● Sarang Tanay@Madhepura.
मधेपुरा/बिहार: बिहार में लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ बुधवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है। इस चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन छठ व्रती श्रद्धालु नर-नारी अंतःकरण की शुद्धि के लिए नहाय- खाय के संकल्प के साथ निर्मल एवं स्वच्छ जल में स्नान करने के बाद शुद्ध घी में बना अरवा भोजन ग्रहण कर इस व्रत को शुरू करेंगे।
इस दिन कद्दू की सब्जी की अनिवार्य रूप से बनाई जाती है। कई जिलों में इसे कद्दू भात भी कहा जाता है। इसे लेकर श्रद्धालुओं में आज से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी है। व्रती घर की साफ- सफाई के साथ व्रत के लिए पूजन सामग्री ख़रीदने में जुट गए हैं।
नहाय- खाय के दूसरे व्रती दिन भर बिना जल ग्रहण किए उपवास रखने के बाद सूर्यास्त होने पर पूजा करते हैं और उसके बाद दूध और गुड़ से बनी खीर का भोग लगाया जाता है। इस दिन को खरना कहा जाता है। इसके बाद से उनका 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू होता है। इस बार 20 नवंबर को पहला अर्ध्य तो 21 नवंबर को पारण है।
इसी के साथ छठ पर्व का समापन हो जाएगा।
छठ की तैयारी को देखते हुए सदर एसडीपीओ एवं एसडीओ ने मधेपुरा के विभिन्न घाटों का निरीक्षण किया। सदर एसडीओ ने लोगों से सौहार्दपूर्ण वातावरण में छठ पूजा मनाने की अपील की। लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा की तैयारी को लेकर प्रशासन पूरी तरह से चौकस है। घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सभी इंतजामों को बारीकी से देखा जा रहा है।।
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