● Sarang Tanay@Madhepura.
मधेपुरा/बिहार: संत शिरोमणि रविदास भक्ति आंदोलन के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। उन्होंने सैकड़ों वर्ष पूर्व भारतीय समाज में भक्ति के जरिए मुक्ति का आंदोलन चलाया है। अतः वे वास्तव में मुक्ति आन्दोलन के नेता हैं।
उक्त बातें के.पी.कालेज, मुरलीगंज के प्रधानाचार्य डॉ.जवाहर पासवान ने कही। वे बुधवार को राजकीय अंबेडकर कल्याण छात्रावास में आयोजित संत रविदास जयंती समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।
डॉ. जवाहर ने कहा कि भारत में समाज-परिवर्तन की लंबी परंपरा रही है। महात्मा बुद्ध, महात्मा कबीर, संत रविदास सभी ने इस परंपरा को आगे बढ़ानया है।
उन्होंने कहा कि संत रविदास ने अपनी अनेक रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त भेदभाव एवं अन्य बुराइयों को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि उप कुलसचिव (अकादमिक) डॉ. सुधांशु शेखर ने कहा कि संत रविदास केवल दलितों के मसीहा नहीं थे, बल्कि वे मानवता के संपूर्ण मानवता के उद्धारक थे। उन्होंने देश-दुनिया के सभी मनुष्यों के दुख-दर्द को दूर करने के लिए प्रयास किया। उनके विचार एवं कार्य पूरी मानवता के लिए लिए कल्याणकारी हैं।
इस अवसर पर डॉ. राजकुमार रजक, राज हंस राज, चन्दन कुमार, प्रियरंजन, नयन रंजन, सत्यम रंजन, ओम रंजन, मिथिलेश सरदार, शशि राम, सुनील पासवान, सुमन, पिंटू राम, आशीष कुमार, सचिन, नीतीश, विकाश, बिरजू, मनीष मेहरा, सोनू, गुरु देव, प्रभाष, दीपक राम, चन्दन पासवान, शिवशंकर राम, अभिमन्यु राम, कुंदन राम एंव दीपक सरदर आदि उपस्थित थे।।
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