मधेपुरा के रंगकर्मीयो ने महोत्सव में लहराया परचम।
मधेपुरा/बिहार: संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार एवं कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के सहयोग से 'बटोही' सहरसा द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय कला महोत्सव में आम जन जीवन से जुड़ी लोक संस्कृति की धूमिल होती जा रही धरोहर को सहेजने एवं संवारने के लिए देश -विदेश से आए कलाकारों ने अपने अभिनय से लोगों का मन मोह लिया। इसी कड़ी में सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्था 'सृजन दर्पण' मधेपुरा के रंगकर्मीयो ने मशहूर लोक नृत्य नाटिका 'जट-जटिन' की बहेतरीन प्रस्तुति दी। इसमें स्त्री-पुरूष के मधुरतम संबंध दाम्पत्य के रूप में सामने आता है। स्त्री का पति को परदेश न जाने देने की सहज इच्छा, उनका आभूषण प्रेम और पति की विवशता का रमणीय दृश्य दिखाया गया है।आज के टुटते विखरते वैवाहिक जीवन के विरुद्ध नृत्य नाटिका में गरीबी, नोंक-झोंक के बाबजूद प्रेम और शाश्वत वैवाहिक जीवन को कलाकारों ने मंचन में दिखाया। यही हमारी संस्कृति का मूल है। नृत्य नाटिका के मुख्य किरदार में युवा रंगकर्मी और निदेशक बिकास कुमार एवं मनिषा कुमारी की संदेशप्रद प्रस्तुति को राज्य के कला संस्कृति मंत्री डॉ.आलोक रंजन, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ला, प्रसिद्ध रंगकर्मी पद्मश्री निरंजन गोस्वामी,आयोजक संगीत नाटक अकादमी के पूर्व निदेशक डॉ.ओमप्रकाश भारती, डॉ.महेंद्र कुमार, फिल्म अभिनेता राहुल सिन्हा, निर्देशक मनोज श्रीपति आदि ने सराहा।
संचालन किशलय कृष्ण एवं सुभाष चन्द्र ने किया। प्रस्तुति को सफल बनाने में मुन्नी कुमारी और राजन कुमार ने अहम भूमिका निभाया। मौजूद दर्शक एवं कलाप्रेमियो का कालाकरों ने अपनी प्रस्तुति से मन मोहा।।
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