● Sarang Tanay@Madhepura.
मधेपुरा/बिहार: भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय,मधेपुरा के नॉर्थ कैम्पस स्थित विश्वविद्यालय समाजशास्त्र विभाग में "न्यू ट्रेंड्स इन रिसर्च मेथाडोलॉजी" विषय पर आयोजित सात दिवसीय नेशनल वर्कशॉप(23-29 दिसम्बर 20222) का समापन हो गया।
सात वर्कशॉप का समापन कुलपति डॉ. आर के पी रमण ने किया। समाजशास्त्र विभाग के एचओडी डॉ. कुलदीप यादव की अध्यक्षता में आयोजित समापन समारोह में कुलपति ने कहा कि ज्ञान के तीन पहलू हैं जो ज्ञानात्मक, भावात्मक और क्रियात्मक ज्ञान होते हैं।
ज्ञानात्मक और भावनात्मक ज्ञान क्लास और किताब से प्राप्त होती है। लेकिन क्रियात्मक ज्ञान वर्कशॉप जैसे कार्यक्रम से ही हासिल होता है। उन्होंने समाजशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित सात दिवसीय वर्कशॉप की सराहना करते कहा कि इससे क्रियात्मक ज्ञान की वृद्धि हुई है। उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा सिर्फ सिद्धांत से कुछ नहीं होता इसको हमें प्रयोग में लाना चाहिए। कुलपति ने कहा विश्वविद्यालय के अधीन सभी विभागों के एचओडी ऐसे कार्यक्रम को गति प्रदान करें, विश्वविद्यालय प्रशासन हर संभव प्रयास करने को तैयार है। कुलपति ने प्रतिभागियों से कहा रिसर्च शोधार्थी का मौलिक होता है उसे अपने दृष्टिकोण से देखना चाहिए। उन्होंने वर्कशॉप को मील का पत्थर बताया। कुलपति ने कहा अनुसंधान के क्षेत्र में छात्र आगे बढ़े। जिससे समाज को भी फायदा पहुंचेगा।
आईक्यूएसी के डायरेक्टर डॉ. नरेश कुमार ने कहा यह सात दिवसीय वर्कशॉप प्रतिभागियों के कॉन्फिडेंस लेवल को बढ़ाया है। उनमें बेहतर करने की ललक जगी है। इस तरह के कार्यक्रम के होने से विश्वविद्यालय के नैक मूल्याकंन में मदद मिलती है। नेशनल इंस्टिट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क में भी विश्वविद्यालय का स्थान ऊँचा होता है। उन्होंने कहा कि शोधार्थियों को इसे चुनौती के रूप में लेना चाहिए। कम संसाधन में बेहतर प्रदर्शन किया जा सके।
परीक्षा नियंत्रक प्रो आर पी राजेश ने कहा परीक्षा आयोजन/संचालन के क्षेत्र में बीएनएमयू राज्य का पहला विश्वविद्यालय बन चुका है। 2023 से एग्जाम कैलेंडर के अनुसार ही परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।
समारोह में रांची विश्वविद्यालय के डॉ प्रभात कुमार सिंह, राधा गोविंद विश्वविद्यालय रामगढ़ डॉ. रश्मि, प्रभारी कुलसचिव डॉ गजेंद्र यादव, डॉ अनिल कुमार, डॉ संजय कुमार, डॉ कविता, डॉ विवेक सिंह, डॉ. चंद्रमणि, डॉ अशोक कुमार, डॉ विनोद कुमार यादव, डॉ सिकंदर कुमार सहित अन्य मौजूद थे।
● कुलपति के हाथ प्रमाण पत्र पाकर काफी गदगद दिखे प्रतिभागी: बीएनएमयू के नॉर्थ कैम्पस स्थित समाजशास्त्र विभाग में सात दिवसीय वर्कशॉप के अंतिम दिन कुलपति के हाथों प्रतिभागी को प्रमाण पत्र/सर्टिफिकेट दिया गया। कुलपति डॉ आरकेपी रमण के हाथ से प्रमाण पत्र पाकर प्रतिभागी काफी खुश व गदगद दिखे। मंच का संचालन शोधार्थी मनीष कुमार ने किया।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ सदय कुमार ने किया। रमेश झा महिला कॉलेज, सहरसा के समाजशास्त्र विभाग के डॉ. अनिल कुमार झा एवं आर.एम. कॉलेज, सहरसा के समाजशास्त्र विभाग के डॉ. कविता कुमारी ने शोधार्थियों के मन में उठ रहे सवालों के जवाब दिये और उनके सारे डाउट को क्लीयर किया।
डॉ. विवेक प्रकाश सिंह ने सातों दिनों के व्याख्यानों को काफी लाभप्रद्र बताया। डॉ. सदय कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
मंच संचालन करते हुए शोधार्थी मनीष कुमार ने सातों दिनों के कार्यक्रमों से हुये लाभों को संक्षिप्त रूप में वर्णन किया, और उन्होंने सूचना एवं प्रौद्योगिकी का ग्रामीण समाज पर हो रहे प्रभाव एवं जीवनशैली में बदलाव को पीपीटी के माध्यम से प्रस्तुत किया।
तकनीकी संचालन सुरज कुमार और ब्रजेश कुमार सिंह ने किया।
पैट -20 की शोध छात्रा खुशबू ने कार्यशाला के अनुभव को साभागार में सबों के सामने प्रस्तुत किया।
आयोजन समिति के मीडिया इंचार्ज डॉ संजय कुमार परमार ने मीडिया कर्मियों का आभार व्यक्त किया। मौके पर शोधार्थी सोनी कुमारी, शिल्पी, प्रज्ञा गौतम, पूजा कुमारी, नमिता कुमारी, विभा कुमारी, तृप्ति कुमारी, उपासना कुमारी, खुशबू, स्नेहा, कृष्ण देव यादव, रूमा कुमारी, बिजेन्द्र कुमार, रोशन कुमार, धीरेन्द्र कुमार, सुरज कुमार, सुरेश, ब्रजेश कुमार सिंह, जीतेन्द्र, शुभम कुमार, विकास कुमार आदि मौजूद थे।
● शोधार्थी को मन से डर हटाना चाहिए: रश्मि
बीएनएमयू के समाजशास्त्र विभाग में
वर्कशॉप के समापन के दिन प्रथम सत्र में राधा गोविंद यूनिवर्सिटी रामगढ़ झारखंड की प्रो. रश्मि ने हाइपोथेसिस विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि उपकल्पना का शोध में काफी महत्व है। उन्होंने उदाहरण के साथ बताया कि शोधार्थियों को इससे कैसे फायदा मिल सके। उन्होंने शोधार्थियों के मन में उठ रहे सवालों को पूछने के लिए प्रेरित किया साथ ही छात्रों के प्रश्नों की बारीकी से जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को शोध से संबंधित उनके डर के बारे में बताया। डॉ रश्मि ने आलेख लिखने की विधि, जर्नल, बुक्स, एडिटेड बुक्स आदि के बारे में जानकारी दी।
मौके पर रांची विश्वविद्यालय के डॉ प्रभात कुमार सिंह, डा कुलदीप यादव, डॉ अनिल कुमार, डॉ कविता, डॉ संजय कुमार, सुरज कुमार, ब्रजेश कुमार सिंह, धीरेन्द्र कुमार, ब्रजेश कुमार सिंह, शुभम कुमार, जीतेन्द्र कुमार शर्मा, विकास कुमार, सुरेश कुमार, शिल्पी शुभम, प्रज्ञा गौतम, खुशबू कुमारी, उपासना कुमारी, राहुल राजहंस, बिजेन्द्र कुमार, कुमारी नूतन, रूमा कुमारी, रामानुज कुमार, स्नेहा, पूनम, सूफी खातून, वीरेंद्र कुमार, विकास कुमार सहित अन्य मौजद रहे।।
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