BNMU हलचल: UMIS के मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी चुप्पी तोड़ें- डॉ जवाहर पासवान... - News Express Now :: Hindi News, Latest News in Hindi, Breaking News, | हिन्दी न्यूज़ लाइव

Breaking

Home Top Ad

Post Top Ad

सोमवार, 11 जनवरी 2021

BNMU हलचल: UMIS के मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी चुप्पी तोड़ें- डॉ जवाहर पासवान...

मधेपुरा/बिहार: यूएमआईएस मामले को लेकर काफी आंदोलन हुआ। कई सिंडिकेट सदस्यों ने भी विश्वविद्यालय को आवेदन दिया था। सबों ने यह माँग थी कि सिंडिकेट में इस प्रकरण पर चर्चा हो। लेकिन दुख की बात है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने यूएमआईएस पर चुप्पी साध ली है।
उक्त बातें अभिषद् सदस्य डाॅ. जवाहर पासवान ने कही। वे सिंडिकेट की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में सिंडिकेट की दो बैठकों में विश्वविद्यालय प्रशासन ने यूएमआईएस पर चुप्पी साध ली, यह संदेह पैदा करता है। सिंडिकेट में  बजट पर चर्चा हुई और आश्चर्य की बात है कि यूएमआईएस को प्रति वर्ष डेढ़ करोड़ रुपए देने का मामला कहीं नहीं आया। यूएमआईएस का कांट्रेक्ट अभिषद् में नहीं रखा गया।
उन्होंने यूएमआईएस पर श्वेत पत्र जारी करने की माँग की। उन्होंने जानना चाहा कि विश्वविद्यालय ने यूएमआईएस पर कोर्ट में क्या जवाब दिया है ? पूरे पाँच वर्ष में वकीलों को कितना पैसा दिया गया है ? वकीलों के पैनल को बदला जाए।
डाॅ. पासवान ने सवाल उठाया कि नोडल पदाधिकारी को क्यों नहीं हटाया जा रहा है ? उन्होंने  यूएमआईएस को बर्बाद किया और बीएड के स्पाॅट नामांकन में गड़बड़ी के जड़ में ही वही हैं। नोडल पदाधिकारी को पद से हटाकर उनको पैतृक महाविद्यालय में वापस किया जाए। नोडल पदाधिकारी की तबियत काफी खराब है और स्वास्थ्य कारणों से उन्हें आराम की जरूरत है। फिर एक शिक्षक को पदाधिकारी बनाकर उनके जीवन को खतरे में क्यों डाला जा रहा है ? या बहुत योग्य हैं, तो डीएसडब्लू या प्राॅक्टर बना दीजिए, ताकि उनका वर्क लोड कम होगा और वे सिंडिकेट में आकर हम सबों को कुछ शिक्षा भी देंगे!
बैठक में नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफ़ेसरों के हित में कई निर्णय लिए गए। 51 नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफ़ेसरों की सेवासंपुष्टि हेतु निर्गत पत्र में लगा अनावश्यक नोट हटाया जाएगा। वर्ष 2003 से अद्यतन जिन शिक्षकों की सेवासंपुष्टि हो गई है, उनकी मौलिक नियुक्ति की तिथि से संबंधित अधिसूचना जारी की जाएगी। जो भी नवनियुक्त असिस्टेंट प्रोफ़ेसरों अपनी प्रक्ष्यिमान अवधि पूरी कर चुके हैं, उन सबों की सेवा संपुष्टि की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस बावत पूर्व में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर एवं जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने कुलपति और विभिन्न सिंडिकेट सदस्यों को आवेदन दिया था। इस आवेदन के आलोक में टी. पी. कााॅलेज, मधेपुरा में राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. जवाहर पासवान ने सिंडिकेट में यह मामला उठाया था।
डाॅ. पासवान ने कहा कि माया संगठन के अध्यक्ष राहुल यादव अपनी ओर से जननायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा उपलब्ध करा रहे हैं। संगठन के आवेदन पर विश्वविद्यालय की टीम ने नार्थ कैम्पस स्थल का चयन भी किया। इसके बावजूद प्रतिमा लगाने में क्या परेशानी है ? अतः नार्थ कैम्पस में चयनित स्थल पर अथवा जहाँ भी देना हो अविलंब प्रतिमा के लिए जगह आवंटित किया जाए। इसे सदन ने सर्वसम्मति से स्वीकृत प्रदान की।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Post Bottom Ad

Pages