मधेपुरा/बिहार: भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में एससी/एसटी व छात्राओं से स्नातक एवं पीजी में नामांकन शुल्क लेने का निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने 24 घंटा के भीतर वापस लिया है।
इस बाबत डीएसडब्ल्यू प्रो.(डॉ.) नवीन कुमार ने अधिसूचना जारी कर कहा कि 27 अप्रैल को विश्वविद्यालय के अध्यक्ष, छात्र कल्याण(डीएसडब्लू) कार्यालय से निर्गत पत्र को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाता है। इसमें यह भी कहा गया है कि एससी/एसटी की छात्र-छात्राओं और सभी वर्ग के छात्राओं से पूर्व की भांति शुल्क लिया जाएगा।
बता दें की विभिन्न छात्र संगठनो के विरोध व उग्र आंदोलन करने के अल्टीमेटम पर विश्वविद्यालय ने अधिसूचना/पत्र वापस लिया है। कुलपति डॉ बीएस झा को फोन पर इसकी शिकायत की गयी व अल्टीमेटम दिया था कि अगर अधिसूचना/पत्र वापस नहीं होगा तो मंगलवार से संयुक्त छात्र संगठन उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
अब सवाल यह है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने शिक्षा विभाग बिहार सरकार के संकल्प पत्र के साथ छेड़छाड़ क्यों किया? किस अधिकारी ने गर्ल्स एवं एससी/एसटी स्टूडेंट्स से शुल्क लेने हेतु प्रस्ताव देने का काम किया है। वैसे अधिकारी पर करवाई की जाए।
आखिर किस परिस्थिति में शिक्षा विभाग के संकल्प पत्र एवं पटना हाइकोर्ट के जजमेंट के साथ छेड़छाड़ करने की हिमाकत की गई। विश्वविद्यालय के ऐसे दिग्भ्रमित करने वाले अधिसूचना पर बड़ा सवाल है।।
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