मधेपुरा/बिहार: भारत का छात्र फेडरेशन यानि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया(एसएफआई) जिला कमिटि मधेपुरा के आह्वान पर एक दिवसीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन कॉलेज चौक स्थित केसी एकेडमी के परिसर (विशाल मेगावाट के बगल) में हुई। कार्यकर्ता सम्मेलन की अध्यक्षता व संचालन एसएफआई के जिला संयोजक विमल विद्रोही ने की। उन्होंने कहा कि आज का छात्र ही कल का भविष्य है, लेकिन नीतीश-मोदी की सरकार छात्र और शिक्षा, रोजगार के प्रति उदासीन है। सभा को सम्बोधित करते हुए एसएफआई के राज्य महासचिव मुकुल राज ने कहा कि वर्तमान केंद्र-राज्य की सरकार शिक्षा को कारपोरेट/ पूंजीपतियों के हाथों बेचना चाहती है।नई शिक्षा नीति 2020 उनके मंसूबो को इंगित करता है। नीतीश सरकार युवाओं को रोजगार देने में विफल है, रोजगार कर रहे लोगों कि छंटनी करना काफी चिंता का विषय है। उन्होंने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान 19 लाख लोगों को रोजगार देने की वादा करने वाली डबल इंजन की सरकार अपनी वादा को अबिलम्ब पूरा करें। 8 मार्च 2021 को पटना में राज्यस्तरीय छात्रा कन्वेंशन में जिला से छात्राओं को शामिल कराने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 2 फरवरी को सूबे में बढ़ रही अपराध, बेरोजगारी, रोजगार के सवाल पर राष्टव्यपी कन्वेंशन नई दिल्ली में होगा, उसमें आन्दोलन की नई रुप रेखा तय किया जाएगा।
एसएफआई के विश्वविद्यालय प्रभारी सारंग तनय ने बीए पार्ट वन व पीजी फर्स्ट सेमेस्टर के एडमिट कार्ड में हुई रजिस्ट्रेशन नंबर गलत अंकित होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और परीक्षा विभाग पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कॉपी मूल्यांकन में कोडिंग सिस्टम लागू करने की मांग की। प्रवेश, परीक्षा, परिणाम को एक पटरी पर लाने तथा 180 दिन की पढ़ाई की गारन्टी की मांग की।
उन्होंने छात्रों को आह्वान करते हुए कहा कि "लड़ो पढ़ाई करने को, पढ़ो समाज बदलने को"।
एससी/एसटी व सभी वर्गों के गर्ल्स को पीजी तक निःशुल्क शिक्षा देने के मांझी सरकार के आदेश को सरजमीन पर लागू करने, बीएनएमयू में ही रहे धांधली पर रोक, पीजी में एलाइड सिस्टम तथा पीजी में सीट बढ़ाने, नैक मूल्यांकन कराने, छात्र संघ चुनाव, परीक्षा विभाग को शिक्षा माफिया के चंगुल से मुक्त कराने, संगीत,नाटक, पत्रकारिता, गाँधी विचार जैसे नये कोर्स शुरू करने, पेंडिंग रिजल्ट के क्लियर कराने की तय सीमा करने, पुलिस चौकी, नार्थ कैम्पस में बैंक का ब्रांच, केंटीन,शुद्ध पेयजल आदि खोलने की मांग की, अन्यथा एसएफआई लोकतांत्रिक तरीके से उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी।
एसएफआई के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश मानव ने कहा कि छात्र दुनिया का सबसे संवेदनशील प्राणी है, इसके भविष्य से खेलने का किसी को कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार छात्र-नौजवान, मजदूर-किसानों के खिलाफ काले कानून लाकर अपने कारपोरेट परस्त घराने को उजागर किया है। देश के किसान भीषण ठंड में शांतिपूर्ण तरीके से तीन कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन कर रही है,ओर सरकार तानाशाह बनती जा रही है।
एसएफआई के पूर्व जिला अध्यक्ष ई पुरषोत्तम कुमार ने जिले में शैक्षणिक अराजकता के खिलाफ जिले में छात्रों को संगठन से जोड़कर आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया।
एसएफआई के पूर्व जिला सचिव राजदीप कुमार ने कहा कि सबको शिक्षा, सबको काम मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि बीएनएमयू को शिक्षा माफिया के गिरफ्त से मुक्त कराने हेतु छात्र संवाद करके उग्र आन्दोलन करेगी। यूएमआइस के मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन श्वेत पत्र जारी करे।
सम्मेलन में आगामी बैठक/आन्दोलन को ले एक विशेष रणनीति भी बनाई गई- सदस्यता अभियान चलाने, कॉलेज- विश्वविद्यालय पर धरना प्रदर्शन, राज्य में बढ़ते अपराध, छेड़छाड़, मर्डर ,लूट आदि के खिलाफ डीएम ऑफिस के सामने विरोध प्रदर्शन आदि।
मौके पर मिथिलेश कुमार, पंकज,अमनदीप विद्रोही, चन्द्रकिशोर, राजीव नारायण भारती, ई संजीव कुमार, दिलखुश कुमार, संजीत, फ्रेश कुमार मानव, मो. इकवाल, सर्वेश सिंह, ओमप्रकाश कुमार, मिट्ठू कुमार, विद्यानंद कुमार, बीरेंद्र कुमार बिबेक, राहुल कुमार, अभिनंदन कुमार, विकास कुमार आदि मौजूद रहे।।
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