● Sarang Tanay@Madhepura.
मधेपुरा/बिहार: भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय,मधेपुरा के नॉर्थ कैम्पस स्थित विश्वविद्यालय हिन्दी विभाग की ओर से दो दिवसीय (17-18 मई) राष्ट्रीय सेमिनार/संगोष्ठी "हिंदी साहित्य: विविध संदर्भ" का बुधवार को समापन हो गया।
समापन समारोह को संबोधित करते हुए मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो(डॉ.) उषा सिन्हा ने कहा कि सबों के सहयोग से सेमिनार/संगोष्ठी का आयोजन सफल रहा है। संगोष्ठी में विभिन्न राज्यों से आये प्रतिभागियों ने अपनी बातें रखी। प्रतिभागियों ने हिन्दी साहित्य को काफी लोकप्रिय और सशक्त बताते हुए इसके उज्ज्वल भविष्य व बेहतरी की कामना की।
यूनिवर्सिटी ऑफ बंगाल सिल्लीगुड़ी में हिन्दी की एचओडी डॉ मनीषा झा ने कहा कि रेणु साहित्य पढ़ने के बाद कोसी/सीमांचल आने की प्रबल इच्छा थी।सेमिनार में कई विभागों से जुड़े शिक्षक, शोधार्थी, छात्र शामिल हुए यह सफलता का सूचक है। हिन्दी साहित्य का इतिहास काफी पुराना है। सभी के आलेख काफी बेहतर रहे।
तकनीकी सत्र में अध्यक्ष डॉ मनीषा झा, संचालन सिद्धेश्वर कश्यप ने किया। संगोष्ठी में डॉ संजय कुमार परमार ने साहित्य और अर्थशास्त्र पर अपना आलेख प्रस्तुत किया।
समापन समारोह में सभी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन प्रो उषा सिन्हा ने किया।
सेमिनार/संगोष्ठी के पहले दिन देर शाम में काव्य गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित हुआ। काव्य गोष्ठी में देश भक्ति, हास्य व्यंग, कुरीति, पर्यावरण, राजनीति सहित अन्य मुद्दे पर काव्य पाठ हुआ।
मौके पर केपी कॉलेज मुरलीगंज के प्रधानाचार्य डॉ जवाहर पासवान, बीएड-एमएड विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ नरेश कुमार, डॉ अमोल राय, डॉ विनय कुमार चौधरी, डॉ सिद्धेश्वर कश्यप, डॉ पूजा गुप्ता, विभीषण कुमार, रूपेश कुमार, प्रिंस कुमार, शंकर सुमन, सुनील कुमार, निखिल कुमार, विकास कुमार, प्रमेश कुमार, सुनीता सिंह, ममता सहित अन्य मौजूद रहे।।
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