मधेपुरा/बिहार: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सामाजिक और सांस्कृतिक संस्था "प्रांगण रंगमंच" के बैनर तले टीपी कॉलेज में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
प्रांगण रंगमंच द्वारा 'विकसित भारत में महिलाओं की भूमिका" विषय पर परिचर्चा और नवोदित कलाकारों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का उद्घाटन प्रधानाचार्य प्रो कैलाश प्रसाद यादव, नायडू मेडिकेयर एंड रिसर्च सेंटर की डायरेक्टर डॉ. नायडू कुमारी, नेहरू युवा केंद्र की डेप्युटी डायरेक्टर हुस्न जहां, पूर्व पीआरओ डॉ. सुधांशु शेखर, प्रांगण के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार परमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। चर्चित महिला चिकित्सक सह नायडू मेडिकेयर एंड रिसर्च सेंटर की डायरेक्टर डॉ. नायडू कुमारी ने कहा कि प्रांगण रंगमंच लगातार सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर बेहतर कार्य कर रहा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कहा कि "स्त्री-पुरुष सबों की जननी औरत है। सृष्टि का आधार मां तेरी बदौलत है।
औरत का त्याग और समर्पण बेमिसाल है"। उन्होंने कहा कि आज हर क्षेत्र में महिलाएं आगे बढ़ रही है। लेकिन आबादी के हिसाब से महिलाएं काफी पीछे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी योजना का लाभ हम ले नहीं पाते हैं। डॉ. नायडू कुमारी ने कहा कि महिलाओं का काम सिर्फ बच्चा पालन और चूल्हा चौका करना ही नहीं बल्कि पुरुषों के साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि 1951 में संसद में चार प्रतिशत महिला थी। 2019 में 14 प्रतिशत हुई। महिलाओं के प्रति समाज का बंधन उसे आगे बढ़ने में बाधा उत्पन्न करती है। डॉ. नायडू ने कहा कि सोशल रिफॉर्म मूवमेंट में महिलाओं की स्थिति बदली है। बाल विवाह, शती प्रथा आदि खत्म हुआ। उन्होंने कहा कि महिलाओं को क्वालिटी एजुकेशन देकर ही आगे बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोशी में शिक्षित महिलाएं की संख्या मात्र 30-35 प्रतिशत है। इनमे से मात्र पांच प्रतिशत महिलाओं को क्वालिटी एजुकेशन है। आधी आबादी को आगे बढ़ाने के लिए क्वालिटी एजुकेशन दिलाना जरूरी है। उन्होंने प्रांगण रंगमंच के कार्यों की प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने नवोदित कलाकारों को पूरी लगन और मेहनत से मंजिल हासिल करने की बात कही। प्रधानाचार्य प्रो. कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि महिला के पूर्ण शिक्षित होने के बाद ही सबल और समृद्ध समाज का निर्माण हो सकता है। उन्होंने सिंहेश्वर महोत्सव में प्रांगण रंगमंच के कलाकारों की बेहतर प्रस्तुति की सराहना की। उन्होंने कहा कि डॉ. नायडू कुमारी मधेपुरा की पहचान बन चुकी है। डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि बाल कलाकारों के कौशल विकास में प्रांगण रंगमंच की पहल बेहतर है। डॉ. संजय कुमार परमार ने अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रांगण के विभिन्न कार्यक्रम की जानकारी दी।
कार्यक्रम को डॉ. राकेश कुमार, डॉ. कुमार सौरभ ने भी सम्बोधित किया।
धन्यवाद ज्ञापन सचिव अमित आनंद ने किया। मौके पर प्रांगण रंगमंच के मैनेजिंग ट्रस्टी दिलखुश कुमार, नीरज कुमार निर्जल, अनीश गौतम, सुरभि, अंतरा किट्टी, संवेदना, ट्विंकल, सिद्धि, साक्षी, शानवी, खुशी, सोनू अहीर, नायरा राज सहित अन्य मौजूद थे।।
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