प्रेमचन्द के जन्मदिवस पर विशेष कविता
## प्रेमचन्द ##
उपन्यास सम्राट आप,
आप पर क्या रचना करूं?
माँगता हूं दुआ आपसे
कुछ आप जैसी रचना करूं।
आपने शोषितों,वंचितों पर लिखा
आपने लिखा असहायों पर ।
आपकी हर एक अमर कृति है
साहित्य के क्षितिज पर ।
कर्मभूमि, गोदान जैसा
उपन्यास कहाँ मिलता है?
बुडी काकी,सुजान भगत सा
अब कथा पात्र कहाँ मिलता है?
आपकी कथाओं को पढ़कर
कितने कथाकार हो गए ।
आप एक साहित्यकार ही नहीं
आप खुद एक साहित्य हो गए ।
हे! सरस्वती पुत्र आपका
मैं वंदन करता हूं।
जब तक साहित्य है आप रहेंगे
मैं बारम्बार यही कहता हूं।
✍ अतुल मल्लिक ''अनजान''
संस्थापक संयोजक
देहाती साहित्यिक परिषद
## प्रेमचन्द ##
उपन्यास सम्राट आप,
आप पर क्या रचना करूं?
माँगता हूं दुआ आपसे
कुछ आप जैसी रचना करूं।
आपने शोषितों,वंचितों पर लिखा
आपने लिखा असहायों पर ।
आपकी हर एक अमर कृति है
साहित्य के क्षितिज पर ।
कर्मभूमि, गोदान जैसा
उपन्यास कहाँ मिलता है?
बुडी काकी,सुजान भगत सा
अब कथा पात्र कहाँ मिलता है?
आपकी कथाओं को पढ़कर
कितने कथाकार हो गए ।
आप एक साहित्यकार ही नहीं
आप खुद एक साहित्य हो गए ।
हे! सरस्वती पुत्र आपका
मैं वंदन करता हूं।
जब तक साहित्य है आप रहेंगे
मैं बारम्बार यही कहता हूं।
✍ अतुल मल्लिक ''अनजान''
संस्थापक संयोजक
देहाती साहित्यिक परिषद
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