● Sarang Tanay@Madhepura.
मधेपुरा/बिहार: दर्शनशास्त्र विभाग, तिलकामाँझी भागलपुर विश्वविद्यालय(TMBU), भागलपुर के एचओडी प्रो.( डाॅ.) राजेश रंजन तिवारी ने प्रतिकुलपति(PVC) प्रो.( डाॅ.) आभा सिंह से शिष्टाचार भेंट की। प्रतिकुलपति(PVC) ने उनको अंगवस्त्रम्, पुष्पगुच्छ एवं 42वें दर्शन परिषद् अधिवेशन की स्मारिका भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर दर्शनशास्त्र के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। इस क्रम में यह बात सामने आई कि दर्शनशास्त्र का मानव- जीवन में काफी महत्व है। इसके पठन-पाठन को बढ़ावा देने की जरूरत है। लेकिन स्कूली स्तर पर दर्शनशास्त्र विषय का अध्ययन-अध्यापन नहीं होना चिंता का विषय है।
चर्चा के दौरान यह बात भी सामने आई कि इंटरमीडिएट स्तर पर दर्शनशास्त्र का वर्तमान पाठ्यक्रम दोषपूर्ण है। इस पाठ्यक्रम में ग्यारहवीं में तर्कशास्त्र है, जिसे बारहवीं में होना चाहिए था। बारहवीं में दर्शनशास्त्र के मूलभूत मुद्दों को शामिल किया गया है, जिसे ग्यारहवीं में होना चाहिए था। साथ ही चूँकि ग्यारहवीं में विद्यार्थियों को पहली बार दर्शनशास्त्र से परिचय होता है, इसलिए पाठ्यक्रम(सिलेबस) को सरल एवं रोचक बनाने की जरूरत है।
इस अवसर पर दर्शनशास्त्र विभाग के एचओडी शोभाकांत कुमार और असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ. सुधांशु शेखर उपस्थित थे।।
मुझे तो अभी तक रिजल्ट नहीं दिख रहा है, विश्वविद्यालय के पोर्टल पर, आपको कहा से ये जानकारी मिली है, कृपया जानकारी साझा करें 🙏
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