मधेपुरा। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर रविवार को किसान सभा के कार्यकर्ताओं ने पुलवामा के शहीद जवान और दिल्ली बॉर्डर पर शहीद किसान को कैंडल जलाकर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर बिहार राज्य किसान सभा के नेता विद्याधर मुखिया ने कहा कि पुलवामा के शहीद जवानों और दिल्ली बॉर्डर पर शहीद किसानों के प्रति केंद्र सरकार संवेदनहीन है। उन्होंने कहा कि पुलवामा घटना के आखिर जिम्मेदार कौन है। इतने दिनों के बाद भी इस घटना की जांच क्यों नहीं हुई। दिल्ली बॉर्डर पर 200 से अधिक किसानों के शहादत के बाद भी सरकार इस काला कृषि कानून को क्यों नहीं वापस ले रही। उन्होंने कहा कि जवानों और किसानों की अनदेखी नहीं सहेंगे।
मौके पर उपस्थित छात्र नेता मो. वसीम उद्दीन ने कहा कि केंद्र की सरकार किसान और जवान के बालवीर और बर्बाद कर देने पर आतुर है। भारत देश जवानों और किसानों का देश है। उन्होंने कहा कि जवानों और किसानों की उपेक्षा भारत की जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।
किसान नेता मो. चांद ने कहा कि मोदी सरकार किसान विरोधी एवं कारपोरेट है। अगर यह तीन कृषि कानून लागू हुआ तो किसान कारपोरेट के गुलाम हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इसके विरोध में संघर्ष को तेज करेंगे। मौके पर ज़ीशान अख्तर, पूर्व मुखिया बाल किशोर यादव, रोशन कुमार, रोहित, रोशन यादव, राहुल यादव, मो. दिलकश, मो. रेहान, आशीष कुमार, आमोद आर्य, मो. सनाउल्लाह, हरजीत यादव, भीम भाई आदि उपस्थित रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें