्त मांगों को गंभीरता से नहीं लेती है तो एनएसयूआइ विवि प्रशासन के विरूद्ध चरणबद्ध ओर उग्र आंदोलन करेगी जिसकी जिम्मेवारी विवि प्रशासन की होगी. मौके पर आशीष यादव, प्रभात कुमार मिस्टर, रनिवशंकर, मंकेश, अंशु, मिथिलेश, माधव, पप्पू समेत दर्जनों एनएसयूआइ कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल थे.
भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में स्नातक प्रथम खंड 2015-16 सत्र की परीक्षा को लगातार दो बार स्थगित किये जाने के विरोध में छात्र संगठन एनएसयूआई मधेपुरा द्वारा विवि मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने कहा कि पहले इस परीक्षा की तिथि 16 सितंबर से निर्धारित की गयी थी. जिसे परीक्षा से कुछ घंटों पहले ही चंद शिक्षा माफिया और मुट्ठी भर दलालों के चलते स्थगित कर दिया गया.
कुछ कॉलेजों में सीट से अधिक नामांकन लेने की वजह से छात्रों की रजिस्ट्रेशन कर और प्रवेश पत्र नहीं मिल पाने के कारण परीक्षा को स्थगित किया गया. इस दौरान छात्र खून की घूट पीकर रह गये, लेकिन पुन: 30 अक्टूबर से होने वाली परीक्षा को भी कुछ घंटे पहले ही स्थगित कर दिया गया. इस बीच एनएसयूआइ मधेपुरा इकाई जिलाध्यक्ष निशांत यादव और जिला महासचिव गौरव गुप्ता के नेतृत्व में विवि पहुंची तो स्थिति को भांपते हुये सभी कर्मचारी व पदाधिकारी गायब हो गये. जिसके बाद एनएसयूआइ कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुये मुख्य द्वार को बंद कर प्रदर्शन जारी रखा. जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि प्रोवीसी आने वाले थे, लेकिन उनके अब तक विवि नहीं पहुंचने से ये साफ पता चलता है कि विवि प्रशासन को छात्र हित से कोई लेना देना नहीं है.
विवि आये छात्रों का सवाल मौन है. सभी जवाब के प्रतीक्षा में आये है. वहीं जिला महासचिव गौरव गुप्ता ने कहा कि विवि लंबे अरसे से छात्र विरोधी कार्य के लिए चर्चित रहा है. छात्रों के साथ इस तरह का अभ्रद मजाक इस बात को दर्शा रहा है. जैसे यह अनाथ आश्रम भी किसी ममता विहीन शरीर के हाथों संचालित की जा रही है. जिसके विरोध में एनससयूआइ हमेशा संघर्ष करते आई है और करती रहेगी. हमे छात्र विरोधी ताकत से लड़ना है न कि आम जनों को सुविधा में रोड़े डालना और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना नहीं है.
एनएसयूआइ की मांग है कि विवि के परीक्षा नियंत्रक को हटाया जाय एवं संलिप्त दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाई की जाय एवं फर्जीवाड़ा का अड्डा बने महाविद्यालयों की मान्यता अविलंब रद्द की जाय. अगर विवि एनएसयूआइ के उक्त मांगों को गंभीरता से नहीं लेती है तो एनएसयूआइ विवि प्रशासन के विरूद्ध चरणबद्ध ओर उग्र आंदोलन करेगी जिसकी जिम्मेवारी विवि प्रशासन की होगी. मौके पर आशीष यादव, प्रभात कुमार मिस्टर, रनिवशंकर, मंकेश, अंशु, मिथिलेश, माधव, पप्पू समेत दर्जनों एनएसयूआइ कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल थे.