संपादक।। बीएन मंडल विश्वविद्यालय में स्थापना काल से रिजल्ट पेंडिंग की समस्या एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। पेंडिंग रिजल्ट के मावमले में हाल फिलहाल इस यूनिवर्सिटी के कुलपति एवं परीक्षा नियंत्रक सहित अन्य पदाधिकारी को हाईकोर्ट ने जुर्माना लगाया था। लेकिन इसके बावजूद पेंडिंग रिजल्ट का कलंक बीएनएमयू के
माथे से धुल नहीं रहा। काफी जद्दोजहद के बाद भी विवि से रविवार को जारी पार्ट थर्ड के रिजल्ट में 25 प्रतिशत करीब 4 हजार से अधिक छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग रह गया। इसके अलावे विवि में डिग्री से लेकर पीजी तक के तकरीबन 18 हजार से अधिक छात्र पेंडिंग रिजल्ट की समस्या से जूझ रहे हैं और वे रोज विवि का चक्कर काटने को मजबूर हैं। इनमें अधिकतर मामूली गड़बड़ियों वाले केस हैं, जिनमें थोड़ी मशक्कत से रिजल्ट क्लीयर हो जाएगा। जबकि अन्य में टीआर में गड़बड़ी के साथ कॉपियों की जाच में भी गड़बड़ी की बातें सामने आ रही हैं। इसमें स्नातक से स्नातकोत्तर के कई हजार छात्रों को परेशानी से गुजरना पड़ा है। गत दो तीन साल में साइंस, कामर्स और कला संकाय के स्नातक से लेकर स्नातकोत्तर तक के हजारों छात्रों के रिजल्ट पेंडिंग हैं। बीएड प्रवेश परीक्षा की अंतिम तिथि से एक दिन पूर्व जारी परीक्षा परिणाम में जिन छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग रह गया है, वे अब बीएड प्रवेश परीक्षा में भाग लेने से वंचित रह जाएंगे। इस बाबत पेंडिंग में सुधार के लिए ऐसे छात्र रोजाना आवेदन भी दे रहे हैं, लेकिन उनके आवेदनों पर समय से विचार हो पायेगा यह कहना संभव नहीं होगा । जबकि इधर, विवि में पेंडिंग रिजल्ट की शिकायत राजभवन तक पहुंच रही है। विवि के पदाधिकारी भी इस बात को खुद स्वीकार कर रहे है कि पेंडिंग एक बड़ी समस्या है। कहा जा रहा है कि पेंडिंग रिजल्ट सुधारने के लिए दोगुना स्टॉफ चाहिए। उधर, विवि में सक्रिय दलाल इस जुगत में रहते हैं कि कैसे रिजल्ट पेंडिंग हो जाए और कमाई का रास्ता खुल जाए। --------- कोर्ट ने विवि की कार्य शैली पर उठाया था सवाल---- मालूम हो कि पेंडिंग रिजल्ट के एक मामले में पटना उच्च न्यायालय ने कुलपति, कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक पर आठ-आठ हजार यानि कुल 24 हजार का जुर्माना लगा कर विवि की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया था। वहीं परीक्षा नियंत्रक को अपने जेब से जुर्माना की राशि जमा करने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि बीसीए के छात्र अरविंद कुमार महतो ने लंबित परीक्षा परिणाम को प्रकाशित करने की मांग को लेकर न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी। कोर्ट के निर्देश से विवि की छवि धूमिल हुई थी। बताया गया कि बीसीए के छात्र अरविंद कुमार महतो सत्र 2010/13 के अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल तो हुए, लेकिन उसका रिजल्ट पेंडिंग रह गया।
पेंडिग रिजल्ट की लंबी है फेहरिस्त
बीएन मंडल विवि में पेंडिंग रिजल्ट की काफी लंबी फेहरिस्त है। छात्रों का रिजल्ट विवि स्तर पर क्लियर नहीं किया जाता है, तब छात्र अंतिम में न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हैं। पटना उच्च न्यायालय में अभी एमजीएस के 270 व सीडब्ल्यूजेसी के 505 मामले चल रहे हैं। इसमें करीब 20 प्रतिशत केस रिजल्ट कराने को लेकर छात्रों ने न्यायालय में वाद दायर किया है।। कोट- विभिन्न कारणों से छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग रह जाता है। पार्ट थर्ड के पेंडिंग रिजल्ट में मार्क्स फाइल पर रोल नंबर अंकित हैं तो मार्क्स अंकित नहीं है। इस तरह का केस आरएम कॉलेज सहरसा में निकला है, इसे दूर दोषी की पहचान की जाएगी।। डॉ अवध किशोर राय, कुलपति, बीएनएमयू
माथे से धुल नहीं रहा। काफी जद्दोजहद के बाद भी विवि से रविवार को जारी पार्ट थर्ड के रिजल्ट में 25 प्रतिशत करीब 4 हजार से अधिक छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग रह गया। इसके अलावे विवि में डिग्री से लेकर पीजी तक के तकरीबन 18 हजार से अधिक छात्र पेंडिंग रिजल्ट की समस्या से जूझ रहे हैं और वे रोज विवि का चक्कर काटने को मजबूर हैं। इनमें अधिकतर मामूली गड़बड़ियों वाले केस हैं, जिनमें थोड़ी मशक्कत से रिजल्ट क्लीयर हो जाएगा। जबकि अन्य में टीआर में गड़बड़ी के साथ कॉपियों की जाच में भी गड़बड़ी की बातें सामने आ रही हैं। इसमें स्नातक से स्नातकोत्तर के कई हजार छात्रों को परेशानी से गुजरना पड़ा है। गत दो तीन साल में साइंस, कामर्स और कला संकाय के स्नातक से लेकर स्नातकोत्तर तक के हजारों छात्रों के रिजल्ट पेंडिंग हैं। बीएड प्रवेश परीक्षा की अंतिम तिथि से एक दिन पूर्व जारी परीक्षा परिणाम में जिन छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग रह गया है, वे अब बीएड प्रवेश परीक्षा में भाग लेने से वंचित रह जाएंगे। इस बाबत पेंडिंग में सुधार के लिए ऐसे छात्र रोजाना आवेदन भी दे रहे हैं, लेकिन उनके आवेदनों पर समय से विचार हो पायेगा यह कहना संभव नहीं होगा । जबकि इधर, विवि में पेंडिंग रिजल्ट की शिकायत राजभवन तक पहुंच रही है। विवि के पदाधिकारी भी इस बात को खुद स्वीकार कर रहे है कि पेंडिंग एक बड़ी समस्या है। कहा जा रहा है कि पेंडिंग रिजल्ट सुधारने के लिए दोगुना स्टॉफ चाहिए। उधर, विवि में सक्रिय दलाल इस जुगत में रहते हैं कि कैसे रिजल्ट पेंडिंग हो जाए और कमाई का रास्ता खुल जाए। --------- कोर्ट ने विवि की कार्य शैली पर उठाया था सवाल---- मालूम हो कि पेंडिंग रिजल्ट के एक मामले में पटना उच्च न्यायालय ने कुलपति, कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक पर आठ-आठ हजार यानि कुल 24 हजार का जुर्माना लगा कर विवि की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर दिया था। वहीं परीक्षा नियंत्रक को अपने जेब से जुर्माना की राशि जमा करने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि बीसीए के छात्र अरविंद कुमार महतो ने लंबित परीक्षा परिणाम को प्रकाशित करने की मांग को लेकर न्यायालय में रिट याचिका दायर की थी। कोर्ट के निर्देश से विवि की छवि धूमिल हुई थी। बताया गया कि बीसीए के छात्र अरविंद कुमार महतो सत्र 2010/13 के अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल तो हुए, लेकिन उसका रिजल्ट पेंडिंग रह गया।
पेंडिग रिजल्ट की लंबी है फेहरिस्त
बीएन मंडल विवि में पेंडिंग रिजल्ट की काफी लंबी फेहरिस्त है। छात्रों का रिजल्ट विवि स्तर पर क्लियर नहीं किया जाता है, तब छात्र अंतिम में न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हैं। पटना उच्च न्यायालय में अभी एमजीएस के 270 व सीडब्ल्यूजेसी के 505 मामले चल रहे हैं। इसमें करीब 20 प्रतिशत केस रिजल्ट कराने को लेकर छात्रों ने न्यायालय में वाद दायर किया है।। कोट- विभिन्न कारणों से छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग रह जाता है। पार्ट थर्ड के पेंडिंग रिजल्ट में मार्क्स फाइल पर रोल नंबर अंकित हैं तो मार्क्स अंकित नहीं है। इस तरह का केस आरएम कॉलेज सहरसा में निकला है, इसे दूर दोषी की पहचान की जाएगी।। डॉ अवध किशोर राय, कुलपति, बीएनएमयू



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