संपादक- आर. कुमार
बीएन मंडल विश्वविद्यालय में संविदा पर बहाली को लेकर छात्र संगठनों के सामने अंतत: विवि प्रशासन को झूकना पड़ा और विवि में 3 दिनों से चल रही बहाली प्रक्रिया को तत्काल स्थगित कर दिया गया। इसके लिए पुन: विवि स्तर पर नई तिथि निर्धारित की जाएगी। साथ ही विवि स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी कर बहाली के लिए इंटरव्यू की तिथि का प्रचार-प्रसार करेगी। इससे पहले कुलपति कार्यालय में सर्वदलीय छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ कुलपति प्रो डॉ अवध किशोर राय ने वार्ता की। बंद कमरे में करीब ढ़ाई घंटे तक चली बैठक में छात्र नेताओं ने कुलपति को अपनी 4 सूत्री मांगों से अवगत कराया। मौके पर विवि छात्र संघ के काउंसिल मेंबर माधव कुमार, दिलीप कुमार दिल, छात्र राजद के ईसा असलम, माया के राहुल यादव, एनएसयूआई के निशांत यादव, अभाविप के रंजन यादव, जाप के रोशन कुमार बिट्टू, अमन कुमार रितेश, एअाईएसएफ के मो वसीमउद्धीन, बीबीएम के मुन्ना कुमार, नवनीत यादव, नीतीश कुमार एवं ऋषिकेष सहित अन्य मौजूद थे।
वार्ता के क्रम में छात्र संगठनों ने कुलपति से फर्जी एफआईआर वापस लेने की मांग की। इस पर कुलपति ने विचारोपरांत 4 दिनों के अंदर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया। साथ ही छात्रों ने 8 अगस्त को विवि में छात्र संघ के प्रतिनिधियों के साथ हुई मारपीट की घटना की न्यायायिक जांच कराने की मांग की। कुलपति ने कहा कि विवि स्तर पर इसकी जांच कराई जाएगी। वहीं छात्रों ने कुलसचिव के तुगलकी फरमान पर माफी मांगने की बात कही। अंत में छात्र प्रतिनिधियों ने कहा कि 4 दिनों के अंदर एफआईआर वापस नहीं लिया जाता है तो मजबूरन छात्र संगठन आंदोलन को बाध्य होंगे।
विवि में कुलसचिव के बयान से जारी विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि विवि प्रशासन ने मीडिया के इंट्री पर पाबंदी लगा कर अपनी खामियों को छुपाने का प्रयास किया। सबसे पहले वार्ता के लिए पहुंचे छात्र नेताओं का मोबाइल कुलपति कार्यालय के बाहर रखवा लिया गया। इसके बाद मीडिया कर्मियों को अंदर जाने से रोक दिया। बंद कमरे से ढ़ाई घंटे बाद वार्ता कर निकले छात्र नेताओं ने बताया कि मीडिया में विवि में गुपचुप तरीके से चल रही बहाली की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किए जाने पर कुलपति काफी भड़के हुए थे। लिहाजा उन्होंने मीडिया पर जम कर भड़ास निकाली और बैठक में उन्हें आने से मना कर दिया।
संविदा पर बहाली को लेकर विवि की नीति स्पष्ट नहीं दिख रही है। इसी कारण 3 दिनों से विवि में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। पहले दिन बिना विज्ञापन जारी किए अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लिया गया। दूसरे दिन गुपचुप तरीके से चल रही बहाली प्रक्रिया का छात्र संगठनों ने विरोध किया। इस दौरान छात्र प्रतिनिधियों के साथ हुई घटना से छात्रों का आक्रोश भड़ गया और वे प्रोवीसी के साथ-साथ अन्य पदाधिकारियों व कर्मियों के साथ जम कर मारपीट की। इस पर विवि ने 6 छात्र नेताओं को नामजद कर 20 अज्ञात छात्रों पर प्राथमिकी दर्ज कराई। छात्रों के भारी विरोध के बावजूद गुरुवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विवि ने बहाली की प्रक्रिया पूरी कर ली। इस बीच विवि के वरीय पदाधिकारियों के बीच अंदरूनी गतिरोध जारी रहा।
विवि में छात्रों को अनुशासित करने के लिए एफआईआर की कार्रवाई की गई है। छात्रों के साथ भी अगर मारपीट हुई होगी तो पूरी घटना को अपने स्तर से देखेंगे। 15 अगस्त के बाद नए अभ्यर्थियों के लिए इंटरव्यू की नई तिथि पुन: निर्धारित की जाएगी।
प्रो डॉ अवध किशोर राय, कुलपति, बीएनएमयू
बीएन मंडल विश्वविद्यालय में संविदा पर बहाली को लेकर छात्र संगठनों के सामने अंतत: विवि प्रशासन को झूकना पड़ा और विवि में 3 दिनों से चल रही बहाली प्रक्रिया को तत्काल स्थगित कर दिया गया। इसके लिए पुन: विवि स्तर पर नई तिथि निर्धारित की जाएगी। साथ ही विवि स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन जारी कर बहाली के लिए इंटरव्यू की तिथि का प्रचार-प्रसार करेगी। इससे पहले कुलपति कार्यालय में सर्वदलीय छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ कुलपति प्रो डॉ अवध किशोर राय ने वार्ता की। बंद कमरे में करीब ढ़ाई घंटे तक चली बैठक में छात्र नेताओं ने कुलपति को अपनी 4 सूत्री मांगों से अवगत कराया। मौके पर विवि छात्र संघ के काउंसिल मेंबर माधव कुमार, दिलीप कुमार दिल, छात्र राजद के ईसा असलम, माया के राहुल यादव, एनएसयूआई के निशांत यादव, अभाविप के रंजन यादव, जाप के रोशन कुमार बिट्टू, अमन कुमार रितेश, एअाईएसएफ के मो वसीमउद्धीन, बीबीएम के मुन्ना कुमार, नवनीत यादव, नीतीश कुमार एवं ऋषिकेष सहित अन्य मौजूद थे।
वार्ता के क्रम में छात्र संगठनों ने कुलपति से फर्जी एफआईआर वापस लेने की मांग की। इस पर कुलपति ने विचारोपरांत 4 दिनों के अंदर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया। साथ ही छात्रों ने 8 अगस्त को विवि में छात्र संघ के प्रतिनिधियों के साथ हुई मारपीट की घटना की न्यायायिक जांच कराने की मांग की। कुलपति ने कहा कि विवि स्तर पर इसकी जांच कराई जाएगी। वहीं छात्रों ने कुलसचिव के तुगलकी फरमान पर माफी मांगने की बात कही। अंत में छात्र प्रतिनिधियों ने कहा कि 4 दिनों के अंदर एफआईआर वापस नहीं लिया जाता है तो मजबूरन छात्र संगठन आंदोलन को बाध्य होंगे।
विवि में कुलसचिव के बयान से जारी विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि विवि प्रशासन ने मीडिया के इंट्री पर पाबंदी लगा कर अपनी खामियों को छुपाने का प्रयास किया। सबसे पहले वार्ता के लिए पहुंचे छात्र नेताओं का मोबाइल कुलपति कार्यालय के बाहर रखवा लिया गया। इसके बाद मीडिया कर्मियों को अंदर जाने से रोक दिया। बंद कमरे से ढ़ाई घंटे बाद वार्ता कर निकले छात्र नेताओं ने बताया कि मीडिया में विवि में गुपचुप तरीके से चल रही बहाली की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किए जाने पर कुलपति काफी भड़के हुए थे। लिहाजा उन्होंने मीडिया पर जम कर भड़ास निकाली और बैठक में उन्हें आने से मना कर दिया।
संविदा पर बहाली को लेकर विवि की नीति स्पष्ट नहीं दिख रही है। इसी कारण 3 दिनों से विवि में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही। पहले दिन बिना विज्ञापन जारी किए अभ्यर्थियों का इंटरव्यू लिया गया। दूसरे दिन गुपचुप तरीके से चल रही बहाली प्रक्रिया का छात्र संगठनों ने विरोध किया। इस दौरान छात्र प्रतिनिधियों के साथ हुई घटना से छात्रों का आक्रोश भड़ गया और वे प्रोवीसी के साथ-साथ अन्य पदाधिकारियों व कर्मियों के साथ जम कर मारपीट की। इस पर विवि ने 6 छात्र नेताओं को नामजद कर 20 अज्ञात छात्रों पर प्राथमिकी दर्ज कराई। छात्रों के भारी विरोध के बावजूद गुरुवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विवि ने बहाली की प्रक्रिया पूरी कर ली। इस बीच विवि के वरीय पदाधिकारियों के बीच अंदरूनी गतिरोध जारी रहा।
विवि में छात्रों को अनुशासित करने के लिए एफआईआर की कार्रवाई की गई है। छात्रों के साथ भी अगर मारपीट हुई होगी तो पूरी घटना को अपने स्तर से देखेंगे। 15 अगस्त के बाद नए अभ्यर्थियों के लिए इंटरव्यू की नई तिथि पुन: निर्धारित की जाएगी।
प्रो डॉ अवध किशोर राय, कुलपति, बीएनएमयू
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