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बुधवार, 4 जनवरी 2023

कॉलेज कैम्पस:"कक्षा एवं किताब का कोई विकल्प नहीं - डॉ आर.के. पी.रमण"...

● Sarang Tanay@Madhepura.
मुरलीगंज(मधेपुरा): भारतीय संविधान हमारे लिए  श्रीमद्भगवद्गीता, कुरान एवं बाइबिल है। हमारा यह सौभाग्य है कि इस धर्मग्रंथ की रचना में हमारे क्षेत्र के मनीषी कमलेश्वरी प्रसाद यादव ने भी इसमें बड़ी भूमिका निभाई है। 
उक्त बातें कुलपति प्रो(डाॅ.)आर.के.पी.रमण ने कही। वे कमलेश्वरी प्रसाद यादव की जयंती पर आयोजित समारोह में उद्घाटनकर्ता के रूप में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि यदि कमलेश्वरी बाबू ने इस कॉलेज की स्थापना नहीं की होती, तो शायद वे पढ़-लिख भी नहीं पाते। उन्होंने इसी कॉलेज से इंटरमीडिएट किया और सौभाग्य से आज बीएनएमयू कुलपति के रूप में कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि एक भी विद्यार्थी कक्षा में आएं, तो भी कक्षाओं का संचालन करें। विद्यार्थियों को सीख दी कि पढ़ाई एवं परीक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। हमेशा याद रखें कि कक्षा एवं किताब का कोई विकल्प नहीं है।
पीवीसी डाॅ.आभा सिंह ने कहा कमलेश्वरी प्रसाद एक समर्पित राजनेता एवं महान शिक्षाविद् थे। उन्होंने काफी कठिनाइयाँ झेलकर इस सुदूर क्षेत्र में कॉलेज की स्थापना की और यहाँ शिक्षा की ज्योति जलाई। उनके कारण हमें बहुत कुछ हासिल हुआ।‌
उन्होंने कहा कि हमारे पुरखों ने तत्कालीन परिस्थितियों का सामना करते हुए समाज एवं राष्ट्र को सर्वोच्च योगदान दिया। लेकिन सवाल यह है कि हम अब क्या कर रहे हैं? हम समाज एवं राष्ट्र में क्या योगदान दे‌ रहे हैं?
बिहारीगंज के जदयू विधायक निरंजन मेहता ने कहा कि शिक्षा ही वह अस्त्र है, जिससे समाज में बदलाव आता है। इससे जीवन के बंद दरवाजे खुल सकते हैं। 
उन्होंने कहा कि शिक्षकों की कमी को दूर किया जाए। सत्र  नियमित हो और नियमित कक्षाओं का संचालन सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार द्वारा शिक्षा में सुधार हेतु काफी सराहनीय कार्य किया जा रहा है और कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कॉलेज में एमएलए फंड से  एक हॉल बनाने की घोषणा की।
आरजेडी एमएलसी डॉ.अजय कुमार सिंह ने कहा
कि ऐसे समय में जब सारे दीये बुझा दिए गए हैं, तब कमलेश्वरी प्रसाद यादव जैसे दीपक से हम सबों को रौशनी मिल रही है। उन्होंने जो बड़ी लकीर खींची, उसकी बराबरी कोई नहीं कर सकता है। उनके मन में कोसी को पिछड़ेपन से मुक्त करने‌ की कसक थी।
उन्होंने कहा कि बिहार का इतिहास काफी गौरवशाली है। इस धरती ने दुनिया को प्रेम एवं शांति संदेश दिया है।  यहीं से गौतम बुद्ध और गाँधी ने दुनिया को प्रेरित किया। 
आर्यभट्ट ने शून्य की खोज  की।
दिनकर, रेणु एवं राजकमल चौधरी ने कालजयी साहित्य की रचना की।
उन्होंने कहा कि बिहार कि शिक्षा व्यवस्था सड़ चुकी है। यदि शिक्षा की स्थिति नहीं बदली, तो बिहार में बदलाव एवं विकास नहीं हो सकेगा। अतः शिक्षा को बचाने के लिए मनीषी की जरूरत है। 
मुरलीगंज नगर पंचायत की नवनिर्वाचित मुख्य पार्षद सर्जना सिद्धि ने कहा कि युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने की जरूरत है।
कुलसचिव डॉ.मिहिर कुमार ठाकुर ने कहा कि मधेपुरा के लिए जनवरी का प्रथम सप्ताह काफी महत्वपूर्ण है। 
दो जनवरी को डॉ. महावीर प्रसाद यादव, तीन को डॉ.
रमेन्द्र कुमार यादव रवि और चार को
कमलेश्वरी प्रसाद यादव की जयंती है।
कमलेश्वरी प्रसाद यादव के पौत्र
डॉ. आनंद कुमार ने कहा कि कमलेश्वरी बाबू राजेन्द्र प्रसाद
एवं अनुग्रह नारायण के करीबी थे। वे एक-एक व्यक्ति को पढ़ने के लिए प्रेरित करते थे।
प्रॉक्टर डॉ. विश्वनाथ विवेका ने कहा कि कमलेश्वरी बाबू पर पुस्तक प्रकाशित किया जाए। 
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ. जवाहर पासवान ने कहा कि यह गौरव की बात है कि कमलेश्वरी यादव, डॉ राजेंद्र प्रसाद व पंडित जवाहरलाल नेहरु बीआर अंबेडकर के साथ संविधान सभा के सदस्य थे। युवाओं को इनके जीवन से प्रेरणा लेने की जरूरत है।
इस अवसर पर उप कुलसचिव (स्थापना) डाॅ. सुधांशु शेखर, कुलपति के निजी सहायक शंभू नारायण यादव,डॉ अमरेन्द्र कुमार, देव किशोर, डॉ. अतिरथ कुमार, महेंद्र मण्डल, सुशांत सिंह,  डॉ. अली अहमद मंसूरी, डॉ.शिवा शर्मा, डॉ. विजय कुमार पटेल, डॉ. त्रिदेव निराला , प्रतीक कुमार,डॉ. चंद्रशेखर आज़ाद, पंकज शर्मा, डॉ. दीपक कुमार, डॉ. कमल कंचन, डॉ. अमित कुमार, डॉ. नज़राना, डॉ. राघवेंद्र, डॉ. नीरज कुमार निराला, देवाशीष देव, अभिषेक कुमार, इंदुभूषण,महेश राम, राजीव, राजेश, सिंटू आदि उपस्थित थे।
इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरूआत कमलेश्वरी प्रसाद की प्रतिमा एवं समाधि स्थल पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि के साथ हुई। कमलेश्वरी बाबू के परिजनों सहित सभी अतिथियों का अंगवस्त्रम एवं पुष्पगुच्छ से स्वागत किया गया।  
मंच संचालन पृथ्वीराज यदुवंशी ने किया।
 धन्यवाद ज्ञापन अर्थपाल डॉ. सज्जाद अख्तर ने की। 
गायक रौशन कुमार, बीरेन्द्र, अजय आदि ने गीत-संगीत प्रस्तुत किया।।

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