संपादक- आर. कुमार
बीएन मंडल विवि अंतर्गत टीपी कॉलेज बीएड नामांकन फर्जीवाड़े में प्रोवीसी द्वारा बनाई गई रिपोर्ट को लेकर एबीवीपी का प्रतिनिधिमंडल कुलपति से मिला। एबीवीपी के छात्र नेताओं ने कुलपति को पत्र देकर प्रोवीसी के जाँच रिपोर्ट को आधारहीन,तर्कहीन एवं अतार्किक बताते हुए ख़ारिज करने की मांग की है। मामले में दोषी पदाधिकारी को बचाने की मंशा से सुचना देने वाले कर्मचारियों को दण्डित किये जाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति से प्रोवीसी के विरुद्ध कार्रवाई करने एवं टीपी कॉलेज के प्राचार्य एवं टीपी कॉलेज बीएड के समन्यवक का स्थानांनतरण अन्यत्र करने की मांग की गयी है। विभाग संयोजक रंजन यादव के नेतृत्व में कुलपति से मिलने वाले एबीवीपी के प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शशि कुमार यादव,जिला संगठन मंत्री उपेंद्र कुमार भरत,विवि छात्र संघ के संयुक्त सचिव अमृत राज,विवि छात्र संघ कोषाध्यक्ष सोनी कुमारी,हर्षवर्धन कुमार एवं सौरभ कुमार शामिल थे। टीपी कॉलेज में
प्रोवीसी के पत्र के आधार पर एससी कोटि में सामान्य वर्ग की छात्रा का हुए नामांकन को लेकर एबीवीपी लगातार कार्रवाई की मांग कर रही है। मामले का खुलासा भी एबीवीपी ने ही किया था। इसी मामले में प्रोवीसी द्वारा सौपे गये जाँच रिपोर्ट के बाद एबीवीपी का प्रतिनिधिमंडल कुलपति से मिला। कुलपति को सौपे पत्र में एबीवीपी ने बताया है कि नामंकन के लिए टीपी कॉलेज के प्राचार्य को भेजे गए पत्र में टेम्परिंग की गयी है। वही प्रोवीसी के पत्र के आधार पर नामांकन होने की वजह से छात्रा के नामांकन के लिए सीधे तौर पर प्रोवीसी को ही जिम्मेवार ठहराया गया है। छात्र नेताओं ने कहा है कि प्रोवीसी के पत्र के आधार पर ही छात्रा का अवैध रूप से नामांकन हुआ लेकिन जाँच उन्हें ही सौप दी गयी।
कुलपति को छात्र नेताओं ने बताया कि बीएड नामांकन में प्रोवीसी की इससे पूर्व भी आरएम कॉलेज मामले में भूमिका संदिग्ध रह चुकी है। इनके पत्र के आधार पर ही वहां भी तत्कालीन प्रॉक्टर पुत्र का नामांकन कम मार्क्स रहने के वावजूद हुआ। इस बात की जानकारी रहने के वावजूद टीपी कॉलेज नामंकन फर्जीवाड़ा में पुनः उन्ही से जाँच कराना सर्वथा अनुचित था।
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नामंकन में गड़बड़ी के महज तीन दिन बाद ही मामले का नामंकन समिति के सदस्यों ने किया था। वही जाँच रिपोर्ट में भी मदद किया था। इसके बावजूद मामले का खुलासा करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध ही प्रोवीसी ने अपने जाँच रिपोर्ट में एक हजार रुपया प्रतिमाह कटौती का अनुसंशा कर दिया है। छात्रा ममता कुमारी का नामांकन सात फरबरी को हुआ था। 10 फरबरी को ही बीएड के सहायक प्राध्यापक सह नामंकन समिति के सदस्य आशुतोष कुमार झा ने 10 फरबरी को ही इसकी जानकारी विभागध्यक्ष को दे दी थी।
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बीएन मंडल विवि अंतर्गत टीपी कॉलेज बीएड नामांकन फर्जीवाड़े में प्रोवीसी द्वारा बनाई गई रिपोर्ट को लेकर एबीवीपी का प्रतिनिधिमंडल कुलपति से मिला। एबीवीपी के छात्र नेताओं ने कुलपति को पत्र देकर प्रोवीसी के जाँच रिपोर्ट को आधारहीन,तर्कहीन एवं अतार्किक बताते हुए ख़ारिज करने की मांग की है। मामले में दोषी पदाधिकारी को बचाने की मंशा से सुचना देने वाले कर्मचारियों को दण्डित किये जाने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति से प्रोवीसी के विरुद्ध कार्रवाई करने एवं टीपी कॉलेज के प्राचार्य एवं टीपी कॉलेज बीएड के समन्यवक का स्थानांनतरण अन्यत्र करने की मांग की गयी है। विभाग संयोजक रंजन यादव के नेतृत्व में कुलपति से मिलने वाले एबीवीपी के प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शशि कुमार यादव,जिला संगठन मंत्री उपेंद्र कुमार भरत,विवि छात्र संघ के संयुक्त सचिव अमृत राज,विवि छात्र संघ कोषाध्यक्ष सोनी कुमारी,हर्षवर्धन कुमार एवं सौरभ कुमार शामिल थे। टीपी कॉलेज में
प्रोवीसी के पत्र के आधार पर एससी कोटि में सामान्य वर्ग की छात्रा का हुए नामांकन को लेकर एबीवीपी लगातार कार्रवाई की मांग कर रही है। मामले का खुलासा भी एबीवीपी ने ही किया था। इसी मामले में प्रोवीसी द्वारा सौपे गये जाँच रिपोर्ट के बाद एबीवीपी का प्रतिनिधिमंडल कुलपति से मिला। कुलपति को सौपे पत्र में एबीवीपी ने बताया है कि नामंकन के लिए टीपी कॉलेज के प्राचार्य को भेजे गए पत्र में टेम्परिंग की गयी है। वही प्रोवीसी के पत्र के आधार पर नामांकन होने की वजह से छात्रा के नामांकन के लिए सीधे तौर पर प्रोवीसी को ही जिम्मेवार ठहराया गया है। छात्र नेताओं ने कहा है कि प्रोवीसी के पत्र के आधार पर ही छात्रा का अवैध रूप से नामांकन हुआ लेकिन जाँच उन्हें ही सौप दी गयी।
कुलपति को छात्र नेताओं ने बताया कि बीएड नामांकन में प्रोवीसी की इससे पूर्व भी आरएम कॉलेज मामले में भूमिका संदिग्ध रह चुकी है। इनके पत्र के आधार पर ही वहां भी तत्कालीन प्रॉक्टर पुत्र का नामांकन कम मार्क्स रहने के वावजूद हुआ। इस बात की जानकारी रहने के वावजूद टीपी कॉलेज नामंकन फर्जीवाड़ा में पुनः उन्ही से जाँच कराना सर्वथा अनुचित था।
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नामंकन में गड़बड़ी के महज तीन दिन बाद ही मामले का नामंकन समिति के सदस्यों ने किया था। वही जाँच रिपोर्ट में भी मदद किया था। इसके बावजूद मामले का खुलासा करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध ही प्रोवीसी ने अपने जाँच रिपोर्ट में एक हजार रुपया प्रतिमाह कटौती का अनुसंशा कर दिया है। छात्रा ममता कुमारी का नामांकन सात फरबरी को हुआ था। 10 फरबरी को ही बीएड के सहायक प्राध्यापक सह नामंकन समिति के सदस्य आशुतोष कुमार झा ने 10 फरबरी को ही इसकी जानकारी विभागध्यक्ष को दे दी थी।
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