संपादक- आर. कुमार
बीएन मंडल विश्वविद्यालय परिसर स्थित कुलपति कार्यालय में मंगलवार को संबंधन एवं नव शिक्षण कार्यक्रम समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो डॉ. अवध किशोर राय ने कहा कि विवि मुख्यालय में अभी तक केवल 9 पीजी विभागों की स्वीकृति राज्य सरकार से मिली हुई है। जबकि राज्य सरकार से स्वीकृति की प्रत्याशा में 7 विषयों की पढ़ाई विवि में शुरू है। लेकिन विवि स्थापना के 26 वर्ष बाद भी मैथिली, संस्कृत, गणित व संगीत सहित 13 विषयों की पढ़ाई विवि में शुरू नहीं हो सकी है। जबकि पूर्व में इन विषयों को शुरू करने के लिए विद्वत परिषद, सिंडिकेट एवं सीनेट से अनुमोदन प्राप्त है।
इसके बावजूद नए विषयों में पढ़ाई शुरू नहीं होने से छात्र-छात्राओं की संख्या विवि में घट गई है। इस पर बैठक में सर्वसम्मति से सभी 13 विषयों की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया।
संबंधन एवं नव शिक्षण कार्यक्रम समिति की बैठक में नए कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल हुए। बैठक प्रारंभ होने के साथ ही कुलपति प्रो डॉ अवध किशोर राय ने कुलसचिव को बैठक में आमंत्रित किया। विवि में नए कुलसचिव की यह पहली बैठक थी। इससे पहले बैठक में गत बैठक की कार्यवाही की संपुष्टि और उसमें लिए गये निर्णय के अनुपालन प्रतिवेदन पर विचार किया गया। मौके पर प्रतिकुलपति प्रो डाॅ. फारूक अली, संकायाध्यक्ष डॉ. शिवमुनि यादव, डॉ. ज्ञानंजय द्विवेदी, विभागाध्यक्ष डाॅ. मुकुल कुमार, पार्वती साइंस कालेज के प्राचार्य डॉ. राजीव सिन्हा, सीसीडीसी डॉ. योगेन्द्र प्रसाद यादव, महाविद्यालय निरीक्षक (कला एवं वाणिज्य) डॉ शैलेन्द्र कुमार एवं महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) डॉ. अरूण कुमार यादव मौजूद थे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय मुख्यालय में स्नातकोत्तर स्तर पर मैथिली, संस्कृत, फारसी, बंगला, अरबी, प्राचीन इतिहास, ग्रामीण अर्थशास्त्र, आईआरपीएम, मानवशास्त्र, भूगर्भशास्त्र, सांख्यिकी, गणित एवं संगीत की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया। साथ ही कहा गया कि विवि में वाणिज्य, भौतिकी विज्ञान, रसायनशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र, जंतूशास्त्र, भूगोल, गृह विज्ञान, मनोविज्ञान एवं राजनीतिशास्त्र विषयों की स्वीकृत राज्य सरकार से मिल चुकी है। वहीं हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, इतिहास, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र एवं अर्थशास्त्र विषय राज्य सरकार की स्वीकृति की प्रत्याशा में चल रहा है। वहीं कहा गया कि नए पुराने सभी विषयों की राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने पर विवि में एक साथ 29 विषयों की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
बैठक में विभिन्न महाविद्यालयों को शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए कला, वाणिज्य एवं विज्ञान विषयों में संबंधन देने पर विचार-विमर्श किया गया। इसमें विचारोपरांत 6 महाविद्यालयों को अस्थायी संबंधन देने का निर्णय लिया गया। बैठक में ऐसे महाविद्यालयों को अस्थाई संबंधन दिया गया जहां छात्र-छात्राओं का नामांकन हो सके। इसके अलावा बैठक में स्नातक कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के प्रथम खंड में नामांकन के लिए विषयवार छात्र-छात्राओं की संख्या निर्धारित करने पर विचार किया गया। साथ ही बैठक में कहा गया कि टीपी कॉलेज मधेपुरा व एमएलटी कॉलेज सहरसा की तरह बीएसएस कॉलेज सुपौल में सभी स्नातक स्तरीय विषयों में पठन-पाठन प्रारंभ हो। इस पर विचारोपरांत निर्णय लिया गया।
बीएन मंडल विश्वविद्यालय परिसर स्थित कुलपति कार्यालय में मंगलवार को संबंधन एवं नव शिक्षण कार्यक्रम समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो डॉ. अवध किशोर राय ने कहा कि विवि मुख्यालय में अभी तक केवल 9 पीजी विभागों की स्वीकृति राज्य सरकार से मिली हुई है। जबकि राज्य सरकार से स्वीकृति की प्रत्याशा में 7 विषयों की पढ़ाई विवि में शुरू है। लेकिन विवि स्थापना के 26 वर्ष बाद भी मैथिली, संस्कृत, गणित व संगीत सहित 13 विषयों की पढ़ाई विवि में शुरू नहीं हो सकी है। जबकि पूर्व में इन विषयों को शुरू करने के लिए विद्वत परिषद, सिंडिकेट एवं सीनेट से अनुमोदन प्राप्त है।
इसके बावजूद नए विषयों में पढ़ाई शुरू नहीं होने से छात्र-छात्राओं की संख्या विवि में घट गई है। इस पर बैठक में सर्वसम्मति से सभी 13 विषयों की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया।
संबंधन एवं नव शिक्षण कार्यक्रम समिति की बैठक में नए कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल हुए। बैठक प्रारंभ होने के साथ ही कुलपति प्रो डॉ अवध किशोर राय ने कुलसचिव को बैठक में आमंत्रित किया। विवि में नए कुलसचिव की यह पहली बैठक थी। इससे पहले बैठक में गत बैठक की कार्यवाही की संपुष्टि और उसमें लिए गये निर्णय के अनुपालन प्रतिवेदन पर विचार किया गया। मौके पर प्रतिकुलपति प्रो डाॅ. फारूक अली, संकायाध्यक्ष डॉ. शिवमुनि यादव, डॉ. ज्ञानंजय द्विवेदी, विभागाध्यक्ष डाॅ. मुकुल कुमार, पार्वती साइंस कालेज के प्राचार्य डॉ. राजीव सिन्हा, सीसीडीसी डॉ. योगेन्द्र प्रसाद यादव, महाविद्यालय निरीक्षक (कला एवं वाणिज्य) डॉ शैलेन्द्र कुमार एवं महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) डॉ. अरूण कुमार यादव मौजूद थे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय मुख्यालय में स्नातकोत्तर स्तर पर मैथिली, संस्कृत, फारसी, बंगला, अरबी, प्राचीन इतिहास, ग्रामीण अर्थशास्त्र, आईआरपीएम, मानवशास्त्र, भूगर्भशास्त्र, सांख्यिकी, गणित एवं संगीत की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया। साथ ही कहा गया कि विवि में वाणिज्य, भौतिकी विज्ञान, रसायनशास्त्र, वनस्पतिशास्त्र, जंतूशास्त्र, भूगोल, गृह विज्ञान, मनोविज्ञान एवं राजनीतिशास्त्र विषयों की स्वीकृत राज्य सरकार से मिल चुकी है। वहीं हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, इतिहास, समाजशास्त्र, दर्शनशास्त्र एवं अर्थशास्त्र विषय राज्य सरकार की स्वीकृति की प्रत्याशा में चल रहा है। वहीं कहा गया कि नए पुराने सभी विषयों की राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने पर विवि में एक साथ 29 विषयों की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
बैठक में विभिन्न महाविद्यालयों को शैक्षणिक सत्र 2018-19 के लिए कला, वाणिज्य एवं विज्ञान विषयों में संबंधन देने पर विचार-विमर्श किया गया। इसमें विचारोपरांत 6 महाविद्यालयों को अस्थायी संबंधन देने का निर्णय लिया गया। बैठक में ऐसे महाविद्यालयों को अस्थाई संबंधन दिया गया जहां छात्र-छात्राओं का नामांकन हो सके। इसके अलावा बैठक में स्नातक कला, विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय के प्रथम खंड में नामांकन के लिए विषयवार छात्र-छात्राओं की संख्या निर्धारित करने पर विचार किया गया। साथ ही बैठक में कहा गया कि टीपी कॉलेज मधेपुरा व एमएलटी कॉलेज सहरसा की तरह बीएसएस कॉलेज सुपौल में सभी स्नातक स्तरीय विषयों में पठन-पाठन प्रारंभ हो। इस पर विचारोपरांत निर्णय लिया गया।
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