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शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

दिल्ली पुलिस बोली- JNU हिंसा मामले में 9 छात्रों की हुई पहचान, जारी किया नोटिस

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में छात्रों पर हमला करने वाले नकाबपोश हमलावरों की पहचान दिल्ली पुलिस ने कर ली है. रविवार रात को जेएनयू में नकाबपोश हमलावरों ने छात्रों पर हमला कर दिया था. इसमें जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई छात्र घायल हो गए थे.
जेएनयू हिंसा के संदिग्ध छात्र की तस्वीर दिखाती पुलिस

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पहचाने गए 9 छात्रों से मांगा जवाबजेएनयू हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने अभी तक नहीं की गिरफ्तारी5 जनवरी की रात को नकाबपोश हमलावरों ने जेएनयू में किया था हमला जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में छात्रों पर हमला करने वाले छात्रों की पहचान दिल्ली पुलिस ने कर ली है. शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जेएनयू हिंसा की शुरुआत एक जनवरी से ही हो गई थी. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय टिर्की ने कहा कि जेएनयू हिंसा मामले की जांच को लेकर कई तरह की गलत जानकारी फैलाई जा रही है. एक जनवरी से लेकर 5 जनवरी तक रजिस्ट्रेशन होना था. हालांकि SFI, AISA, AISF और DSF छात्र संगठनों ने छात्रों को रजिस्ट्रेशन करने से रोका. रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्रों को

धमकाया जा रहा था. इसके बाद विवाद लगातार बढ़ता गया और पांच जनवरी को पेरियार व साबरमती हॉस्टल के कुछ कमरों में हमला किया गया. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के डीसीपी जॉय टिर्की ने कहा कि जेएनयू में हिंसा करने के लिए व्हाट्सऐप ग्रुप भी बनाए गए. नकाबपोश जानते थे कि उनको किस-किस कमरे में जाना है. हिंसा के सीसीटीवी फुटेज नहीं मिले हैं. हालांकि हमने वायरल वीडियो के जरिए आरोपियों की पहचान की है. इसको लेकर हमने 30-32 गवाहों से भी बातचीत की है.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के मुताबिक जेएनयू में हुई हिंसा में जिन छात्रों की पहचान हुई है, उनमें चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, योगेंद्र भारद्वाज, प्रिया रंजन, विकास पटेल, डोलन, सुचेता तालुकदार, वसकर विजय और आइशी घोष समेत अन्य के नाम शामिल हैं. इन छात्रों को नोटिस जारी करके जवाब मांगा गया है. आपको बता दें कि रविवार रात को जेएनयू में नकाबपोश हमलावरों ने छात्रों पर हमला किया था. इसमें जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत कई छात्र बुरी तरह घायल हो गए थे. इस हमले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी के सिर और हाथ में गंभीर चोट आई थी.
रविवार रात जेएनयू में हुई हिंसा मामले में कई एफआईआर दर्ज की गई हैं. हालांकि अभी तक पुलिस जेएनयू कैंपस में लाठी-डंडे चलाने वालों और सर्वर रूम में तोड़फोड़ करने वालों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. ऐसे में दिल्ली पुलिस को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. जेएनयू हिंसा मामले की जांच के लिए जॉइंट कमिश्नर शालिनी सिंह की अगुवाई में एक टीम का गठन किया गया. यह टीम मामले की जांच कर रही है.
जेएनयू में हिंसा के खिलाफ देश की कई यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. इसको लेकर सियासत भी हो रही है. इस घटना को लेकर विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की है. वहीं, जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ छात्रों ने गुरुवार को जेएनयू कैंपस से मंडी हाउस और जंतर मंतर तक विरोध मार्च निकाला. जेएनयू के छात्रों ने राष्ट्रपति भवन की ओर भी कूच करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उनको रोक दिया. गुरुवार को विरोध मार्च के दौरान जेएनयू के छात्रों और पुलिस में नोकझोंक भी देखने को मिली. इस दौरान एक छात्र घायल हो गया था. जेएनयू हिंसा और फीस बढ़ने के खिलाफ छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और जेएनयू के वाइस चांसलर एम जगदीश कुमार को हटाने की मांग कर रहे हैं. वहीं, मानव  संसाधन विकास मंत्रालय लगातार छात्रों के साथ बातचीत करके मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहा है.

Credit : Aaj tak

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