मधेपुरा। मधेपुरा शहर में एक साथ हुई दो घटनाओं के बाद से पुलिस गश्त तेज कर दी गई है। एसपी योगेन्द्र कुमार खुद कमान संभालते हुए पुलिसकर्मियों के साथ शहर में गश्त लगा रहे हैं।
पहली घटना रात करीब 9 बजे की है। बताया गया कि बुधवार की शाम सदर थाना की पुलिस करीब 8 बजे कॉलेज चौक पर वाहन जांच कर रही थी। इसी बीच गुजर रहे एक शिक्षक की बाइक को पुलिस ने जांच पड़ताल की। जिसके बाद पुलिसकर्मियों ने शिक्षक की बाइक को जब्त कर थाना भेज दिया। बताया गया कि जब्त बाइक शहर में कोचिंग चलाने वाले एक शिक्षक आरपी यादव की है। बाइक जांच को लेकर कॉलेज चौक पर ही पुलिसकर्मियों के साथ नोंक झोंक भी हुई।
इसके बाद करीब 9 बजे अचानक से छात्रों का हुजूम कॉलेज चौक होते हुए सदर थाना पहुंच गया। छात्रों के हुजूम ने थाना परिसर में उपद्रव करते हुए कई वाहनों को तोड़ दिया। बताया गया कि छत्रों ने थाना परिसर में पथराव भी किया। जिसमें कई पुलिसकर्मियों सहित आमलोग भी घायल हो गए हैं।
बताया गया कि करीब डेढ़ घंटे तक छात्रों ने खूब उत्पात मचाया।भारी संख्या में पुलिस बल के पहुंचने के बाद सभी उपद्रवी भाग निकले। इस दौरान कॉलेज चौक से जा रहे छात्रों ने थाना तक आते- आते रास्ते में भी कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया।
घटना के बाद से कॉलेज चौक से लेकर थाना तक पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। एसपी योगेन्द्र कुमार खुद कमान संभालते हुए पुलिसकर्मियों के साथ शहर में गश्त कर रहे हैं। इस सम्बंध में एसपी अभी कुछ भी बताने से इनकार किया है।
जबकि दूसरी घटना रात करीब सवा दस बजे की है। स्टेशन चौक स्थित एक आलू प्याज दुकानदार देबू भगत के यहां बेखौफ अपराधियों ने फायरिंग करते हुए लूटपाट की। बताया गया कि हथियार से लैश 6 बदमाशों ने फायरिंग करते हुए उनके दुकान में लूटपाट की घटना को अंजाम दिया है। घटना के बाद सभी बदमाश भाग निकले। सूचना पर एसपी योगेन्द्र कुमार घटना स्थल पर पहुंचकर छानबीन में जुट गए हैं।
कुछ मायने में पुलिस वाले भी अपने आप को हीरो समझने लगते है, कभी कभी इनसे ऐसे बर्ताव भी जरूरी है । एक दिन मेरे दोस्त का बेवजह गाड़ी को पकड़कर थाने में रखा एवं उनको अंदर एक कमरा में बैठा कर बाहर से ताला लॉक कर दिया मुझे सूचना मिली तो मैं तुरंत सदर थाने मधेपुरा गया थाना प्रभारी से मैंने पूछा कि सर इनकी क्या गलती है जो इनको आप arrest किए हो । इस पर पता नहीं उनको क्या हुआ उन्होंने पीटना शुरू कर दिया और उनके साथ पांच पुलिसकर्मी और आ गए सब ने मुझे थप्पड़ लगा दिया । पुलिसकर्मी जनता के लिए होती है उन्हें कोई तकलीफ ना हो इसके लिए सदैव तत्पर रहती है लेकिन जब पुलिस वाले एक जनता को ही तकलीफ देना शुरू करें तो वह जरूर घटिया मानसिकता वाले पुलिसकर्मी है और ऐसे पुलिसकर्मी को उनका काम बताना अति आवश्यक है ।
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