◆सारंग तनय, मधेपुरा(बिहार)।
मधेपुरा: दर्शन परिषद्, बिहार का 42 वाँ वार्षिक राष्ट्रीय अधिवेशन 20 से 22 मार्च, 2020 को भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में सुनिश्चित है। पहले यह 12 दिसंबर को होना था। लेकिन 17 दिसंबर, 2019 को आयोजित तृतीय दीक्षांत समारोह को ध्यान में रखकर इसकी तिथि परिवर्तित की गई थी। इस आशय का निर्णय दर्शन परिषद्, बिहार के पदाधिकारियों एवं आयोजन समिति के बीच वार्ता के बाद लिया गया था।
मालूम हो कि दीक्षांत समारोह में अपरिहार्य कारणों से महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान नहीं पहुंच पाए। ऐसे में दर्शन परिषद् के अधिवेशन में राज्यपाल को आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया है। कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय ने कहा है कि उनकी यह दिली ख्वाहिश है कि उनके कार्यालय में एक बार महामहिम मधेपुरा आएं। इसके लिए सभी प्रयास किए जाएँगे। कुलाधिपति के आगमन से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ेगी और विश्वविद्यालय का भी गौरब बढ़ेगा।
●मुख्य विषय-शिक्षा, समाज एवं संस्कृति:
कुलपति ने बताया कि यह अधिवेशन भारत सरकार के अंतर्गत संचालन भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली द्वारा संपोषित है। इसका मुख्य विषय शिक्षा, समाज एवं संस्कृति रखा गया है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। समाज में आर्थिक, राजनीतिक, धार्मिक एवं सांस्कृतिक रूप से मानव का संबंध स्थापित होता है। इस संबंध को मजबूत एवं सुदृढ़ बनाने के लिए शिक्षा की आवश्यकता होती है। प्रत्येक समाज शिक्षा के माध्यम से ही अपने सदस्यों में अपनी संस्कृति का संचरण करता है। इस तरह शिक्षा, समाज एवं संस्कृति में गहरा संबंध है। इन तीनों के विभिन्न आयामों पर विचार करना ही इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य
●1 मार्च तक लिए जाएँगे शोध-आलेख:
आयोजन सचिव सह जनसंपर्क पदाधिकारी डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि अधिवेशन के अवसर पर एक स्मारिका का प्रकाशन किया जाएगा। इसके लिए राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान सहित कई गणमान्य राजनेताओं एवं शिक्षाविदों का शुभकामना संदेश प्राप्त हो चुका है। लगातार देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्वानों का शोध-आलेख प्राप्त हो रहे हैं। शोध आलेख एक मार्च 2020 तक sudhan.ph@gmali.com पर भेजा जा सकता है।
सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए चुनिंदा आलेखों को परिषद् की शोध-पत्रिका 'दार्शनिक अनुगूँज' में निःशुल्क प्रकाशित किया जाएगा।
●मिलेंगे कई पुरस्कार:
प्रति कुलपति डाॅ. फारूक़ अली ने बताया कि
अधिवेशन में पांच विभागों (समाज दर्शन, धर्म दर्शन, नीति दर्शन, तत्वमीमांसा एवं ज्ञानमीमांसा) के अंतर्गत शोध-पत्र प्रस्तुत किए जाएँगे। इन विभागों में 35 वर्ष से कम आयु के लोगों द्वारा पढे जाने वाले श्रेष्ठ पाँच आलेखों (प्रत्येक विभाग में एक) पर जे. एन. ओझा स्मृति युवा पुरस्कार (प्रत्येक पुरस्कार एक हजार रूपये का) प्रदान किया जाएगा। इसी तरह 35 वर्ष से कम उम्र के पाँच अन्य लोगों को एक-एक हजार का डाॅ. विजयश्री स्मृति युवा पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा सभी विभागों में प्रस्तुत एक सर्वश्रेष्ठ आलेख पर दो हजार रुपये का प्रोफेसर सोहनराज लक्ष्मीदेवी तातेड़, जोधपुर (राजस्थान) पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
●बारह विद्वानों का होगा विशेष व्याख्यान:
दर्शनशास्त्र विभाग के अध्यक्ष सह मानविकी संकायाध्यक्ष डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी ने बताया कि अधिवेशन में देश के बारह विद्वानों का व्याख्यान होगा। इसकी अध्यक्षता नव नालंदा महाविहार के कुलपति डाॅ. वैद्यनाथ लाभ करेंगे और समन्वयक की भूमिका वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के प्रोफेसर डाॅ. किस्मत कुमार सिंह निभाएँगे। इनमें डाॅ. रमेशचन्द्र सिन्हा एवं डाॅ. एच. एस. प्रसाद (नई दिल्ली), डाॅ. जटाशंकर (इलाहाबाद), डाॅ. सभाजीत मिश्र (गोरखपुर), डाॅ. सोहनराज तातेड़ (जोधपुर), डाॅ. सरस्वती मिश्रा (राँची), डाॅ. महेश सिंह (आरा), डाॅ. आई. एन. सिन्हा, डाॅ. एन. पी. तिवारी एवं डाॅ. पूनम सिंह (पटना), डाॅ. प्रभु नारायण मंडल एवं डाॅ. शंभु प्रसाद सिंह (भागलपुर) के नाम शामिल हैं।
●होगी दो विशेष संगोष्ठी:
अधिवेशन के अवसर पर दो विशेष संगोष्ठियाँ भी आयोजित की गई हैं। पहली संगोष्ठी का विषय 'बिहार की दार्शनिक एवं सांस्कृतिक विरासत' है। इसके जरिए पूरे बिहार और विशेषकर कोसी की विरासत को सामने लाया जाएगा। इसमें
चंडी स्थान, सिंहेश्वर स्थान, महर्षि मेंही अवतरण भूमि, कारू खिरहर स्थान, बाबा बिसु राउत धाम, मंडन-भारती, लक्ष्मीनाथ गोसाईं आदि की चर्चा होगी।
इस संगोष्ठी की अध्यक्षता पूर्व सांसद, पूर्व कुलपति एवं सुप्रसिद्ध गाँधीवादी विचारक डाॅ. रामजी सिंह करेंगे और समन्वयक की भूमिका दार्शनिक अनुगूँज के संपादक डाॅ. नागेन्द्र मिश्र निभाएँगे। इसमें डाॅ. अरूण मिश्र (नई दिल्ली), डाॅ. अविनाश कुमार श्रीवास्तव (नालंदा), डाॅ. अमरनाथ झा (दरभंगा), डाॅ. सुधा जैन (वाराणसी), डाॅ. अरूणाभ सौरभ (भोपाल), डाॅ. अमिता जायसवाल एवं डाॅ. प्रणय प्रियंवद (पटना), डाॅ. शिवशंकर सिंह पारिजात, डाॅ. रमण सिन्हा एवं डाॅ. रविशंकर कुमार चौधरी (भागलपुर) के नाम शामिल हैं। इनके अलावा बीएनएमयू की ओर से वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी, सिंडीकेट सदस्य डाॅ. रामनरेश सिंह, आरजेएम काॅलेज, सहरसा की प्रधानाचार्या डाॅ. रेणु सिंह, उप कुलसचिव अकादमिक डाॅ. एम. आई. रहमान, वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ. सिद्धेश्वर काश्यप एवं युवा प्राध्यापक डाॅ. कमल मोहन चुन्नु भी इसमें अपना आलेख प्रस्तुत करेंगे।
दूसरी संगोष्ठी 'गाँधी 150 : विमर्श एवं विकल्प' पर केन्द्रित है। इसमें गाँधी के जीवन-दर्शन के विभिन्न आयामों पर विचार किया जाएगा। आज आतंकवाद, पर्यावरण संकट, बेरोजगारी, विषमता, अनैतिकता आदि समस्याओं के समाधान हेतु गाँधी को अपनाना हमारी मज़बूरी हो गई है। इसके मद्देनजर अधिवेशन में गाँधी को केंद्र में रखकर इस संगोष्ठी का निर्धारण किया गया है। इसकी अध्यक्षता हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के प्रोफेसर डाॅ. अम्बिकादत्त शर्मा करेंगे और समन्वयक ए. एन.काॅलेज, पटना के प्रोफेसर डाॅ. शैलेश कुमार सिंह होंगे।
इसमें देश के कई प्रमुख विद्वान भाग लेंगे। इनमें डाॅ. आलोक टंडन (हरदोई), किशन कालजयी (नई दिल्ली), डाॅ. विजयकांत दुबे (वाराणसी), स्वयं प्रकाश (पटना), डाॅ. प्रभाष कुमार (नालंदा), डाॅ. सरोज कुमार वर्मा (मुजफ्फरपुर), डाॅ. राजीव कुमार (दरभंगा), डाॅ. शैलेन्द्र कुमार (बोधगया), डाॅ. गिरीश चंद्र पाण्डेय (मुंगेर), डाॅ. ईश्वरचंद (खगड़िया), डाॅ. परमानंद सिंह, डाॅ. राजेश रंजन तिवारी, डाॅ. विजय कुमार, डाॅ. उमेश प्रसाद नीरज, डाॅ. अमित रंजन सिंह एवं डाॅ. शंभु पासवान (भागलपुर) के नाम शामिल हैं। इनके अलावा बीएनएमयू की ओर से खेल सचिव डाॅ. अबुल फजल भी इसमें अपना आलेख प्रस्तुत करेंगे।
●कोर कमिटी का गठन:
कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद ने बताया कि तत्काल अधिवेशन की तैयारी हेतु कोर कमिटी का गठन किया गया है। कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय इसके प्रधान संरक्षक एवं प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली संरक्षक होंगे। विश्वविद्यालय दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष सह मानविकी संकायाध्यक्ष डॉ. ज्ञानंजय द्विवेदी, टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव एवं पार्वती साइंस काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव सिन्हा को स्वागताध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है। दर्शनशास्त्र विभाग, टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा के अध्यक्ष डॉ. शिवशंकर कुमार, मधेपुरा काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डॉ. अशोक कुमार, यूभीके काॅलेज, कड़ामा के प्रधानाचार्य डॉ. माधवेन्द्र झा एवं एएलवाई काॅलेज, त्रिवेणीगंज के प्रधानाचार्य डॉ. जयदेव प्रसाद यादव को संयोजक बनाया गया है। विभिन्न स्नातकोत्तर विभागों और महाविद्यालयों को सम्मेलन में सहयोग करने हेतु पत्र जारी किया गया है।।


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