मधेपुरा/बिहार: भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में कई सवालों के बीच आज बुधवार को कॉमर्स कॉलेज परीक्षा केंद्र पर पीएच.डी. कोर्स वर्क-21 की परीक्षा होगी।
इससे पहले परीक्षा विभाग पैट-2021 के कोर्स वर्क परीक्षा की तिथि जारी की।
बता दें कि विश्वविद्यालय में सक्रिय पीएच.डी. रैकेट का एक से बढ़ कर एक कारनामे का खुलासा हुआ था। इसमें सबसे अधिक पीएच.डी. नामांकन में हुई गड़बड़ी ने सुर्खियां बटोरी थी। गड़बड़ी की जांच के लिए अलग अलग कई कमिटी भी बनाई गई। मामला राजभवन सचिवालय तक भी पहुंचा पर रिजल्ट सिफर रहा। विश्वविद्यालय ने नियमों को ताक पर कर मामला की लीपापोती करने में ही अपनी भलाई समझी। बीएनएमयू में पैट-21 एडमिशन से ही विवादों में रहा। आवेदन के समय रिक्ति को लेकर काफी बवाल मचा था। कई एचओडी ने तो बिना डीआरसी कराये ही रिक्ति की सूची परीक्षा नियंत्रक को भेज दी थी। वहीं कई ने मोबाइल फोन पर ही अपनी रिक्ति की जानकारी परीक्षा नियंत्रक को दी। इस पर काफी हंगामा हुआ। यही नहीं हंगामे के बाद बिना सीट के और बिना शोध निदेशक के कई विभागों में नामांकन लिया गया। नामांकन में धांधली एवं गड़बड़ी बरतने का आरोप भी लगा।
● धांधली की शिकायत पर स्थगित हुई थी कोर्स वर्क की परीक्षा:
भारी गड़बड़ी के बावजूद परीक्षा विभाग ने आनन-फानन में पैट-21 कोर्स वर्क परीक्षा की तिथि जारी कर दी। लेकिन, धांधली एवं गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर तत्कालीन प्रभारी कुलपति डॉ. राजनाथ यादव ने पैट-21 कोर्स वर्क की परीक्षा स्थगित करते हुए जांच कमिटी बनाई। इस कमिटी ने रिपोर्ट देने में काफी विलम्ब की। जिस कारण बीएनएमयू प्रशासन के द्वारा पुनः जांच कमिटि बनाई गई।
प्रॉक्टर डॉ बीएन विवेका को जांच कमिटि का संयोजक बनाया गया।
● बिना जांच के कमिटी ने बना दी रिपोर्ट':
कमिटी ने दर्जनों शिकायत पत्र में मौजूद पर्याप्त साक्ष्य के बाद भी बिना जांच के ही रिपोर्ट बना दी। जांच कमिटि ने एक भी दिन संबंधित डिपार्टमेंट में जाकर जांच करना मुनासिब नहीं समझा। शिकायत पर गठित जांच कमिटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर दोषी पदाधिकारी को चुपचाप क्लीन चिट दिया गया। इस बीच हालांकि, तत्कालीन प्रभारी कुलपति डॉ राजनाथ यादव ने रिपोर्ट आने तक पैट-21 कोर्स वर्क परीक्षा फार्म भरने पर रोक लगा दी। इससे बीएनएमयू में पीएच.डी. रैकेट चलाने वाले गिरोह में खलबली मच गई।
● शिकायत में परत दर परत खुलने लगी थी गड़बड़ी:
पीएच.डी. नामांकन में शिकायत पत्र से परत दर परत गड़बड़ी का राह खुलने लगा था। इसमें कई विभागों में तो रिक्ति से अधिक एडमिशन ले लिया गया था।
पीएच.डी. रेगुलेशन-2016 लागू होने पर भी 75 प्रतिशत उपस्थिति की जमकर धज्जियां उड़ाई गई। इस एक गलती को छिपाने के लिए कई विभागों ने गलती पर गलती की। स्टूडेंट्स की उपस्थिति को पूरा करने के लिए नियमों को ताक पर रख कर कोर्स वर्क परीक्षा फार्म भरने के बाद स्टूडेंट्स का स्पेशल क्लास लिया गया। पैट-21 कोर्स वर्क परीक्षा फार्म भरने से पहले भी स्पेशल क्लास कराया गया।
● 75 प्रतिशत के बिना रोका गया फार्म भरने से:
केमिस्ट्री डिपार्टमेंट के एचओडी ने तो आधा दर्जन स्टूडेंट्स को पैट-21 कोर्स वर्क परीक्षा फार्म भरने से रोक दिया। उनका 75 प्रतिशत अटेंडेंस नहीं पूरा था। कई अन्य विभाग में भी स्टूडेंट्स को कोर्स वर्क परीक्षा फार्म से रोका गया है।
इधर, पैट-21 के एजुकेशन सब्जेक्ट से पास 80 स्टूडेंट्स का तो पीएचडी कोर्स वर्क -21 में एडमिशन ही नहीं लिया गया। संबंधित स्टूडेंट्स अब भी इंतजार में है, उनमें विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ काफी आक्रोश है।।
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