बीएनएमयू के सभी अंगीभूत महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों की एक अत्यावश्यक बैठक सोमवार को कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय की अध्यक्ष में संपन्न हुई।
इसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई । कुलपति ने कहा कि वे विश्वविद्यालय के समग्र विकास हेतु प्रतिबद्ध हैं और पठन-पाठन उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विश्वविद्यालय में पठन-पाठन को दुरूस्त करने के लिए अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति की गई है। इन्हें प्रति कक्षा एक हजार रूपये की दर से प्रत्येक माह अधिकतम पचीस हज़ार रुपये भुगतान किया जाएगा। इसके लिए विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य द्वारा सर्टिफाई एटेंडेंस सीट जमा करना होगा। भुगतान की प्रक्रिया राज्य सरकार से इस मद में प्राप्त अनुदान के बाद ही किया जाएगा।
नैक मूल्यांकन को गंभीरता से लें
विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों का नैक मूल्यांकन किया जाना है। इस दिशा में प्रयास जारी है, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है।
कुलपति ने सभी प्रधानाचार्यों को निदेश दिया कि नैक मूल्यांकन को प्राथमिकता दें और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। लगातार प्रगति की समीक्षा करते रहें और कमियों को दूर करें।
कुलपति ने सभी प्रधानाचार्यों को सख्त निर्देश दिये कि वे नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया अविलंब पूरी करें। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी प्रधानाचार्य केंद्र एवं राज्य सरकार, यूजीसी और अन्य दाता एजेंसियों से प्राप्त अनुदानों का उपयोगिता प्रमाण-पत्र अविलंब सीसीडीसी कार्यालय में जमा करेंगे।
इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद, नोडल पदाधिकारी डाॅ. अशोक कुमार सिंह, पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर, टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव, बीएनएमभी काॅलेज मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. के. एस. ओझा, एमएलटी काॅलेज, सहरसा के प्रधानाचार्य डाॅ. डी. एन. साह, आर. जे. एम. काॅलेज, सहरसा की प्रधानाचार्या डाॅ. रेणु सिंह, बीएसएस काॅलेज, सुपौल के प्रधानाचार्य डाॅ. संजीव कुमार, एचएस. कालेज, उदाकिसुनगंज के प्रधानाचार्य डाॅ. जगदेव प्रसाद यादव, आदि उपस्थित थे।
इसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई । कुलपति ने कहा कि वे विश्वविद्यालय के समग्र विकास हेतु प्रतिबद्ध हैं और पठन-पाठन उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। विश्वविद्यालय में पठन-पाठन को दुरूस्त करने के लिए अतिथि व्याख्याताओं की नियुक्ति की गई है। इन्हें प्रति कक्षा एक हजार रूपये की दर से प्रत्येक माह अधिकतम पचीस हज़ार रुपये भुगतान किया जाएगा। इसके लिए विभागाध्यक्ष एवं प्रधानाचार्य द्वारा सर्टिफाई एटेंडेंस सीट जमा करना होगा। भुगतान की प्रक्रिया राज्य सरकार से इस मद में प्राप्त अनुदान के बाद ही किया जाएगा।
नैक मूल्यांकन को गंभीरता से लें
विश्वविद्यालय के सभी महाविद्यालयों का नैक मूल्यांकन किया जाना है। इस दिशा में प्रयास जारी है, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है।
कुलपति ने सभी प्रधानाचार्यों को निदेश दिया कि नैक मूल्यांकन को प्राथमिकता दें और इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठाएं। लगातार प्रगति की समीक्षा करते रहें और कमियों को दूर करें।
कुलपति ने सभी प्रधानाचार्यों को सख्त निर्देश दिये कि वे नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया अविलंब पूरी करें। इस कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी प्रधानाचार्य केंद्र एवं राज्य सरकार, यूजीसी और अन्य दाता एजेंसियों से प्राप्त अनुदानों का उपयोगिता प्रमाण-पत्र अविलंब सीसीडीसी कार्यालय में जमा करेंगे।
इस अवसर पर कुलसचिव डाॅ. कपिलदेव प्रसाद, नोडल पदाधिकारी डाॅ. अशोक कुमार सिंह, पीआरओ डाॅ. सुधांशु शेखर, टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. के. पी. यादव, बीएनएमभी काॅलेज मधेपुरा के प्रधानाचार्य डाॅ. के. एस. ओझा, एमएलटी काॅलेज, सहरसा के प्रधानाचार्य डाॅ. डी. एन. साह, आर. जे. एम. काॅलेज, सहरसा की प्रधानाचार्या डाॅ. रेणु सिंह, बीएसएस काॅलेज, सुपौल के प्रधानाचार्य डाॅ. संजीव कुमार, एचएस. कालेज, उदाकिसुनगंज के प्रधानाचार्य डाॅ. जगदेव प्रसाद यादव, आदि उपस्थित थे।




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