● रवि कुमार संत, सिंहेश्वर(मधेपुरा)
भूपेंद्र नारायण विश्वविद्यालय में अब कुछ भी संभव है। यहां पहले से वर्ग में छात्रों की उपस्थिति दर्ज नहीं हो रही है। अब प्रोफेसर भी छात्रों को बिन पढ़ाए ही वेतन उठाने में मग्न हैं। हैरत वाली बात यह है कि कक्षा संचालन के बिना ही वर्ग में प्रोफेसर की उपस्थिति दर्ज हो रही है।
बताया जाता है कि विवि में ऐसे भी प्रोफेसर हैं जिन्हें अपने कालेज का रास्ता मालूम नहीं है। वे महीने में एक या दो दिन आते हैं और कार्यालय में बिना रोक-टोक के उपस्थिति पंजी पर महीने भर की हाजिरी बना लेते हैं। इस तरह बिना ड्यूटी के प्रत्येक महीना बीएनएमयू में कई प्रोफेसर लाखों का वेतन उठा रहे हैं। खास कर विवि मुख्यालय स्थित टीपी कालेज में यह मामला सामने आया है। लोगों का मानना है कि विवि से मात्र दस कदम पर स्थित कालेज में जब शिक्षक बिन पढ़ाए ही वेतन उठा रहे हैं तो सुदूर इलाके के कालेज में क्लास रूम का गेट तो खुलता भी नहीं होगा। बताया जाता है कि विवि सहित सभी कालेजों बिहार सहित देश के विभिन्न प्रदेशों के शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें खास कर दूर-दराज के इलाकों से आने वाले शिक्षकों का वर्ग में उपस्थिति शून्य है।
● उपस्थिति पंजी पर एक ही दिन बन जाता है महीने भर का हाजरी:
बीएनएमयू अंतर्गत टीपी कालेज का उपस्थिति पंजी आज-कल इंटरनेट मीडिया में खुब वायरल हो रहा है। इसमें स्पष्ट देखा गया कि एक प्रोफेसर फरवरी माह में एक ही दिन उपस्थिति पंजी पर सभी तारीखों का उपस्थिति बना लेते हैं। ताजुब वाली बात यह है कि कालेज में प्रोफेसर साहब को कोइ ऐसा करने से रोकता भी नहीं है। वे आसानी से एक ही दिन महीने भर का हाजरी बना कर चलते बनते हैं। यहां जिम्मेवार भी आंख बंद कर लेते हैं। इससे प्रतीत होता है कि सब की मिलीभगत से सरकार को वेतन मद में करोड़ों रुपये का चंपत लग रहा है। बता दे कि बीएनएमयू में केवल शिक्षक के वेतन मद में प्रति वर्ष 87 करोड़ 28 हजार 796 रुपये खर्च हो रहे हैं।
● बीएनएमयू में दिखावे की वस्तू बन कर रह गई बायोमेट्रिक: सरकार ने सूबे के सभी विश्वविद्यालयों में बायोमेट्रिक से उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया है। परंतु बीएनएमयू में बायोमेट्रिक दिखावे की वस्तु बन कर रह गई है। नियमानुसार कालेज या विभाग बायोमेट्रिक में दर्ज उपस्थिति के आधार पर शिक्षकों के वेतन का डिमांड विवि से करेगी। लेकिन बीएन मंडल विवि में कालेज बायोमेट्रिक का डेटा विवि में जमा नहीं करती है और ना ही विवि इस आधार पर वेतन डिमांड की मांग करती है। इसलिए कालेजों उपस्थिति की खाना पूर्ति होती है।
इस बाबत बीएनएमयू कुलपति डॉ आर के पी रमण ने बताया कि
विवि मुख्यालय के अलावे सभी कालेजों में बायोमेट्रिक उपस्थिति को सख्ती से लागू किया गया है। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो विवि कड़ी कार्रवाई करेगी।
वहीं बीएनएमयू एफए नरेंद्र सिन्हा ने कहा कि
बीएनएमयू में शिक्षक के वेतन मद में प्रति वर्ष 87 करोड़ 28 हजार 796 रुपये का खर्च है। वित्त विभाग में अब तक कालेजों से बायोमेट्रिक में दर्ज उपस्थिति के आधार पर शिक्षकों के वेतन का डिमांड नहीं मिला है
कुलसचिव डॉ मिहिर कुमार ठाकुर ने कहा कि
ऐसा किया गया है तो यह बड़ा अपराध है। विवि मामले की जल्द ही जांच करेगी। इसके लिए कालेज से जानकारी मांगी गई है। इसमें दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
टीपी कॉलेज के प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ कैलाश प्रसाद यादव बताते हैं कि
फरवरी महीने में परीक्षाओं का दौर चल रहा था। इसलिए कालेज में बायोमेट्रिक से शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज नहीं हुई है। साइंस विभाग में उपस्थिति पंजी पर सभी शिक्षक उपस्थिति बनाते थे। दोषी शिक्षक से शाकाज किया जाएगा।।
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