● Sarang Tanay@Madhepura.
मधेपुरा/बिहार: डॉ. विनय कुमार चौधरी ने गुरुवार को मानविकी संकायाध्यक्ष के रूप में योगदान दिया। उन्होंने हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. उषा सिन्हा का स्थान लिया है, जिनका कार्यकाल गत दिनों समाप्त हो गया था।
उप कुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर ने बताया कि डॉ. चौधरी का जन्म बांका जिले के कुमारपुर गांव 18 दिसंबर, 1958 में हुआ है। इन्होंने प्रथम श्रेणी में स्नातक एवं स्नातकोत्तर (1981) की डिग्री प्राप्त की। इन्होंने तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर से पीएच.डी. एवं डी.लिट् (2013) की डिग्री प्राप्त की है।
उन्होंने बताया कि डॉ. चौधरी ने अपने शैक्षणिक कैरियर की शुरुआत सितंबर 1981 में पीएस कॉलेज मधेपुरा में अस्सिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में की। ये 1994 में रीडर और 2006 से प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नत हुए। अपने 41 वर्षों के लंबे कार्यकाल में इन्होंने विश्वविद्यालय हिंदी विभाग के एचओडी सहित कई महत्वपूर्ण पदों को सुशोभित किया है।
उन्होंने बताया कि डॉ. चौधरी हिंदी के अलावा अंग्रेजी, उर्दू, बंगाली एवं रुसी भाषा के जानकार हैं। इन्होंने अब तक कुल 45 पुस्तकों की रचना की है। इनमें डेढ़ दर्जन काव्य, नाटक, आलोचना आदि से संबंधित पुस्तकें शामिल हैं। इन्होंने कोसी अंचल के लोक साहित्य विषय पर अध्ययन किया है। कृति नारायण मंडल से संबंधित उनकी दो पुस्तकें कोसीपुत्र (प्रबंध काव्य) एवं दधिचि की हड्डी (नाटक) काफी लोकप्रिय रही है।
मौके पर डीएसडब्लू डॉ. राजकुमार सिंह, प्रॉक्टर डॉ. बीएन विवेका, कुलसचिव डॉ. मिहिर कुमार ठाकुर, आईक्यूएसी निदेशक डॉ. नरेश कुमार, जंतु विज्ञान विभाग के एचओडी डॉ. अरूण कुमार, साहित्यकार डॉ. मणिभूषण वर्मा, उपकुलसचिव (स्थापना) डॉ. सुधांशु शेखर, डॉ. विजय यादव, शोधार्थी सौरभ कुमार चौहान आदि उपस्थित थे।।
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